किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के जिला पर्यटन अधिकारी मेजर अवनींद्र शर्मा ने रिकांगपिओ में कहा कि जिला किन्नौर में बिगड़ते मौसम के मिजाज को देखते हुए सभी पर्यटक जिला के नदी नालों और ग्लेशियर पॉइंट्स पर घूमने न जाये क्योंकि अब पहाड़ों से बर्फ और ग्लेशियर के पिघलने का सिलसिला जारी है. ऐसे में पहाड़ों से ग्लेशियर के साथ नदी नालों में बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है जिससे पर्यटकों को जानमाल का नुकसान भी हो सकता है.
बिगड़ते मौसम को देख किन्नौर में जारी हुए निर्देश, पर्यटकों से नदी के आसपास न जाने की अपील - पर्यटकों से अपील किन्नौैर
जिला किन्नौर में बिगड़ते मौसम के मिजाज को देखते हुए पर्यटकों को जिला के नदी नालों और ग्लेशियर पॉइंट्स पर घूमने न जाने के निर्देश दिए गए हैं. दरअसल पहाड़ों से ग्लेशियर के साथ नदी नालों में बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है जिससे पर्यटकों को जानमाल का नुकसान भी हो सकता है.
KINNAUR
किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के जिला पर्यटन अधिकारी मेजर अवनींद्र शर्मा ने रिकांगपिओ में कहा कि जिला किन्नौर में बिगड़ते मौसम के मिजाज को देखते हुए सभी पर्यटक जिला के नदी नालों और ग्लेशियर पॉइंट्स पर घूमने न जाये क्योंकि अब पहाड़ों से बर्फ और ग्लेशियर के पिघलने का सिलसिला जारी है. ऐसे में पहाड़ों से ग्लेशियर के साथ नदी नालों में बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है जिससे पर्यटकों को जानमाल का नुकसान भी हो सकता है.
ग्लेशियर टूटने से नदियों में बाढ़
अवनींद्र शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में पहाड़ों से ग्लेशियर टूटकर नदियों में बाढ़ आई है जिसके चलते सैकड़ों लोग अबतक लापता है जिनका रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर भी वर्ष 2000 और 2005 में ऐसी ही त्रासदी देख चुका है जिसमें कई लोगों के शव नहीं मिले. उन्होंने कहा कि इन दिनों जिला किन्नौर में भारी मात्रा में पर्यटक घूमने के लिए आ रहे हैं ऐसे में कई पर्यटक नदी और पहाड़ों पर घूमने जा रहे हैं. ऐसे में कई बार पहाड़ों से ग्लेशियर के खिसकने से जानमाल का नुकसान हो सकता है. इससे पूर्व जिला में बड़े बड़े ग्लेशियर गिरने से कई लोगो को नुकसान हुआ है और लोगों को जानमाल से भी हाथ धोना पड़ा है.
नदी नालों पर जाने से सख्त मनाही
अवनींद्र शर्मा ने कहा कि जिला किन्नौर में सभी पर्यटकों और स्थानीय लोगों को नदी नालों पर जाने से सख्त मनाही को लेकर निर्देश जारी किए हैं और पुलिस प्रशासन भी नदी नालों के आसपास लोगो को जाने से रोकने के लिए नदी नालों के आसपास के सभी क्षेत्रों में गश्त लगा रही है ताकि जिला में बिगड़ते मौसम के दौरान किसी पर्यटक और स्थानीय लोगों को नदी नालों और पहाड़ों से गिरने वाले ग्लेशियर से नुकसान न हो.
ग्लेशियर टूटने से नदियों में बाढ़
अवनींद्र शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में पहाड़ों से ग्लेशियर टूटकर नदियों में बाढ़ आई है जिसके चलते सैकड़ों लोग अबतक लापता है जिनका रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर भी वर्ष 2000 और 2005 में ऐसी ही त्रासदी देख चुका है जिसमें कई लोगों के शव नहीं मिले. उन्होंने कहा कि इन दिनों जिला किन्नौर में भारी मात्रा में पर्यटक घूमने के लिए आ रहे हैं ऐसे में कई पर्यटक नदी और पहाड़ों पर घूमने जा रहे हैं. ऐसे में कई बार पहाड़ों से ग्लेशियर के खिसकने से जानमाल का नुकसान हो सकता है. इससे पूर्व जिला में बड़े बड़े ग्लेशियर गिरने से कई लोगो को नुकसान हुआ है और लोगों को जानमाल से भी हाथ धोना पड़ा है.
नदी नालों पर जाने से सख्त मनाही
अवनींद्र शर्मा ने कहा कि जिला किन्नौर में सभी पर्यटकों और स्थानीय लोगों को नदी नालों पर जाने से सख्त मनाही को लेकर निर्देश जारी किए हैं और पुलिस प्रशासन भी नदी नालों के आसपास लोगो को जाने से रोकने के लिए नदी नालों के आसपास के सभी क्षेत्रों में गश्त लगा रही है ताकि जिला में बिगड़ते मौसम के दौरान किसी पर्यटक और स्थानीय लोगों को नदी नालों और पहाड़ों से गिरने वाले ग्लेशियर से नुकसान न हो.