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तिब्बती डॉक्टर का दावा, कोरोना वायरस से बचाव के लिए बनाई दवा

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में मैक्लोडगंज स्थित एक तिब्बतियन डॉक्टर ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दवा बनाने का दावा किया है. मैक्लोडगंज स्थित तिब्बतियन मेडिकल कॉलेज, मेन-से-खंग के एक शोधार्थी डॉ. तेंजिन येशी का दावा है कि उन्होंने एक ऐसी दवा बनाई है जिसकी एक गोली काले कपड़े में बांधकर गले में पहनने से कोरोना वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा.

tibetan doctor makes medicine to protect from coronavirus
tibetan doctor makes medicine to protect from coronavirus
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Published : Feb 9, 2020, 6:05 PM IST

धर्मशाला: दुनिया भर में इस वक्त कोरोना वायरस का खौफ फैला हुआ है. पड़ोसी देश चीन में तो इस वायरस का कहर लगातार जारी है. चीन में अब तक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या हुई 803 हो चुकी है वहीं, 34,598 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं.

कोरोना वायरस भारत समेत 27 देशों में फैला हुआ है. भारत में भी इस वायरस को लेकर सभी राज्यों में अलर्ट है. जो लोग चीन-जापान-इंडोनेशिया से भारत लौटे भी हैं उन्हें कड़ी निगरानी में रखा जा रहा है. इन सभी लोगों को कोरोना वायरस को लेकर संदिग्ध माना गया है और घरों में ही एहतियातन इलाज दिया जा रहा है.

इस बीच हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में मैक्लोडगंज स्थित एक तिब्बतियन डॉक्टर ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दवा बनाने का दावा किया है. मैक्लोडगंज स्थित तिब्बतियन मेडिकल कॉलेज, मेन-से-खंग के एक शोधार्थी डॉ. तेंजिन येशी का दावा है कि उन्होंने एक ऐसी दवा बनाई है जिसकी एक गोली काले कपड़े में बांधकर गले में पहनने से कोरोना वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा.

tibetan doctor makes medicine to protect from coronavirus
मैक्लोडगंज स्थित तिब्बतियन मेडिकल कॉलेज.

गले में बंधी दवा को बार-बार सूंघना होगा. इससे शरीर की इम्युनिटी बढ़ेगी. कोई भी वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा. दवा तिब्बतियन चिकिस्ता पद्धति से बनाई गई है. निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रेस अधिकारी पेल्जोर ला ने भी कहा कि शोध कर रहे तिब्बतियन डॉक्टर येशी ने इस तरह की दवा बनाई है.

वहीं, इस दवाई को गले में बाधने से कोरोना वायरल का असर नहीं होगा और इससे बचा जा सकता है वहीं, अभी प्रदेश में कोई भी मामला कोरोना वायरस का सामने नहीं आया है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से सावधानी बरते हुए है.

धर्मशाला: दुनिया भर में इस वक्त कोरोना वायरस का खौफ फैला हुआ है. पड़ोसी देश चीन में तो इस वायरस का कहर लगातार जारी है. चीन में अब तक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या हुई 803 हो चुकी है वहीं, 34,598 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं.

कोरोना वायरस भारत समेत 27 देशों में फैला हुआ है. भारत में भी इस वायरस को लेकर सभी राज्यों में अलर्ट है. जो लोग चीन-जापान-इंडोनेशिया से भारत लौटे भी हैं उन्हें कड़ी निगरानी में रखा जा रहा है. इन सभी लोगों को कोरोना वायरस को लेकर संदिग्ध माना गया है और घरों में ही एहतियातन इलाज दिया जा रहा है.

इस बीच हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में मैक्लोडगंज स्थित एक तिब्बतियन डॉक्टर ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दवा बनाने का दावा किया है. मैक्लोडगंज स्थित तिब्बतियन मेडिकल कॉलेज, मेन-से-खंग के एक शोधार्थी डॉ. तेंजिन येशी का दावा है कि उन्होंने एक ऐसी दवा बनाई है जिसकी एक गोली काले कपड़े में बांधकर गले में पहनने से कोरोना वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा.

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मैक्लोडगंज स्थित तिब्बतियन मेडिकल कॉलेज.

गले में बंधी दवा को बार-बार सूंघना होगा. इससे शरीर की इम्युनिटी बढ़ेगी. कोई भी वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा. दवा तिब्बतियन चिकिस्ता पद्धति से बनाई गई है. निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रेस अधिकारी पेल्जोर ला ने भी कहा कि शोध कर रहे तिब्बतियन डॉक्टर येशी ने इस तरह की दवा बनाई है.

वहीं, इस दवाई को गले में बाधने से कोरोना वायरल का असर नहीं होगा और इससे बचा जा सकता है वहीं, अभी प्रदेश में कोई भी मामला कोरोना वायरस का सामने नहीं आया है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से सावधानी बरते हुए है.

Intro:धर्मशाला- दुनिया भर में इस वक्त कोरोना वायरस का कहर फैला हुआ है वहीं पड़ोसी देश चीन की बात की जाए तो यहां पर कई लोगों की जान इस वायरस की वजह से जा चुकी है। वही देश और प्रदेश में भी कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट का दौर जारी है। वही मैक्लोडगंज स्थित कोरोना वायरस से बचने के लिए तिब्बतियन डॉक्टर ने दवा बनाने का दावा किया है। मैक्लोडगंज स्थित तिब्बतियन मेडिकल कॉलेज (मेन-से-खंग) के एक शोधार्थी डॉ. तेंजिन येशी का दावा है कि काले कपड़े में बांधकर इस गोली को गले में पहनने से कोरोना वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा। 











Body:गले में बंधी दवा को बार-बार सूंघना होगा। इससे शरीर की इम्युनिटी बढ़ेगी। कोई भी वायरस शरीर पर असर नहीं करेगा। दवा तिब्बतियन चिकिस्ता पद्धति से बनाई गई है। निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रेस अधिकारी पेल्जोर ला ने भी कहा कि शोध कर रहे तिब्बतियन डॉक्टर येशी ने इस तरह की दवा बनाई है। 


Conclusion:वही इस दवाई को गले मे बाधने से कोरोना वायरल का असर नही होगा और इससे बचा जा सकता है वही अभी प्रदेश में कोई भी मामला कोरोना वायरस का नही सामने आया है वही स्वस्थ्य विभाग पूरी तरह से सावधानी बरतें हुए है। 

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