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बगलामुखी मंदिर के सरकारीकरण पर ट्रस्ट ने रखा अपना पक्ष, मंदिर निर्माण में नहीं ली गई सरकार की मदद

बनखंडी में मां बगलामुखी मंदिर के सरकारीकरण पर विचार विमर्श के बाद मंदिर अधिकारी ने सरकार पर पलटवार करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की. मंदिर अधिकारी पवन बड़ियाल का कहना है कि मंदिर में सरकार की कोई भी मदद नहीं ली गई है और मंदिर में सरकार का कोई पैसा नहीं लगा है.

Baglamukhi temple
बगलामुखी मंदिर के सरकारीकरण पर ट्रस्ट ने रखा अपना पक्ष.
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Published : Feb 23, 2020, 11:06 AM IST

ज्वालामुखी: देहरा के साथ लगते क्षेत्र बनखंडी में मां बगलामुखी मंदिर के सरकारीकरण पर विचार विमर्श के बाद मंदिर अधिकारी ने अपना पक्ष रखना शुरू कर दिया है. शनिवार को मंदिर अधिकारी पवन बड़ियाल ने पत्रकार वार्ता कर मंदिर की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी.

मंदिर के सरकारीकरण को लेकर मंदिर अधिकारी ने सरकार पर पलटवार करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की. मंदिर अधिकारी पवन बड़ियाल का कहना है कि मंदिर में सरकार की कोई भी मदद नहीं ली गई है और मंदिर में सरकार का कोई पैसा नही लगा है. मंदिर अधिकारी ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं और जरूरतमंदों की मदद का उल्लेख भी किया.

वीडियो रिपोर्ट.

पवन बड़ियाल ने बताया कि मंदिर संचालन के लिए पूर्व महंत देवी गिरी ने 2013 में ट्रस्ट का गठन किया था. ट्रस्ट के तहत मंदिर न्यास से विभिन्न कार्य किए गए हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर में गरीब लोगों के उत्थान के लिए काम किए जाते हैं. मंदिर में गरीब की समस्या, शादी और बीमारी के निदान के लिए उचित प्रकार की धनराशि दी जाती है.

सरकारीकरण की बात के बाद तिलमिला गया है ट्रस्ट

सूत्रों के अनुसार केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान बगलामुखी मंदिर के सरकारीकरण और मंदिर का पैसा सरकार के पास आने के बाद जनहित में लगाया जाना चाहिए. इस बयानबाजी के बाद मंदिर ट्रस्ट तिलमिला उठा है और अब मीडिया के माध्यम से अपना पक्ष रख रहा है.

मंदिर अधिकारी ने कहा कि मंदिर में किसी भी तरह की आय न होने पर महंत की ओर से लोगों के घरों में जाकर पैसे और अनाज इकट्ठा करके मंदिर का संचालन किया जाता है. मंदिर अधिकारी ने कहा कि हर 4 महीने बाद हमारे मंदिर का आय-व्यय का ब्यौरा जिलाधीश और तहसीलदार अधिकारी को दिया जाता है.

ये भी पढ़ें:लाहौल स्पीति में फंसे 6 मरीजों को किया गया एयरलिफ्ट, भुंतर में एंबुलेंस नहीं होने पर लोगों में नाराजगी

ज्वालामुखी: देहरा के साथ लगते क्षेत्र बनखंडी में मां बगलामुखी मंदिर के सरकारीकरण पर विचार विमर्श के बाद मंदिर अधिकारी ने अपना पक्ष रखना शुरू कर दिया है. शनिवार को मंदिर अधिकारी पवन बड़ियाल ने पत्रकार वार्ता कर मंदिर की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी.

मंदिर के सरकारीकरण को लेकर मंदिर अधिकारी ने सरकार पर पलटवार करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की. मंदिर अधिकारी पवन बड़ियाल का कहना है कि मंदिर में सरकार की कोई भी मदद नहीं ली गई है और मंदिर में सरकार का कोई पैसा नही लगा है. मंदिर अधिकारी ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं और जरूरतमंदों की मदद का उल्लेख भी किया.

वीडियो रिपोर्ट.

पवन बड़ियाल ने बताया कि मंदिर संचालन के लिए पूर्व महंत देवी गिरी ने 2013 में ट्रस्ट का गठन किया था. ट्रस्ट के तहत मंदिर न्यास से विभिन्न कार्य किए गए हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर में गरीब लोगों के उत्थान के लिए काम किए जाते हैं. मंदिर में गरीब की समस्या, शादी और बीमारी के निदान के लिए उचित प्रकार की धनराशि दी जाती है.

सरकारीकरण की बात के बाद तिलमिला गया है ट्रस्ट

सूत्रों के अनुसार केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान बगलामुखी मंदिर के सरकारीकरण और मंदिर का पैसा सरकार के पास आने के बाद जनहित में लगाया जाना चाहिए. इस बयानबाजी के बाद मंदिर ट्रस्ट तिलमिला उठा है और अब मीडिया के माध्यम से अपना पक्ष रख रहा है.

मंदिर अधिकारी ने कहा कि मंदिर में किसी भी तरह की आय न होने पर महंत की ओर से लोगों के घरों में जाकर पैसे और अनाज इकट्ठा करके मंदिर का संचालन किया जाता है. मंदिर अधिकारी ने कहा कि हर 4 महीने बाद हमारे मंदिर का आय-व्यय का ब्यौरा जिलाधीश और तहसीलदार अधिकारी को दिया जाता है.

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