धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला में सोमवार को टीबी मुक्त कार्यक्रम पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें कैदियों को टीबी से बचाव और इसके इलाज की जानकारी दी गई और कैदियों के स्वास्थ्य की भी जांच की गई. इस दौरान टीबी रोग का पता लगाने के लिए उनके सैंपल भी लिए गए. वहीं, कांगड़ा के सीएमओ सुशील शर्मा ने बताया कैदियों को यह भी जानकारी दी गई कि जेल में रहते हुए भी वह इस रोग से कैसे बच सकते हैं. इस दौरान कैदियों को फिल्म और भाषण के रूप में टीबी रोग के प्रति जागरूक किया गया.
सीएमओ सुशील शर्मा ने बताया कि रोटरी क्लब के माध्यम से कारागार धर्मशाला टीबी को लेकर एक कार्यक्रम की शुरुआत की गई, जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई कि कितने कैदियों में टीबी रोग की लक्षण हैं. उन्होंने कहा कि इसमें कैदियों के एक्सरे लिए गए, कैदियों का लंबे समय से स्वास्थ्य चेकअप नहीं होता है. जिसको लेकर इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई. जेल प्रशासन और रोटरी क्लब के माध्यम से यह कार्यक्रम रखा गया था. उन्होंने कहा इस बीमारी को एक कलंक के तौर पर माना जाता रहा है जो सही नहीं है. टीबी का इलाज समय पर हो जाए तो रोगी पूर्ण रुप से ठीक हो सकता है. उन्होंने बताया कि टीबी रोग से पीड़ित व्यक्ति को परिवार में रहते हुए विशेष एहतियात बरतनी चाहिए.
जेल अधीक्षक धर्मशाला विकास भटनागर ने कहा कि रोटरी क्लब का यह सराहनीय कदम है, जिसमें रोगियों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. सुरक्षा को लेकर केदियों के स्वास्थ्य की जांच नही हो सकती, लेकिन आज खुद अस्पताल जेल में आया है, जो एक अच्छी पहल है. उन्होंने कहा कि आशा है कि इस प्रकार के कार्यक्रम आगे जारी रहेंगे. जेल प्रशासन का प्रयास रहता है कि बीमार कैदी का समय पर इलाज हो लेकिन कैदी को जेल से बाहर ले जाने में कुछ परेशानियां भी रहती हैं.
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