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'दिल्ली में सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर, AAP सरकार बधाई की पात्र' - Shanta Kumar Himachal Government

पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि दिल्ली की आप सरकार इस बात के लिए बधाई की पात्र है कि इस बार जमा दो परीक्षा में सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों से अधिक अच्छा रहा है. शांता ने कहा कि अधिकतर प्रदेशों के सरकारी स्कूलों में सब प्रकार की सुविधाओं के बावजूद परिणाम अच्छे नहीं आते थे.

shanta kumar
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Published : Jul 16, 2020, 10:25 PM IST

पालमपुर: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि दिल्ली की आप सरकार इस बात के लिए बधाई की पात्र है कि इस बार जमा दो परीक्षा में सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों से अधिक अच्छा रहा है. यह बहुत ही सराहनीय उपलब्धि है. अधिकतर प्रदेशों के सरकारी स्कूलों में सब प्रकार की सुविधाओं के बावजूद परिणाम अच्छे नहीं आते थे.

शांता कुमार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में भी स्थिति चिन्ताजनक है. बहुत से निजी स्कूलों में न पूरा भवन है, न अध्यापकों को पूरा वेतन, लेकिन परिणाम अच्छा रहता है. सभी सरकारों को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. शांता ने योग और नैतिक शिक्षा को एक अन्य विषय के नाम से स्कूलों में शुरू करने के लिए भी दिल्ली सरकार को बधाई दी. चरित्र निर्माण की दृष्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण है.

शांता कुमार ने कहा कि नई तकनीक ने बच्चों के हाथ मोबाइल तो दे दिया, लेकिन उसके उपयोग का विवेक नहीं दिया. परिवारों में संस्कार की पुरानी परंपरा दादा-दादी, नाना नानी के पास बैठकर रामायण की कहानियां सुनना अब पूरी तरह से समाप्त हो गई है.

मोबाइल की व्यस्तता के बाद आज की युवा पीढ़ी के पास अन्य बातों के लिए कोई समय नहीं है. मोबाइल में सब अच्छा ही नहीं, बहुत अधिक बुरा भी दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि संस्कारों की इस कमी, बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी के कारण युवा हताश और निराश हो रहा है.हिमाचल प्रदेश में 2019 में कुल 563 आत्महत्याएं हुई हैं. अप्रैल और मई के महीनों में 122 आत्महत्याएं हुई है. अधिकतर आत्महत्या करने वालों में युवा थे. आत्महत्याओं का दौर बढ़ता जा रहा है.

शांता कुमार हिमाचल सरकार को एक बार फिर बड़े विनम्र आग्रह से सुझाव दिया है कि अब अतिशीघ्र योग और नैतिक शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में जोड़ा जाए. मुख्यमंत्री मंत्रीमंडल की सलाह से प्रदेश में कुछ विद्वानों की कमेटी बनाए. वह कमेटी हर कक्षा के लिए परिस्थितियों के अनुसार नैतिक शिक्षा पाठ्यक्रम तय करे और उसे अतिशीघ्र लागू करे.

यदि दिल्ली की आप सरकार यह कर सकती है और कुछ वर्षों में इसका परिणाम आ सकता हैं, तो वाकी सरकारें क्यों नहीं. मुझे दुःख इस बात का है कि मूल्यों की बात करने वाले भाजपा को यह सबसे पहले करना चाहिए था. शांता कुमार ने डीएवी स्कूल पालमपुर की उनियाल परिवार की तीन जुड़वा बहनों के एक शानदार परीक्षा परिणाम के लिए उन्हें बधाई दी. उन्होंने बच्चियों के पिता डॉ. संजय उनियाल को फोन पर हार्दिक बधाई दी व बेटियों को आर्शीवाद व शुभकामनाएं दी.

शांता कुमार ने कहा कि एक ही परिवार की तीन सगी वहनें प्रथम तीन स्थानों पर, यह शायद पहले कभी कहीं नहीं हुआ होगा. उन्होंने कहा वे डॉ. उनियाल व एसडीएम पालमपुर से आग्रह कर रहे है कि इस घटना को गिन्नीज बुक रिकार्ड में दर्ज करवाएं. यह पालमपुर और हमारा सबका सौभाग्य और सम्मान है.

पढ़ें: दिल्ली से भुंतर हवाई सेवा 4 महीने बाद शुरू, हफ्ते में 3 दिन मिलेगी सुविधा

पालमपुर: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि दिल्ली की आप सरकार इस बात के लिए बधाई की पात्र है कि इस बार जमा दो परीक्षा में सरकारी स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों से अधिक अच्छा रहा है. यह बहुत ही सराहनीय उपलब्धि है. अधिकतर प्रदेशों के सरकारी स्कूलों में सब प्रकार की सुविधाओं के बावजूद परिणाम अच्छे नहीं आते थे.

शांता कुमार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में भी स्थिति चिन्ताजनक है. बहुत से निजी स्कूलों में न पूरा भवन है, न अध्यापकों को पूरा वेतन, लेकिन परिणाम अच्छा रहता है. सभी सरकारों को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. शांता ने योग और नैतिक शिक्षा को एक अन्य विषय के नाम से स्कूलों में शुरू करने के लिए भी दिल्ली सरकार को बधाई दी. चरित्र निर्माण की दृष्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण है.

शांता कुमार ने कहा कि नई तकनीक ने बच्चों के हाथ मोबाइल तो दे दिया, लेकिन उसके उपयोग का विवेक नहीं दिया. परिवारों में संस्कार की पुरानी परंपरा दादा-दादी, नाना नानी के पास बैठकर रामायण की कहानियां सुनना अब पूरी तरह से समाप्त हो गई है.

मोबाइल की व्यस्तता के बाद आज की युवा पीढ़ी के पास अन्य बातों के लिए कोई समय नहीं है. मोबाइल में सब अच्छा ही नहीं, बहुत अधिक बुरा भी दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि संस्कारों की इस कमी, बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी के कारण युवा हताश और निराश हो रहा है.हिमाचल प्रदेश में 2019 में कुल 563 आत्महत्याएं हुई हैं. अप्रैल और मई के महीनों में 122 आत्महत्याएं हुई है. अधिकतर आत्महत्या करने वालों में युवा थे. आत्महत्याओं का दौर बढ़ता जा रहा है.

शांता कुमार हिमाचल सरकार को एक बार फिर बड़े विनम्र आग्रह से सुझाव दिया है कि अब अतिशीघ्र योग और नैतिक शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में जोड़ा जाए. मुख्यमंत्री मंत्रीमंडल की सलाह से प्रदेश में कुछ विद्वानों की कमेटी बनाए. वह कमेटी हर कक्षा के लिए परिस्थितियों के अनुसार नैतिक शिक्षा पाठ्यक्रम तय करे और उसे अतिशीघ्र लागू करे.

यदि दिल्ली की आप सरकार यह कर सकती है और कुछ वर्षों में इसका परिणाम आ सकता हैं, तो वाकी सरकारें क्यों नहीं. मुझे दुःख इस बात का है कि मूल्यों की बात करने वाले भाजपा को यह सबसे पहले करना चाहिए था. शांता कुमार ने डीएवी स्कूल पालमपुर की उनियाल परिवार की तीन जुड़वा बहनों के एक शानदार परीक्षा परिणाम के लिए उन्हें बधाई दी. उन्होंने बच्चियों के पिता डॉ. संजय उनियाल को फोन पर हार्दिक बधाई दी व बेटियों को आर्शीवाद व शुभकामनाएं दी.

शांता कुमार ने कहा कि एक ही परिवार की तीन सगी वहनें प्रथम तीन स्थानों पर, यह शायद पहले कभी कहीं नहीं हुआ होगा. उन्होंने कहा वे डॉ. उनियाल व एसडीएम पालमपुर से आग्रह कर रहे है कि इस घटना को गिन्नीज बुक रिकार्ड में दर्ज करवाएं. यह पालमपुर और हमारा सबका सौभाग्य और सम्मान है.

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