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बर्फबारी में बेसहारा पशु कूड़ा खाकर कर रहे गुजारा, कोई नहीं इनका किन्नौर में सहारा - किन्नौर न्यूज

रिकांगपिओ में ठंड के इस मौसम में बेसहारा पशु कूड़ा खाने को मजबूर हैं. सर्दियों के इस मौसम में इन बेसहारा पशुओं को खाने के लिए चारा और पीने के लिए पानी भी नसीब नहीं हो रहा है.

Destitute animals  eating garbage kinnaur
किन्नौर में बेसहारा पशु खा रहे कूड़ा
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Published : Jan 13, 2020, 2:01 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में इन दिनों बर्फबारी जोरों पर हैं. ऐसे में लोग ठंड में अपना बचाव कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों ने अपने पशुओं को घर से बेघर कर दिया है. ऐसे में इन बेसहारा पशुओं को सर्दियों के इस मौसम में खाने को चारा और पीने के लिए पानी तक नहीं है.

जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में बचत भवन के पास कुछ बेसहारा पशु इन दिनों बर्फबारी में भूखे और प्यासे खाने की तलाश में भटक हैं. इन पशुओं को बर्फ की सफेद चादर में ठंड के अलावा खाने को कुछ नहीं मिल रहा है. ऐसे में ये बेसहारा पशु लोगों के फेंके गए कूड़ा खाने के लिए मजबूर हैं. इसमें प्लास्टिक का कूड़ा भी शामिल है, जिससे इन बेसहारा पशुओं के मरने का खतरा बना रहता है.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि इन बेसहारा पशुओं को रहने के लिए भी आशियाना नहीं है. स्थानीय लोगों ने अपने घरों से सर्दियों में इन्हें बेसहारा कर दिया है, जिसके चलते ये पशु अब रिकांगपिओ की गलियों में बर्फबारी में ठंड में ठिठुरते हुए दिन रात खाने की तलाश में करते रहते है.

वहीं, प्रशासन ने इन बेसहारा पशुओं के लिए किन्नौर में पशुशाला भी नहीं बनाई है. बता दें कि सर्दी में रिकांगपिओ में ठंड की चपेट में आने से दो पशुओं की मौत भी हो चुकी है.

ये भी पढ़ें: लुधियाना में 'धीया दी लोहड़ी' मेले का आयोजन, सुंदरिये-मुंदरिये पर जमकर झूमे लोग

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में इन दिनों बर्फबारी जोरों पर हैं. ऐसे में लोग ठंड में अपना बचाव कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों ने अपने पशुओं को घर से बेघर कर दिया है. ऐसे में इन बेसहारा पशुओं को सर्दियों के इस मौसम में खाने को चारा और पीने के लिए पानी तक नहीं है.

जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में बचत भवन के पास कुछ बेसहारा पशु इन दिनों बर्फबारी में भूखे और प्यासे खाने की तलाश में भटक हैं. इन पशुओं को बर्फ की सफेद चादर में ठंड के अलावा खाने को कुछ नहीं मिल रहा है. ऐसे में ये बेसहारा पशु लोगों के फेंके गए कूड़ा खाने के लिए मजबूर हैं. इसमें प्लास्टिक का कूड़ा भी शामिल है, जिससे इन बेसहारा पशुओं के मरने का खतरा बना रहता है.

वीडियो रिपोर्ट

बता दें कि इन बेसहारा पशुओं को रहने के लिए भी आशियाना नहीं है. स्थानीय लोगों ने अपने घरों से सर्दियों में इन्हें बेसहारा कर दिया है, जिसके चलते ये पशु अब रिकांगपिओ की गलियों में बर्फबारी में ठंड में ठिठुरते हुए दिन रात खाने की तलाश में करते रहते है.

वहीं, प्रशासन ने इन बेसहारा पशुओं के लिए किन्नौर में पशुशाला भी नहीं बनाई है. बता दें कि सर्दी में रिकांगपिओ में ठंड की चपेट में आने से दो पशुओं की मौत भी हो चुकी है.

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Intro:किन्नौर न्यूज़।

बर्फभारी में बेसहारा पशु कूड़ा खाकर कर रहे गुजारा,कोई नही इनका किन्नौर में सहारा।

किन्नौर-जनजातीय जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में इन दिनों बर्फभारी जोरो पर है और ऐसे में लोग ठंड में अपना बचाव तो कर रहे है लेकिन स्थानीय लोगो ने अपने पशुओ को घर से बेघर कर दिया है ऐसे में इन बेसहारा पशुओ को अब सर्दियों में ठंड में खाने को चारा नही और पीने को पानी नही है।




Body:जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में बचत भवन के समीप कुछ बेसहारा पशु इन दिनों बर्फभारी में भूखे और प्यासे खाने की तलाश में भटक है ओर बर्फ़ की मोटी सफेद चादर में इन पशुओ को ठंड के अलावा खाने को कुछ नही मिल रहा है ऐसे में ये बेसहारा पशु लोगो के फेंके गए कुड़े को खाने पर मजबूर है जिससे इन बेसहारा पशुओ के मरने का खतरा बना रहता है क्यों कि कुड़े में प्लास्टिक का कूड़ा ज़्यादा है और पशु प्लास्टिक के चीजे खा रहे हैं।





Conclusion:बता दे कि इन बेसहारा पशुओ को रहने के लिए भी आशियाना नही है और सभी पशु स्थानीय लोगो ने अपने घरों से सर्दियों में इन्हें बेसहारा कर दिया है जिसके चलते ये पशु अब रिकांगपिओ की गलियों में बर्फभारी में ठंड में ठिठुरते हुए दिन रात खाने की तलाश में रहते है और अबतक प्रशासन द्वारा भी इन बेसहारा पशुओ के लिए किन्नौर में पशुशाला नही बनाया है बता दे कि इस सर्दी में रिकांगपिओ में ठंड की चपेट में आने से दो पशुओ की मौत भी हो चुकी है।


बाईट---दयाल नेगी--कोठी गांव उपप्रधान
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