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फूलों की खुशबू से महकी धौलाधार की वादियां, कश्मीर का एहसास करवा रहा पालमपुर का Tulip Garden

कश्मीर का एहसास अब आपको हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में भी होगा. दरअसल एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन श्रीनगर में है, तो वहीं, हिमाचल के पालमपुर में भी ट्यूलिप गार्डन आपका मन मोह लेगा और आपको श्रीनगर की वादियों की ही अनुभूति करवाएगा. सीएसआईआर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर द्वारा यह गार्डन तैयार किया गया है. (tulip garden palampur himachal pradesh)

Tulip Garden Palampur
Tulip Garden Palampur
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Published : Mar 13, 2023, 1:38 PM IST

Updated : Mar 13, 2023, 2:03 PM IST

कश्मीर का एहसास करवा रहा पालमपुर का Tulip Garden

धर्मशाला: कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन की सुंदरता का हर कोई कायल है. श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है जो कि कश्मीर की सुंदरता को चार चांद लगा देता है. वहीं, अब हिमाचल के पालमपुर में भी ट्यूलिप गार्डन की सुंदरता और खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर खींच रही है. सीएसआईआर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर द्वारा ये गार्डन तैयार किया गया है, जो बहुत ही सुंदर है.

ट्यूलिप गार्डन स्वदेशी ट्यूलिप पौध से किया है विकसित: पालमपुर में ट्यूलिप गार्डन की सुंदरता को निहारने के लिए बड़ी संख्या में आगंतुक पहुंचने लगे हैं. कश्मीर के पश्चात पालमपुर में देश का दूसरा ट्यूलिप गार्डन हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित किया गया है. यह ट्यूलिप गार्डन पूरी तरह से स्वदेशी ट्यूलिप पौध से विकसित किया गया है. हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में इसकी पौध को तैयार किया गया है.

फूल दिला रहे हैं कश्मीर का एहसास, दीदार करने को पहुंच रहे लोग
फूल दिला रहे हैं कश्मीर का एहसास, दीदार करने को पहुंच रहे लोग

पालमपुर ट्यूलिप गार्डन में 11 किस्मों के 50 हजार पौधे: ट्यूलिप हौलैंड में बहुतायत में पाया जाता है और इस पुष्प का गहरा रंग और सुंदर आकार लोगों को आकर्षित करता है. यह अपनी समरूपता के लिए विश्वभर में विख्यात है. इस फूल का गहरा रंग और सुंदर आकार मन को मोह लेता है. इसकी कई खूबसूरत प्रजातियां हैं. सीएसआईआर आईएचबीटी संस्थान पालमपुर में 11 किस्मों के करीब 50000 ट्यूलिप बल्ब (पौधे) लगाए हैं. पिछले साल यहां पर लगभग 28000 बल्ब (पौधे) लगाए थे, लेकिन इस साल यहां पर 50000 के करीब बल्ब (पौधे) लगाए गए हैं, जो आजकल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं.

टूरिस्ट बोले- श्रीनगर से भी सुंदर है पालमपुर का ट्यूलिप गार्डन: ट्यूलिप गार्डन देखने आए हुए पर्यटकों ने कहा कि उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है. पहले ट्यूलिप गार्डन को देखने के लिए श्रीनगर जाना पड़ता था. संस्थान के द्वारा बहुत सरहनीय कार्य किया गया है. सैलानियों ने कहा कि वह श्रीनगर ट्यूलिप गार्डन देखने भी गए हैं लेकिन उसकी तुलना में पालमुपर ट्यूलिप गार्डन ज्यादा सुंदर है. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि संस्थान द्वारा की गई मेहनत रंग लाई है, और धौलाधार की वादियों में ट्यूलिप गार्डन ने चार चांद लगा दिए हैं.

फूलों ने बढ़ाई धौलाधार वादियों की खूबसूरती
फूलों ने बढ़ाई धौलाधार वादियों की खूबसूरती

क्या बोले सीएसआईआर के वैज्ञानिक: सीएसआईआर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. भव्य भार्गव ने बताया कि देश में ट्यूलिप बल्ब का हम विदेशों से आयात करते हैं और यहां पर ट्यूलिप बल्ब के लगाने पर काफी समस्या होती थी. लेकिन संस्थान ने प्रदेश के लौहाल स्पीति में पिछले 5 वर्षो में शोध कर ट्यूलिप के बल्ब यहां कि जलवायु में तैयार कर सफलता हासिल की है. ट्यूलिप के फूलों की काफी मांग रहती है, अगर किसान इनको अपने खेतों में लगाता है तो उनकी आमदनी में काफी वृद्धि होगी. डॉ. भव्य भार्गव ने कहा कि ट्यूलिप गार्डन का यह दूसरा वर्ष है और इस बार ट्यूलिप की 11 किस्मों के 50 हजार के करीब पौधे लगाए गए हैं. उन्होनें कहा कि इस बार जून माह में लेह में भी ट्यूलिप गार्डन को शुरू कर दिया जाएगा और वहां पर डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है. संस्थान देश में ऐसा विकसित मॉडल तैयार करना चाहता है, जिससे बाहर के देशों पर ट्यूलिप के लिए निर्भरता कम की जाए. उन्होनें कहा कि संस्थान की न्यू दिल्ली मुंसिपल कॉरपोरेशन के साथ ट्यूलिप बल्ब को मल्टीप्लाई करने के लिए चर्चा चल रही है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बजट सत्र शुरू होने का इंतजार, सुक्खू सरकार को घेरने के लिए भाजपा तैयार

कश्मीर का एहसास करवा रहा पालमपुर का Tulip Garden

धर्मशाला: कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन की सुंदरता का हर कोई कायल है. श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है जो कि कश्मीर की सुंदरता को चार चांद लगा देता है. वहीं, अब हिमाचल के पालमपुर में भी ट्यूलिप गार्डन की सुंदरता और खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर खींच रही है. सीएसआईआर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर द्वारा ये गार्डन तैयार किया गया है, जो बहुत ही सुंदर है.

ट्यूलिप गार्डन स्वदेशी ट्यूलिप पौध से किया है विकसित: पालमपुर में ट्यूलिप गार्डन की सुंदरता को निहारने के लिए बड़ी संख्या में आगंतुक पहुंचने लगे हैं. कश्मीर के पश्चात पालमपुर में देश का दूसरा ट्यूलिप गार्डन हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विकसित किया गया है. यह ट्यूलिप गार्डन पूरी तरह से स्वदेशी ट्यूलिप पौध से विकसित किया गया है. हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में इसकी पौध को तैयार किया गया है.

फूल दिला रहे हैं कश्मीर का एहसास, दीदार करने को पहुंच रहे लोग
फूल दिला रहे हैं कश्मीर का एहसास, दीदार करने को पहुंच रहे लोग

पालमपुर ट्यूलिप गार्डन में 11 किस्मों के 50 हजार पौधे: ट्यूलिप हौलैंड में बहुतायत में पाया जाता है और इस पुष्प का गहरा रंग और सुंदर आकार लोगों को आकर्षित करता है. यह अपनी समरूपता के लिए विश्वभर में विख्यात है. इस फूल का गहरा रंग और सुंदर आकार मन को मोह लेता है. इसकी कई खूबसूरत प्रजातियां हैं. सीएसआईआर आईएचबीटी संस्थान पालमपुर में 11 किस्मों के करीब 50000 ट्यूलिप बल्ब (पौधे) लगाए हैं. पिछले साल यहां पर लगभग 28000 बल्ब (पौधे) लगाए थे, लेकिन इस साल यहां पर 50000 के करीब बल्ब (पौधे) लगाए गए हैं, जो आजकल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं.

टूरिस्ट बोले- श्रीनगर से भी सुंदर है पालमपुर का ट्यूलिप गार्डन: ट्यूलिप गार्डन देखने आए हुए पर्यटकों ने कहा कि उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है. पहले ट्यूलिप गार्डन को देखने के लिए श्रीनगर जाना पड़ता था. संस्थान के द्वारा बहुत सरहनीय कार्य किया गया है. सैलानियों ने कहा कि वह श्रीनगर ट्यूलिप गार्डन देखने भी गए हैं लेकिन उसकी तुलना में पालमुपर ट्यूलिप गार्डन ज्यादा सुंदर है. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि संस्थान द्वारा की गई मेहनत रंग लाई है, और धौलाधार की वादियों में ट्यूलिप गार्डन ने चार चांद लगा दिए हैं.

फूलों ने बढ़ाई धौलाधार वादियों की खूबसूरती
फूलों ने बढ़ाई धौलाधार वादियों की खूबसूरती

क्या बोले सीएसआईआर के वैज्ञानिक: सीएसआईआर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. भव्य भार्गव ने बताया कि देश में ट्यूलिप बल्ब का हम विदेशों से आयात करते हैं और यहां पर ट्यूलिप बल्ब के लगाने पर काफी समस्या होती थी. लेकिन संस्थान ने प्रदेश के लौहाल स्पीति में पिछले 5 वर्षो में शोध कर ट्यूलिप के बल्ब यहां कि जलवायु में तैयार कर सफलता हासिल की है. ट्यूलिप के फूलों की काफी मांग रहती है, अगर किसान इनको अपने खेतों में लगाता है तो उनकी आमदनी में काफी वृद्धि होगी. डॉ. भव्य भार्गव ने कहा कि ट्यूलिप गार्डन का यह दूसरा वर्ष है और इस बार ट्यूलिप की 11 किस्मों के 50 हजार के करीब पौधे लगाए गए हैं. उन्होनें कहा कि इस बार जून माह में लेह में भी ट्यूलिप गार्डन को शुरू कर दिया जाएगा और वहां पर डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है. संस्थान देश में ऐसा विकसित मॉडल तैयार करना चाहता है, जिससे बाहर के देशों पर ट्यूलिप के लिए निर्भरता कम की जाए. उन्होनें कहा कि संस्थान की न्यू दिल्ली मुंसिपल कॉरपोरेशन के साथ ट्यूलिप बल्ब को मल्टीप्लाई करने के लिए चर्चा चल रही है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बजट सत्र शुरू होने का इंतजार, सुक्खू सरकार को घेरने के लिए भाजपा तैयार

Last Updated : Mar 13, 2023, 2:03 PM IST
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