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कोरोना ने लगाया पर्यटन कारोबार पर ताला, होटल कारोबारियों को हो रहा भारी नुकसान

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Published : Apr 28, 2020, 1:25 PM IST

लॉकडाउन के चलते धर्मशाला में पर्यटन करोबार को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. होटल कारोबारियों को अपने कर्मचारियों को वेतन का इंतजाम करवाना भी मुश्किल होता जा रहा है.

Tourism  business affected from lockdown in Dharamshala
कोरोना ने लगाया पर्यटन कारोबार पर ताला

धर्मशाला: कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश में कर्फ्यू लागू ऐसे में पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित है. कोरोना महामारी के चलते जिला कांगड़ा में पर्यटन उद्योग को धक्का लगा है. लॉकडाउन के चलते पर्यटन कारोबारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. कांगड़ा में एक हजार के लगभग होटल और 400 होम स्टे हैं. इन होटलों में 15 हजार के लगभग कर्मचारी हैं.

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अश्वनी बांबा ने बताया कि सभी होटलों ने अपने कर्मचारियों को मार्च महीने का पूरा वेतन ने दिया है, जबकि अप्रैल का वेतन होटल कारोबारी अपने संसाधनों से कर्मचारियों को देने का प्रयास करेंगे क्योंकि लगभग एक महीने से होटल बंद होने के चलते पूरा वेतन देने में होटल कारोबारी भी असमर्थ हैं.

वीडियो रिपोर्ट

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह बैंकिंग सेक्टर से एक वर्किंग कैपिटल आसान तरीके से जीरो फीसदी ब्याज पर कम से कम एक साल के लिए लोन का प्रावधान करें, जिससे कि होटलों पर ताला लगने की नौबत न आए और स्टाफ को भी परेशानी न हो.

अश्वनी बांबा ने कहा कि जिला कांगड़ा की बात करें तो 75 हजार के लगभग लोग रोजगार के लिए पर्यटन कारोबार से जुड़े हैं. होटल उद्योग की स्थिति को अपने स्तर पर संभालना मुश्किल है, इसमें सरकार को भी मदद करनी होगी.

अश्वनी बांबा ने कहा कि एसोसिएशन की मांग है कि प्रदेश की सरकार, केंद्र सरकार से मिलकर सैलरी फंड बनाएं, जिससे कि लॉकडाउन के दौरान और आगामी छह महीने तक होटल कारोबारी स्टाफ की कम से कम 50 फीसदी सैलेरी का इंतजाम कर पाएं.

ये भी पढ़ें: SPECIAL: लॉकडाउन में भी हिमाचल के अन्नदाताओं ने भर दिए अनाज के भंडार

धर्मशाला: कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश में कर्फ्यू लागू ऐसे में पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित है. कोरोना महामारी के चलते जिला कांगड़ा में पर्यटन उद्योग को धक्का लगा है. लॉकडाउन के चलते पर्यटन कारोबारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. कांगड़ा में एक हजार के लगभग होटल और 400 होम स्टे हैं. इन होटलों में 15 हजार के लगभग कर्मचारी हैं.

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अश्वनी बांबा ने बताया कि सभी होटलों ने अपने कर्मचारियों को मार्च महीने का पूरा वेतन ने दिया है, जबकि अप्रैल का वेतन होटल कारोबारी अपने संसाधनों से कर्मचारियों को देने का प्रयास करेंगे क्योंकि लगभग एक महीने से होटल बंद होने के चलते पूरा वेतन देने में होटल कारोबारी भी असमर्थ हैं.

वीडियो रिपोर्ट

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह बैंकिंग सेक्टर से एक वर्किंग कैपिटल आसान तरीके से जीरो फीसदी ब्याज पर कम से कम एक साल के लिए लोन का प्रावधान करें, जिससे कि होटलों पर ताला लगने की नौबत न आए और स्टाफ को भी परेशानी न हो.

अश्वनी बांबा ने कहा कि जिला कांगड़ा की बात करें तो 75 हजार के लगभग लोग रोजगार के लिए पर्यटन कारोबार से जुड़े हैं. होटल उद्योग की स्थिति को अपने स्तर पर संभालना मुश्किल है, इसमें सरकार को भी मदद करनी होगी.

अश्वनी बांबा ने कहा कि एसोसिएशन की मांग है कि प्रदेश की सरकार, केंद्र सरकार से मिलकर सैलरी फंड बनाएं, जिससे कि लॉकडाउन के दौरान और आगामी छह महीने तक होटल कारोबारी स्टाफ की कम से कम 50 फीसदी सैलेरी का इंतजाम कर पाएं.

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