धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में बीते 17 दिनों से जिला परिषद कर्मियों की हड़ताल जारी है. विभाग में विलय करने की मांग को लेकर कर्मियों में काफि रोष है. दरअसल, कांगड़ा के जिला परिषद कैडर कर्मचारियों ने हड़ताल के दौरान कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे. उनका कहना है कि प्रदेश की जनता को जन्म और मृत्यु का प्रमाणिक प्रमाण पत्र देने वाले कर्मचारियों को आखिर कब सरकारी किया जाएगा. अगर प्रदेश भर में ये जिला परिषद कैडर कर्मचारी सरकारी नहीं हैं तो इनकी ओर से दिए गए स्टाम्प और हस्ताक्षर किए गए जन्म व मृत्यु सहित और सभी प्रकार के प्रमाण पत्र पर कैसे प्रमाणित रूप में माने जाते है.
प्रदेशभर में कलम छोड़ो हड़ताल पर बैठे 4700 कर्मचारी: दरअसल, प्रदेशभर में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बैठे कर्मचारियों की हड़ताल का आज 17वां दिन रहा. बता दें कि प्रदेशभर में लगभग 4700 कर्मचारी कलम छोड़ो हड़ताल पर बैठे हैं. जिससे पंचायतों का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. वहीं, जिला परिषद कैडर कर्मचारियों प्रदेश सरकार से मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द उन्हें विभाग में विलय करें.
जिला परिषद कैडर कर्मचारी सुरेंद्र कुमार ने मांग उठाते हुए कहा कि कैडर कर्मचारियों ने पिछले साल भी अपनी मांगों को लेकर 13 दिन की हड़ताल की थी, लेकिन आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया और इस बार कर्मचारी पूरे दृढ़ निश्चय से हड़ताल पर बैठे है और जब तक कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होगी, वह काम पर वापस नहीं जाएंगे.