धर्मशाला: निर्वासित तिब्बती सरकार के बजट सत्र के दौरान वीरवार को राष्ट्रपति डॉक्टर लोबसांग सांग्ये ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के व्यापक प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की. बजट सत्र में तिब्बत में चीनी सरकार की जारी दमनकारी नीतियों की कड़ी निंदा की गई.
चीन सरकार की नीतियों की निंदा
हाल ही में अमेरिका ने दलाई लामा और अन्य तिब्बती बौद्ध नेताओं के पुनर्जन्म से संबंधित मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाया है. इसके बाद चीन ने तिब्बत के अंदर तिब्बतियों का दमन सिक्योंग के नेतृत्व वाले केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की स्वीकारोक्ति और प्रमुख भूमिका को स्वीकार किया है. तिब्बती पठार और जल सुरक्षा की दिशा में हो रहे प्रयासों के साथ ही निर्वासित तिब्बती समुदाय के लिए सहायता राशि का विस्तार भी किया है.
तिब्बत मुद्दों के लिए विशेष समन्वयक नियुक्त
डॉक्टर लोवसंग सांग्ये ने सशक्त रूप से उल्लेख किया कि तिब्बती स्वायत्तता पर इस अधिनियम के साथ अमेरिकी सरकार ने तिब्बत में चीनी सरकार के निर्लज्ज दमन की कड़ी निंदा की है. मुख्य रूप से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और प्रतिनिधियों के बीच सार्थक बातचीत को बढ़ावा देने, अमेरिकी प्रयासों का नेतृत्व करने, तिब्बत मुद्दों के लिए विशेष समन्वयक नियुक्त किया है. इसके अलावा ल्हासा में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की स्थापना से संबंधित प्रावधान को माना है जो तिब्बत की ऐतिहासिक रूप से स्वतंता स्थिति की मान्यता है.
डॉक्टर लोवसंग सांग्ये ने कहा इन वर्षों में अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद तिब्बत के लिए अथक प्रयासों के चलते तिब्बत मुद्दे की पैरवी करने, नीति बनाने और तिब्बती कारणों को मुख्य धारा में लाना, यह वैश्विक समर्थन में सफल परिणााम पैदा करता है. राष्ट्रपति डॉक्टर लोबसांग सांग्ये ने तिब्बत के लिए सुधार की संभावनाओं के संबंध में नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय विकास को संबोधित किया.
इस दौरान उन्होंने जानकारी दी जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल है. इनकी रक्षा और सुरक्षा में साझा रुचि भारत-प्रशांत रजानीति का प्रतिनिधित्व करती है. उन्होंने कहा धर्म की सांस्कृतिक आत्मीयता, धार्मिक स्वतंत्रता के दृष्टिकोण से तिब्बत के मुद्दे को उठाने की सुविधा प्रदान करती है.
हांगकांग और पूर्वी तुर्किस्तान में भी चीन ने की थी कार्रवाई
डॉक्टर लोवसंग सांग्ये ने कहा कि व्यापार और कोरोना वायरस के अलावा दो सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्थाओं के बीच बुनियादी असहमति में से तिब्बत के साथ-साथ हांगकांग और पूर्वी तुर्किस्तान में चीन ने कार्रवाई थी. इसके अलावा अंतरिम राष्ट्रीय सुरक्षा राजनीतिक गाइडेंस रिपोर्ट में तिब्बत के कई संदर्भों का उल्लेख किया गया है. यह भारत-प्रशांत राजनीति के कई महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में तिब्बत को अनिवार्य रूप से स्थान देता है.
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