धर्मशाला: आज पूरे देश में करगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. इसी कड़ी में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल पीके रामपाल शहीद स्मारक धर्मशाला पहुंचे.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ करगिल युद्ध एक बहुत अहम हिस्सा है, क्योंकि इसमें पाकिस्तान और उसके नेताओं ने यह बता दिया कि वो पीठ में खंजर मारने में कितने माहिर है.
आम जनता करगिल को एक स्पेशल इवेंट मानती है, जबकि फौजी इसे कंटीनुएशन ऑफ इवेंट कहते हैं, 1947 से अब तक जब भारत से पाकिस्तान अलग हुआ था. यह लड़ाई तब से चली आ रही है और हो सकता कि आने वाले कई सालों तक चलती रहेगी.
उन्होंने कहा कि करगिल के बाद भी जब पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी गए तब भी पाकिस्तान ने कोई न कोई हरकत की. उसके बाद जब प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान गए थे, उसके बाद पठानकोट की घटना हुई, उसके बाद उरी की घटना हुई.
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल पीके रामपाल ने कहा कि यह सब उन चीजों की एक कड़ी है, जिसे तोड़ने के लिए हमें काफी मेहनत करनी पड़ेगी. हमें यह कोशिश करनी पड़ेगी कि पाकिस्तानियों की कमर तोड़ दें. साथ ही उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम शहीदों को सैल्यूट करने का है. सरकार जो भी कर रही है अपनी समझ के हिसाब से ठीक कर रही है.
पीके रामपाल ने कहा कि अगर किसी को लगता है कि सरकार ठीक नहीं कर रही है तो आज का दिन उस बात के लिए नहीं है. पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए यह जरूरी है कि उसे ऐसी चोट दी जाए कि वो आगे बढ़ने के लायक ही न रहे. पाकिस्तान के साथ बाहर की कई ताकतें भी हैं. बावजूद इसके पाक की जो अंदरूनी स्थिति है. उसे देखकर यही लगता है कि अभी तक यह सब ठीक हो जाता.
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