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SMC टीचर्स के निलंबन पर पिटीशन फाइल करने की मांग, HC ने रद्द की थी नियुक्ति

किन्नौर पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी ने प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से एसएमसी अध्यापकों को निलंबन के फैसले पर सरकार से रिपीटीशन याचिका दायर करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि एसएमसी के अध्यापकों की नौकरी को बचाने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए.

किन्नौर पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी
किन्नौर पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी
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Published : Aug 19, 2020, 6:22 PM IST

किन्नौर: प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से हिमाचल के स्कूलों में काम कर रहे एसएमसी के हजारों अध्यापकों को पिछले दिनों उनकी नौकरी से निलंबित करने का फैसला लिया गया था. उच्च न्यायालय के इस फैसले पर किन्नौर पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी ने प्रतिक्रिया दी है.

पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी ने रिकांगपिओ में प्रेसवार्ता कर प्रदेश सरकार को इस संदर्भ में न्यायालय से इस विषय में अध्यापकों के संरक्षण पर विचारमंथन के लिए रिपीटीशन याचिका दायर करने की मांग की है. पूर्व विधायक ने कहा कि प्रदेश में 2,613 एसएमसी अध्यापक प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिसमें से जिला किन्नौर के दूरदराज क्षेत्रों में 140 एसएमसी अध्यापक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में कई अध्यापकों का घर इस नौकरी पर टिका हुआ है.

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पूर्व विधायक ने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से एसएमसी अध्यापकों को निलंबन के आदेश न्यायालय की अपनी प्रक्रिया है, लेकिन प्रदेश सरकार को न्यायालय में दोबारा से इस विषय पर पिटीशन फाइल करनी चाहिए. एसएमसी के अध्यापकों की नौकरी को बचाने के लिए सरकार को सामने आना चाहिए. प्रदेश सरकार ने अब तक हर विषय पर प्रदेश के अंदर अच्छा काम किया है. ऐसे में अब एसएमसी के अध्यापकों के लिए भी विचार करना चाहिये जिससे प्रदेश के हजारों एसएमसी अध्यापकों और उनके परिवार को राहत मिलेगी.

कौन हैं एसएमसी शिक्षक

दरअसल, जो शिक्षक स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की ओर से स्कूलों में नियुक्त किए जाते हैं, उन्हें एसएमसी शिक्षक कहा जाता है. हिमाचल में तकरीबन 2600 ऐसे शिक्षक पठन-पाठन के काम में लगे हैं. इस फैसले पर एसएमसी अध्यापकों का कहना है कि वे साल 2012 से प्रदेश के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रुकावट के अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार की ओर से नियमों के तहत किया गया है.

ये भी पढ़ें- एसएमसी शिक्षक संघ ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, 3 दिन का दिया अल्टीमेटम

किन्नौर: प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से हिमाचल के स्कूलों में काम कर रहे एसएमसी के हजारों अध्यापकों को पिछले दिनों उनकी नौकरी से निलंबित करने का फैसला लिया गया था. उच्च न्यायालय के इस फैसले पर किन्नौर पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी ने प्रतिक्रिया दी है.

पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी ने रिकांगपिओ में प्रेसवार्ता कर प्रदेश सरकार को इस संदर्भ में न्यायालय से इस विषय में अध्यापकों के संरक्षण पर विचारमंथन के लिए रिपीटीशन याचिका दायर करने की मांग की है. पूर्व विधायक ने कहा कि प्रदेश में 2,613 एसएमसी अध्यापक प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिसमें से जिला किन्नौर के दूरदराज क्षेत्रों में 140 एसएमसी अध्यापक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में कई अध्यापकों का घर इस नौकरी पर टिका हुआ है.

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पूर्व विधायक ने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से एसएमसी अध्यापकों को निलंबन के आदेश न्यायालय की अपनी प्रक्रिया है, लेकिन प्रदेश सरकार को न्यायालय में दोबारा से इस विषय पर पिटीशन फाइल करनी चाहिए. एसएमसी के अध्यापकों की नौकरी को बचाने के लिए सरकार को सामने आना चाहिए. प्रदेश सरकार ने अब तक हर विषय पर प्रदेश के अंदर अच्छा काम किया है. ऐसे में अब एसएमसी के अध्यापकों के लिए भी विचार करना चाहिये जिससे प्रदेश के हजारों एसएमसी अध्यापकों और उनके परिवार को राहत मिलेगी.

कौन हैं एसएमसी शिक्षक

दरअसल, जो शिक्षक स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की ओर से स्कूलों में नियुक्त किए जाते हैं, उन्हें एसएमसी शिक्षक कहा जाता है. हिमाचल में तकरीबन 2600 ऐसे शिक्षक पठन-पाठन के काम में लगे हैं. इस फैसले पर एसएमसी अध्यापकों का कहना है कि वे साल 2012 से प्रदेश के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रुकावट के अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार की ओर से नियमों के तहत किया गया है.

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