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शिमला के युवाओं ने दिया स्वच्छता का संदेश, श्रीखंड यात्रा के दौरान चलाया स्वच्छता अभियान - Shimla ke yuvaon ne diya swachta ka sandesh

श्रीखंड महादेव की यात्रा के दौरान शिमला के स्थानीय युवाओं ने स्वच्छता अभियान चलाया. युवाओं ने रास्ते में पड़े प्लास्टिक के कूड़े को इकट्ठा किया और उसे बेस कैंप सिंहगाड़ तक पहुंचाया.

श्रीखंड महादेव
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Published : Jul 27, 2019, 1:27 PM IST

ज्वालामुखी: भारत की सबसे कठिन श्रीखंड महादेव की यात्रा के दौरान शिमला के स्थानीय युवाओं ने स्वच्छता का संदेश दिया है. शिमला के युवाओं ने श्रीखंड जाने वाले रास्ते में पड़े कूड़े को इकट्ठा किया और उसे लगभग 20 किलोमीटर दूर बेस कैंप तक पहुंचाया.

वहीं, युवाओं ने यहां से गुजर रहे श्रद्धालुओं को भी रास्ते में कूड़ा न फेंकने और पर्यावरण को साफ सुथरा रखने की अपील की. बता दें कि श्रीखंड के रास्ते में जो भी प्लास्टिक बिखरा पड़ा था उसे बोरों में इकट्ठा कर बेस कैंप तक पहुंचाया. इस दौरान दूसरे श्रद्धालुओं ने भी युवकों का साथ दिया.

शिमला के युवाओं ने दिया स्वच्छता का संदेश

श्रद्धालुओं ने कहा कि श्रीखंड महादेव की यात्रा पर हजारों की तादात में देशभर से लोग भोले के दर्शन के लिए आते हैं. ऐसे में यहां पड़ी गंदगी अपने आप में ही एक धब्बा है, साथ ही स्वच्छता के नाम पर इस घाटी का नाम बदनाम हो सकता है. इसलिए हमें चाहिए कि हम इसे साफ सुथरा रखें. साथ ही लोगों को भी ये सन्देश दें कि इस जगह गंदगी न फैलाएं.

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बता दें कि साल श्रीखंड यात्रा 15 जुलाई शुरू हुई थी. यह यात्रा इतनी कठिन है कि यहां चलते चलते खुद लोग थक जाते हैं. ऐसे में लगभग 20 किलोमीटर दूर बेस कैंप सिंहगाड तक कूड़ा पहुंचाना अपने आप में ही बताता है कि पर्यावरण के प्रति युवाओं में कितना प्रेम है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल का पहला वाटर ट्रासंपोर्ट जल्द होगा शुरू, मंत्री गोविंद ठाकुर बोले- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

ज्वालामुखी: भारत की सबसे कठिन श्रीखंड महादेव की यात्रा के दौरान शिमला के स्थानीय युवाओं ने स्वच्छता का संदेश दिया है. शिमला के युवाओं ने श्रीखंड जाने वाले रास्ते में पड़े कूड़े को इकट्ठा किया और उसे लगभग 20 किलोमीटर दूर बेस कैंप तक पहुंचाया.

वहीं, युवाओं ने यहां से गुजर रहे श्रद्धालुओं को भी रास्ते में कूड़ा न फेंकने और पर्यावरण को साफ सुथरा रखने की अपील की. बता दें कि श्रीखंड के रास्ते में जो भी प्लास्टिक बिखरा पड़ा था उसे बोरों में इकट्ठा कर बेस कैंप तक पहुंचाया. इस दौरान दूसरे श्रद्धालुओं ने भी युवकों का साथ दिया.

शिमला के युवाओं ने दिया स्वच्छता का संदेश

श्रद्धालुओं ने कहा कि श्रीखंड महादेव की यात्रा पर हजारों की तादात में देशभर से लोग भोले के दर्शन के लिए आते हैं. ऐसे में यहां पड़ी गंदगी अपने आप में ही एक धब्बा है, साथ ही स्वच्छता के नाम पर इस घाटी का नाम बदनाम हो सकता है. इसलिए हमें चाहिए कि हम इसे साफ सुथरा रखें. साथ ही लोगों को भी ये सन्देश दें कि इस जगह गंदगी न फैलाएं.

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बता दें कि साल श्रीखंड यात्रा 15 जुलाई शुरू हुई थी. यह यात्रा इतनी कठिन है कि यहां चलते चलते खुद लोग थक जाते हैं. ऐसे में लगभग 20 किलोमीटर दूर बेस कैंप सिंहगाड तक कूड़ा पहुंचाना अपने आप में ही बताता है कि पर्यावरण के प्रति युवाओं में कितना प्रेम है.

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Intro:श्रीखंड यात्रा में शिमला के स्थानीय युवाओं ने दिया स्वछता का सन्देश

कूड़ा-कचरा इकठ्ठा करके 15 से 20 किलोमीटर दूर बेस कैम्प तक पहुँचायाBody:
ज्वालामुखी, 27 जुलाई (नितेश) : भारत की सबसे कठिन श्रीखंड महादेव की यात्रा के दौरान शिमला के स्थानीय युवाओं ने यहां स्वछता का संदेश दिया है। पर्यावरण के प्रति इन श्रद्धालुओं का प्यार इतना की इन्होंने जहां श्रीखंड महादेव के रास्ते में पड़ा कूड़ा बोरियों में एकत्रित कर 15 से 20 किलोमीटर दूर बेस कैम्प तक पहुंचाया वहीं यहां से गुजर रहे श्रद्धालुओं को भी रास्ते मे कूड़ा न फैंकने व पर्यावरण को साफ सुथरा रखने की अपील की। शिमला के लालपानी के रहने वाले स्थानीय युवक संजू गौरा, प्रदीप व आर टी ओ स्तिथ रहने बाले युवकों रोहित, कार्तिक, जगु, बबलू सहित अन्य ने बताया कि उन्होंने पर्यावरण सरंक्षण के लिए श्रीखंड के रस्ते में जो भी कूड़ा कर्कट प्लास्टिक के रूप में बिखरा पड़ा था उसे एकत्रित कर बेस कैम्प तक पहुंचाया।
सभी भक्तों ने लगभग 15 से 20 किलोमीटर के रास्ते में बोरों में कचरा भर कर लाए। इस दौरान अन्य श्रद्धालुओ ने युवकों के इस कार्य के लिए उनका प्रोत्साहन बढ़ाया, साथ ही उनके इस नेक कार्य मे भी अपना योगदान दिया।
इन श्रद्धालुओं का कहना था कि महादेव की नगरी जहां हज़ारों की तादात में देशभर से श्रद्धालु भोले के दर्शनों के लिए आते है ऐसे में यहाँ पड़ी गंदगी अपने आप मे ही एक धब्बा है, साथ ही स्वछता के नाम पर इस घाटी का नाम बदनाम हो सकता है ऐसे में हमें चाहिए कि हम इसे साफ सुथरा रखे, साथ ही लोगों को भी ये सन्देश दें कि इस जगह में गंदगी न फैलाए।
बताते चलें कि 18 हज़ार से ज्यादा फ़ीट की श्रीखंड महादेव की यात्रा इतनी कठिन है कि यहां चलते चलते खुद लोगों की बस तक हो जाती है वहीं 15 से 20 किलोमीटर दूर से कूड़ा कचरा एकत्रित कर उसे कंधों में ढोकर बेस कैम्प सिंहगाड तक पहुचाँना अपने आप मे ही ये बयां करता है कि पर्यावरण के प्रति इन श्रद्धालुओं का कितना प्रेम है।

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