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वनों के जरिए रोजगार के साधन किए जाएंगे विकसित: राकेश पठानिया

खेल मंत्री राकेश पठानिया ने धर्मशाला के मिनी सचिवालय प्रेसवार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में जनता को अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि हिमाचल के युवाओं को वनों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा.

Sports Minister Rakesh Pathania press conference at Dharamshala Mini Secretariat
Sports Minister Rakesh Pathania
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Published : Aug 4, 2020, 9:09 PM IST

धर्मशाला: खेल मंत्री राकेश पठानिया ने मंगलवार को मिनी सचिवालय के कैबिनेट हॉल में प्रेसवार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से कांगड़ा जिला में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी. उन्होंने बताया कि खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना से जिला और प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण एवं प्रतिभा दिखाने के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे.

पठानिया ने कहा कि विकास की दृष्टि से जिला कांगड़ा प्रदेश में अग्रिम स्थान पर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कांगड़ा के विकास के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है. हिमाचल ने देश-विदेश में फल राज्य के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाई है. इस क्षेत्र में प्रदेश के लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा है. उन्होंने बताया कि इजरायल के सहयोग से प्रदेश में आम की एक नई सदाबहार हाइब्रिड वैरायटी को लाने का प्रयास किया जा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

राकेश पठानिया ने कहा कि हाइब्रिड वैरायटी से प्रदेश के बागवानों को साल में दो बार फल उत्पादन प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि इस महत्वकांक्षी परियोजना में प्रदेश सरकार द्वारा काफी बड़ा निवेश किया जा रहा है. पठानिया ने कहा कि बागवानी मिशन के तहत जिला के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि आम के अलावा लीची किन्नू, संतरा, अमरूद की भी हाइब्रिड वैरायटी लाई जा रही है, जिससें जिला के बागवानों की आमदनी दोगुना करने में सहायता मिलेगी.

पठानिया ने कहा कि हिमाचल में वनों के जरिए रोजगार के साधन विकसित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि हिमाचल में 66 प्रतिशत एरिया जंगलों के अधीन आता है और जंगल हमारे लिए बेशकीमती हैं, जिनके जरिए ज्यादा से ज्यादा राजस्व बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए बड़े स्तर पर प्लानिंग की जाएगी.

राकेश पठानिया ने कहा कि वन विभाग के अधीन जो प्रोजेक्ट प्रदेश में चल रहे हैं, उनके जरिए भी ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जंगलों में खैर और चीड़ के पेड़ आमदनी का एक बड़ा स्रोत हैं. चीड़ और खैर को कैशक्रॉप बनाया जा सकता है, इसके लिए एक प्लान तैयार करवाया जाएगा. जिसके तहत बेरोजगार युवाओं के लिए घर द्वार पर ही रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: ज्वालामुखी में चोरों ने दिन दहाड़े महिला से छीनी सोने की चेन, जांच में जुटी पुलिस

धर्मशाला: खेल मंत्री राकेश पठानिया ने मंगलवार को मिनी सचिवालय के कैबिनेट हॉल में प्रेसवार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से कांगड़ा जिला में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी. उन्होंने बताया कि खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना से जिला और प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण एवं प्रतिभा दिखाने के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे.

पठानिया ने कहा कि विकास की दृष्टि से जिला कांगड़ा प्रदेश में अग्रिम स्थान पर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कांगड़ा के विकास के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है. हिमाचल ने देश-विदेश में फल राज्य के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाई है. इस क्षेत्र में प्रदेश के लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा है. उन्होंने बताया कि इजरायल के सहयोग से प्रदेश में आम की एक नई सदाबहार हाइब्रिड वैरायटी को लाने का प्रयास किया जा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

राकेश पठानिया ने कहा कि हाइब्रिड वैरायटी से प्रदेश के बागवानों को साल में दो बार फल उत्पादन प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि इस महत्वकांक्षी परियोजना में प्रदेश सरकार द्वारा काफी बड़ा निवेश किया जा रहा है. पठानिया ने कहा कि बागवानी मिशन के तहत जिला के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि आम के अलावा लीची किन्नू, संतरा, अमरूद की भी हाइब्रिड वैरायटी लाई जा रही है, जिससें जिला के बागवानों की आमदनी दोगुना करने में सहायता मिलेगी.

पठानिया ने कहा कि हिमाचल में वनों के जरिए रोजगार के साधन विकसित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि हिमाचल में 66 प्रतिशत एरिया जंगलों के अधीन आता है और जंगल हमारे लिए बेशकीमती हैं, जिनके जरिए ज्यादा से ज्यादा राजस्व बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए बड़े स्तर पर प्लानिंग की जाएगी.

राकेश पठानिया ने कहा कि वन विभाग के अधीन जो प्रोजेक्ट प्रदेश में चल रहे हैं, उनके जरिए भी ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जंगलों में खैर और चीड़ के पेड़ आमदनी का एक बड़ा स्रोत हैं. चीड़ और खैर को कैशक्रॉप बनाया जा सकता है, इसके लिए एक प्लान तैयार करवाया जाएगा. जिसके तहत बेरोजगार युवाओं के लिए घर द्वार पर ही रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे.

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