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ज्वालामुखी: अस्थि विसर्जन के लिए किया जा रहा घाट का निर्माण

इन दिनों अस्थि विसर्जन के लिए लोग ज्वालामुखी चंबा पतन मार्ग पर स्थित कालेश्वर महादेव आ रहे हैं. यहां विधिवत पूजा अर्चना के साथ व्यास नदी में पंडितों द्वारा अस्थि विसर्जन करवाया जा रहा है.

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Published : May 29, 2021, 8:17 AM IST

Updated : Jun 16, 2021, 3:22 PM IST

ज्वालामुखी: देश भर में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा कर रख दी है. ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण से मौत के बाद अंतिम संस्कार छोटी सी औपचारिकता निभा कर किए जा रहे हैं. संकट की इस घड़ी में अस्थि कलश को गंगा जल भी नसीब नहीं हो पा रहा है.

ऐसे में अस्थि विसर्जन के लिए लोग ज्वालामुखी चंबा पतन मार्ग पर स्थित कालेश्वर महादेव आ रहे हैं. यहां विधिवत पूजा अर्चना के साथ व्यास नदी में पंडितों द्वारा अस्थि विसर्जन करवाया जा रहा है. अभी 20 मई तक 2000 के करीब लोगों का अस्थि विसर्जन कालेश्वर महादेव में हो चुका है.

पांडव काल में बना था मंदिर

कालेश्वर महादेव मंदिर हजारों साल पहले पांडव काल में बनाया गया था. बताया जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां रुके थे. इस दौरान भगवान शिव का अद्भुत मन्दिर बनाया था. इस मन्दिर में भगवान शिव व व्यास का अद्भुत संगम है.

सुंदर घाट का किया जा रहा निर्माण

ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष स्वामी मनोज भारद्वाज ने बताया की हरिद्वार जाने में असमर्थ लोग यहां पर अस्थि विसर्जन कर रहे हैं. हर दिन 25 से 30 लोग अस्थि विसर्जन के लिए यहां आ रहे हैं. परंतु इन लोगों के लिए यहां पर बैठने के लिए और अस्थि विसर्जन के लिए उपयुक्त स्थान नहीं है. लोगों को नदी किनारे पत्थरों पर बैठ कर पूजा करनी पड़ रही है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए यहां पर एक सुंदर घाट का निर्माण किया जा रहा है.


ये भी पढ़ें: हिमाचल अनलॉक की प्रक्रिया शुरू, सभी दुकानें सप्ताह में 5 दिन खोलने का निर्णय

ज्वालामुखी: देश भर में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा कर रख दी है. ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण से मौत के बाद अंतिम संस्कार छोटी सी औपचारिकता निभा कर किए जा रहे हैं. संकट की इस घड़ी में अस्थि कलश को गंगा जल भी नसीब नहीं हो पा रहा है.

ऐसे में अस्थि विसर्जन के लिए लोग ज्वालामुखी चंबा पतन मार्ग पर स्थित कालेश्वर महादेव आ रहे हैं. यहां विधिवत पूजा अर्चना के साथ व्यास नदी में पंडितों द्वारा अस्थि विसर्जन करवाया जा रहा है. अभी 20 मई तक 2000 के करीब लोगों का अस्थि विसर्जन कालेश्वर महादेव में हो चुका है.

पांडव काल में बना था मंदिर

कालेश्वर महादेव मंदिर हजारों साल पहले पांडव काल में बनाया गया था. बताया जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां रुके थे. इस दौरान भगवान शिव का अद्भुत मन्दिर बनाया था. इस मन्दिर में भगवान शिव व व्यास का अद्भुत संगम है.

सुंदर घाट का किया जा रहा निर्माण

ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष स्वामी मनोज भारद्वाज ने बताया की हरिद्वार जाने में असमर्थ लोग यहां पर अस्थि विसर्जन कर रहे हैं. हर दिन 25 से 30 लोग अस्थि विसर्जन के लिए यहां आ रहे हैं. परंतु इन लोगों के लिए यहां पर बैठने के लिए और अस्थि विसर्जन के लिए उपयुक्त स्थान नहीं है. लोगों को नदी किनारे पत्थरों पर बैठ कर पूजा करनी पड़ रही है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए यहां पर एक सुंदर घाट का निर्माण किया जा रहा है.


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Last Updated : Jun 16, 2021, 3:22 PM IST
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