किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में इन दिनों बर्फबारी जोरों पर हैं. ऐसे में लोग ठंड में अपना बचाव कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों ने अपने पशुओं को घर से बेघर कर दिया है. ऐसे में इन बेसहारा पशुओं को सर्दियों के इस मौसम में खाने को चारा और पीने के लिए पानी तक नहीं है.
जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में बचत भवन के पास कुछ बेसहारा पशु इन दिनों बर्फबारी में भूखे और प्यासे खाने की तलाश में भटक हैं. इन पशुओं को बर्फ की सफेद चादर में ठंड के अलावा खाने को कुछ नहीं मिल रहा है. ऐसे में ये बेसहारा पशु लोगों के फेंके गए कूड़ा खाने के लिए मजबूर हैं. इसमें प्लास्टिक का कूड़ा भी शामिल है, जिससे इन बेसहारा पशुओं के मरने का खतरा बना रहता है.
बता दें कि इन बेसहारा पशुओं को रहने के लिए भी आशियाना नहीं है. स्थानीय लोगों ने अपने घरों से सर्दियों में इन्हें बेसहारा कर दिया है, जिसके चलते ये पशु अब रिकांगपिओ की गलियों में बर्फबारी में ठंड में ठिठुरते हुए दिन रात खाने की तलाश में करते रहते है.
वहीं, प्रशासन ने इन बेसहारा पशुओं के लिए किन्नौर में पशुशाला भी नहीं बनाई है. बता दें कि सर्दी में रिकांगपिओ में ठंड की चपेट में आने से दो पशुओं की मौत भी हो चुकी है.
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