धर्मशाला: अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने चीनी सरकार से तिब्बती बौद्ध गुरु 11वें पंचेन लामा से उनकी जानकारी मांगते हुए पूछा है कि वह अब कहां हैं. बता दें कि पंचेन लामा को चीनी प्रशासन ने बंधक बना लिया था जब वह महज 6 साल के थे.
यूएससीआइआरएफ आयुक्त नाडाइन मेंजा ने मांग की है कि तिब्बती बौद्ध धर्म में दलाई लामा के बाद दूसरे सबसे बड़े धर्म गुरु पंचेन लामा से एक स्वतंत्र विशेषज्ञ को मिलने की अनुमति दी जाए, ताकि वह उनके सकुशल होने की पुष्टि कर सकें. दलाई लामा ने गेधुन चोकी निमा को बतौर 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता 14 अप्रैल, 1989 को दी थी.
मेंजा ने कहा कि 25 अप्रैल, 1989 को जन्मे गेधुन को 6 साल की उम्र में चीनी प्रशासन ने 15 मई, 1995 को सपरिवार अपहरण कर लिया था. तब से लेकर अब तक किसी को भी 11वें पंचेन लामा और उनके परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है.
गेधुन चोकी निमा के 32वें जन्मदिन पर उन्हें रिहा करने की मांग
पिछले महीने यूएससीआइआरएफ ने चीनी सरकार से गेधुन चोकी निमा के 32वें जन्मदिन पर उन्हें रिहा करने की मांग की है. मेंजा ने कहा कि चीनी सरकार इतनी क्रूरता पर उतर आई है और बौद्ध धर्म को इस कदर दबाना चाहती है कि छह साल के लड़के गेधुन का अपहरण कर लिया था. कोई नहीं जानता कि आज वह कहां हैं.
इस बीच चीन ने बौद्ध आबादी की धार्मिक आजादी पर कुठाराघात करते हुए ल्हासा में धार्मिक महीने 'सागा दावा' के दौरान किसी धार्मिक अनुष्ठान को करने से रोक दिया है. एक अधिसूचित सकुर्लर में बुधवार से शुरू हो रहे तिब्बती कैलेंडर के चार महीने में कोई पूजा-पाठ करने से रोक दिया गया है. बौद्धों के लिए यह अवधि बेहद पवित्र मानी जाती है.
पंचेन लामा को माना जाता है बुद्ध का अवतार
तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा की ही तरह पंचेन लामा को भी बुद्ध के ही एक रूप का अवतार माना जाता है. पंचेन लामा को अमिताभ का अवतार माना जाता है जो बुद्ध के असीम प्रकाश वाले दैवीय स्वरूप हैं, जबकि दलाई लामा उनके अवलोकितेश्वर स्वरूप के अवतार माने जाते हैं.
अवलोकितेश्वर को करुणा का बुद्ध माना जाता है. पारंपरिक रूप से, एक रूप दूसरे स्वरूप का गुरु हैं और दूसरे के अवतार की पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका मिलती है. पंचेन लामा की उम्र और दलाई लामा की उम्र में 50 से अधिक वर्ष का अंतर है. ऐसे में जब दलाई लामा के अवतार की खोज होगी तो ये काम पंचेन लामा ही करेंगे. ऐसा भी कहा जाता रहा है, लेकिन पंचेन लामा स्वयं कहां हैं इसका ही पता नहीं है.
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