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किन्नौर के रिब्बा में फुल्याच मेले का हुआ आगाज, ग्रामीणों ने की देवता कासूराज की पूजा-अर्चना

जनजातीय जिला किन्नौर के रिब्बा में सात दिवसीय फुल्याच मेले का शुभारंभ डीसी आबिद हुैसन सादिक ने किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि किन्नौर अपनी समृद्ध संस्कृति, रीति रिवाज के लिए न केवल प्रदेश बल्कि विदेश में भी अपनी अलग पहचान रखता है. आज भी ग्रामीण सदियों से चली आ रही फुल्याच मेले की परंपराओं का निर्वाहन कर रहे हैं.

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Published : Sep 18, 2021, 3:33 PM IST

किन्नौर: रिब्बा में जिला स्तरीय 7 दिवसीय फुल्याच मेले का आगाज हो गया है. उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने शुभारंभ किया है. इस मौके पर बधाई देते हुए कहा कि यह खुशी का विषय है कि ग्रामीण आज भी सदियों से चली आ रही फुल्याच मेले की परम्पराओं का निर्वाहन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला अपनी समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाज, त्योहार, वेश-भूषा व पहनावे के लिए न केवल प्रदेश बल्कि देश व विदेश में भी जाना जाता है. इसी से जिले की एक अलग पहचान है. सदियों से यहां की समृद्ध संस्कृति रीति-रिवाजों से रूबरू होने के लिए यहां देश विदेश के पर्यटक व स्कॉलर आते रहे हैं. ऐसे में हम सभी का भी यह दायित्व बनता है कि हम अपनी समृद्ध संस्कृति के संरक्षण के लिए आगे आएं ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए हम इसका संरक्षण सुनिश्चित बना सकें.

वीडियो.

उपायुक्त ने कहा कि फुल्याच उत्सव अपने आप में एक अलग व अनोखा पर्व है, जिसे सभी ग्रामवासी आपसी मेल मिलाप से अपने गांव से लगभग 8 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित शरपो-सनतंग में मनाते हैं. इस दौरान सभी स्थानीय लोग जहां स्थानीय देवता कासूराज महाराज की पूजा अर्चना करते हैं. वहीं, संगीत व नाच-गान का भी देर-रात तक आयोजन होता है. देव-पूजा के लिए ऊंची पहाड़ियों, कैलाश पर्वत के आंचल से स्थानीय लोगों द्वारा ब्रह्मकमल व धूप लाया जाता है.

ब्रह्मकमल तथा धूप लेकर वापस आए श्रद्धालुओं व स्थानीय देवता कासूराज महाराज के मिलन का दृश्य अपने आप में अद्भुत होता है तथा सब को मोहित कर लेता है. इस अवसर पर स्थानीय ग्राम पंचायत रिब्बा की प्रधान राधिका नेगी ने मुख्य अतिथि तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मांगों को भी मुख्य अतिथि के समक्ष रखा. उन्होंने रिब्बा में पार्किंग समस्या का हल करने, सीए स्टोर का निर्माण करने, खेल-कूद मैदान व पुल के साथ दीवार लगाने सहित अनेक मांगे मुख्य अतिथि के समक्ष प्रस्तुत की. उन्होंने रिब्बा फुल्याच मेले के इतिहास के बारे में भी जानकारी दी.

ये भी पढ़ें: पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच प्रियंका गांधी पहुंचीं शिमला

किन्नौर: रिब्बा में जिला स्तरीय 7 दिवसीय फुल्याच मेले का आगाज हो गया है. उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने शुभारंभ किया है. इस मौके पर बधाई देते हुए कहा कि यह खुशी का विषय है कि ग्रामीण आज भी सदियों से चली आ रही फुल्याच मेले की परम्पराओं का निर्वाहन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला अपनी समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाज, त्योहार, वेश-भूषा व पहनावे के लिए न केवल प्रदेश बल्कि देश व विदेश में भी जाना जाता है. इसी से जिले की एक अलग पहचान है. सदियों से यहां की समृद्ध संस्कृति रीति-रिवाजों से रूबरू होने के लिए यहां देश विदेश के पर्यटक व स्कॉलर आते रहे हैं. ऐसे में हम सभी का भी यह दायित्व बनता है कि हम अपनी समृद्ध संस्कृति के संरक्षण के लिए आगे आएं ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए हम इसका संरक्षण सुनिश्चित बना सकें.

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उपायुक्त ने कहा कि फुल्याच उत्सव अपने आप में एक अलग व अनोखा पर्व है, जिसे सभी ग्रामवासी आपसी मेल मिलाप से अपने गांव से लगभग 8 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित शरपो-सनतंग में मनाते हैं. इस दौरान सभी स्थानीय लोग जहां स्थानीय देवता कासूराज महाराज की पूजा अर्चना करते हैं. वहीं, संगीत व नाच-गान का भी देर-रात तक आयोजन होता है. देव-पूजा के लिए ऊंची पहाड़ियों, कैलाश पर्वत के आंचल से स्थानीय लोगों द्वारा ब्रह्मकमल व धूप लाया जाता है.

ब्रह्मकमल तथा धूप लेकर वापस आए श्रद्धालुओं व स्थानीय देवता कासूराज महाराज के मिलन का दृश्य अपने आप में अद्भुत होता है तथा सब को मोहित कर लेता है. इस अवसर पर स्थानीय ग्राम पंचायत रिब्बा की प्रधान राधिका नेगी ने मुख्य अतिथि तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मांगों को भी मुख्य अतिथि के समक्ष रखा. उन्होंने रिब्बा में पार्किंग समस्या का हल करने, सीए स्टोर का निर्माण करने, खेल-कूद मैदान व पुल के साथ दीवार लगाने सहित अनेक मांगे मुख्य अतिथि के समक्ष प्रस्तुत की. उन्होंने रिब्बा फुल्याच मेले के इतिहास के बारे में भी जानकारी दी.

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