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टूटी झोंपड़ी में रहने को मजबूर बुजुर्ग महिला, समाजसेवी ने प्रशासन की अनदेखी पर उठाए सवाल

समाजसेवी संजय शर्मा को बैजनाथ कॉलेज के पास एक टूटी झोंपड़ी में रह रही वृद्ध महिला का पता चला. जिसके बाद बड़का भाऊ इस महिला की मदद के लिए निकल पड़े. मौके पर पहुंच कर बड़का भाऊ ने वृद्ध महिला का हाल जाना और प्रशासन से वृद्ध महिला की अनदेखी पर सवाल उठाए.

Social worker Sanjay Sharma helped old lady
समाजसेवी संजय शर्मा ने की वृद्ध महिला की मदद
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Published : Oct 16, 2020, 8:43 PM IST

बैजनाथ: बड़का भाऊ के नाम से पहचान बना चुके समाजसेवी संजय शर्मा को बैजनाथ कॉलेज के पास एक टूटी झोंपड़ी में रह रही वृद्ध महिला का पता चला. जिसके बाद बड़का भाऊ इस महिला की मदद के लिए निकल पड़े. मौके पर पहुंच कर बड़का भाउ ने वृद्ध महिला का हाल जाना और प्रशासन से वृद्ध महिला की अनदेखी पर सवाल उठाए.

समाजसेवी संजय शर्मा उर्फ बड़का भाउ ने बताया कि एक सरकारी भवन में एक बुजुर्ग महिला रह रही है, लेकिन प्रशासन को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. वह कैसे रह रही है, क्या खा रही है, यह सब प्रशासन पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है.

वीडियो.

बैजनाथ कॉलेज के पास ट्राइबल हॉस्टल में एक बुजुर्ग महिला कोविड कॉल से रह रही है और यह महिला वर्षों से इस छात्रावास के पास अपनी झोपड़ी में रहती थी, लेकिन अप्रैल माह में भारी बारिश के दौरान इस छात्रावास में रुके महिला पुलिस कर्मचारियों ने इस वृद्ध महिला पर दयालुता दिखाते हुए इसे परिसर में बिठा दिया.

जब तक यह पुलिसकर्मी या रहे वह इसकी देखभाल करते रहे. अब इस महिला की झोपड़ी जर्जर हो चुकी है. लोगों ने बताया कि इस बुजुर्ग महिला को आसपास के लोग कई बार खाना दे देते हैं और जैसे वैसे यह अपना गुजारा कर रही है.

वीडियो.

समाजसेवी संजय शर्मा ने कहा कि 72 घंटों में अगर प्रशासन ने इसे सही ठिकाने पर नहीं बैठाया तो वह इसे समान सहित एसडीएम कार्यालय में बिठा देंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

आसपास के लोगों का कहना है कि बुजुर्ग महिला का नाम संति देवी है, जो बरोट की रहने वाली है. इसके पास कोई भी कागजात नहीं हैं, जिससे इसकी आयु का पता चल सके. पिछले 20 वर्षों से यह औरत यहां झोपड़ी में रह रही थी, जब हमने इस औरत से बात करनी चाही तो, पता चला कि महिला को सुनाई भी कम देता है.

इसके अलावा परिसर में ही पत्थर लगाकर एक चूल्हे पर रोटी बनाती है. जब इसके रहने वाले स्थान को देखा गया, तो वहां कमरे में बोरी के ऊपर आटा फैला रखा था, इसके पास गिने-चुने ही बर्तन हैं. जब इससे खाने के लिए पूछा गया तो उसने कहा जो भी कोई दया कर उसे देता वह उसी से अपना पेट भर लेती है.

इस पर समाजसेवी संजय शर्मा ने 72 घंटे के लिए एक व्यक्ति को उनकी देखभाल के लिए तत्पर कर दिया है, जो तीनों टाइम का खाना समय-समय पर उन्हें पहुंचाता रहेगा. तहसीलदार बैजनाथ पवन कुमार ने कहा कि इस महिला के बारे में कुछ समाजसेवियों ने उन्हें जानकारी दी है, जो भी व्यवस्था करनी पड़ेगी वह करेंगे.

पढ़ें: शांता कुमार के खिलाफ दायर याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा: प्रार्थी ने किया अदालत का समय बर्बाद

बैजनाथ: बड़का भाऊ के नाम से पहचान बना चुके समाजसेवी संजय शर्मा को बैजनाथ कॉलेज के पास एक टूटी झोंपड़ी में रह रही वृद्ध महिला का पता चला. जिसके बाद बड़का भाऊ इस महिला की मदद के लिए निकल पड़े. मौके पर पहुंच कर बड़का भाउ ने वृद्ध महिला का हाल जाना और प्रशासन से वृद्ध महिला की अनदेखी पर सवाल उठाए.

समाजसेवी संजय शर्मा उर्फ बड़का भाउ ने बताया कि एक सरकारी भवन में एक बुजुर्ग महिला रह रही है, लेकिन प्रशासन को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. वह कैसे रह रही है, क्या खा रही है, यह सब प्रशासन पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है.

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बैजनाथ कॉलेज के पास ट्राइबल हॉस्टल में एक बुजुर्ग महिला कोविड कॉल से रह रही है और यह महिला वर्षों से इस छात्रावास के पास अपनी झोपड़ी में रहती थी, लेकिन अप्रैल माह में भारी बारिश के दौरान इस छात्रावास में रुके महिला पुलिस कर्मचारियों ने इस वृद्ध महिला पर दयालुता दिखाते हुए इसे परिसर में बिठा दिया.

जब तक यह पुलिसकर्मी या रहे वह इसकी देखभाल करते रहे. अब इस महिला की झोपड़ी जर्जर हो चुकी है. लोगों ने बताया कि इस बुजुर्ग महिला को आसपास के लोग कई बार खाना दे देते हैं और जैसे वैसे यह अपना गुजारा कर रही है.

वीडियो.

समाजसेवी संजय शर्मा ने कहा कि 72 घंटों में अगर प्रशासन ने इसे सही ठिकाने पर नहीं बैठाया तो वह इसे समान सहित एसडीएम कार्यालय में बिठा देंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

आसपास के लोगों का कहना है कि बुजुर्ग महिला का नाम संति देवी है, जो बरोट की रहने वाली है. इसके पास कोई भी कागजात नहीं हैं, जिससे इसकी आयु का पता चल सके. पिछले 20 वर्षों से यह औरत यहां झोपड़ी में रह रही थी, जब हमने इस औरत से बात करनी चाही तो, पता चला कि महिला को सुनाई भी कम देता है.

इसके अलावा परिसर में ही पत्थर लगाकर एक चूल्हे पर रोटी बनाती है. जब इसके रहने वाले स्थान को देखा गया, तो वहां कमरे में बोरी के ऊपर आटा फैला रखा था, इसके पास गिने-चुने ही बर्तन हैं. जब इससे खाने के लिए पूछा गया तो उसने कहा जो भी कोई दया कर उसे देता वह उसी से अपना पेट भर लेती है.

इस पर समाजसेवी संजय शर्मा ने 72 घंटे के लिए एक व्यक्ति को उनकी देखभाल के लिए तत्पर कर दिया है, जो तीनों टाइम का खाना समय-समय पर उन्हें पहुंचाता रहेगा. तहसीलदार बैजनाथ पवन कुमार ने कहा कि इस महिला के बारे में कुछ समाजसेवियों ने उन्हें जानकारी दी है, जो भी व्यवस्था करनी पड़ेगी वह करेंगे.

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