धर्मशाला: कुल्लू बस हादसे के बाद ओवरलोडिंग रोकने के लिए प्रशासन द्वारा लगातार बसों की चेकिंग की जा रही है और ओवरलोडिड बसों के चालान काटे जा रहे हैं, लेकिन सरकार के ये कदम ओवरलोडिंग की समस्या से निपटने के लिए काफी है या नहीं. इसी कड़ी में धर्मशाला में ईटीवी संवाददाता ने रोजाना बसों में सफर करने वाले लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में जाना.
ये बात तो साफ है कि बढ़ते सड़क हादसों में कमी लाने के लिए सरकार को बसों की कमी और चालक-परिचालकों की कमी को दूर करना होगा. हालांकि प्रदेश परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने इस बाबत जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दे चुके हैं. इसके अलावा सरकार द्वारा जल्द ही चालक और परिचालकों के खाली पड़े पदों को भरने का आश्वासन दिया गया है. हालांकि हिमाचल की जनता को अभी सरकार के आश्वासन के पूरे होने का इंतजार है.
क्या कहते हैं बस यात्री
धर्मशाला में बसों में सफर करने वाले लोगों का कहना है कि रोजाना स्कूल, ऑफिस या कॉलेज आने के लिए ओवरलोडिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है. लोगों ने कहना है कि हर किसी को समय पर अपने स्थान पर पहुंचना होता है और प्राइवेट बसों के चालक-परिचालक अक्सर ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में बस में ओवरलोडिंग कर देते हैं.
ईटीवी संवाददाता से बातचीत के दौरान बस में सफर कर रहे यात्रियों ने माना की सड़क सुरक्षा और ओवरलोडिंग से निपटने के लिए लोगों के जागरूक होने की भी जरूरत है. इस दौरान बस यात्रियों ने सरकार से बसों की कमी को दूर करने की मांग की. लोगों का कहना है कि अगर बसों की कमी को पूरा किया जाता है तो ओवरलोडिंग नहीं होगी और सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.