पालमपुर: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भारत रत्न से अलंकृत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति के एक ऐसे दिग्गज महापुरुष चले गए हैं, जो दल की दीवारों से ऊपर उठकर राष्ट्र के मन्दिर में भी रहते थे.
शांता कुमार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रणब मुखर्जी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की बात चली थी और वह प्रधानमंत्री भी बन सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. शांता कुमार ने कहा कि अगर प्रणब मुखर्जी भारत के प्रधानमंत्री होते तो आज ना सिर्फ भारत की स्थिति बेहतर होती बल्कि देश लोकतंत्र को एक सशक्त विपक्ष मिल जाता और देश की सबसे पुरानी पार्टी आत्महत्या के कगार पर खड़ी न होती.
शांता कुमार ने कहा कि यह अच्छी बात नहीं है कि भारत का लोकतंत्र विपक्ष विहीन होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी को इसीलिए राष्ट्रपति बनवाया गया था, ताकि गांधी परिवार के सामने कोई चुनौती न रहे.
शांता कुमार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को विवेकानंद ट्रस्ट की तरफ से भी विषेश रूप से श्रंद्धाजलि अर्पित की है. शांता कुमार ने कहा कि विवेकानंद ट्रस्ट का निर्माण करते समय सबसे बड़ी समस्या यह आई कि उस क्षेत्र में पानी की व्यवस्था बहुत कठिन थी. कुछ मित्रों ने सलाह दी की विवेकानंद ट्रस्ट और साथ के कुछ गांव को मिलाकर एक नई योजना बनाई जाए, उस समय प्रणब मुखर्जी योजना आयोग के अध्यक्ष थे.
पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा कि वह प्रणब मुखर्जी से मिलने गए और उन्होंने स्वामी विवेकानन्द पर लिखी अपनी पुस्तक भेंट की. इस दौरान उन्होंने प्रणब मुखर्जी को बताया कि स्वामी विवेकानन्द मेरे जीवन के आदर्श हैं और उन्हीं के नाम पर यह ट्रस्ट सेवा का काम कर रहा है. उसी के लिए यह योजना बनाई जा रही है. जिसके बाद प्रणब मुखर्जी ने तुरन्त 2 करोड़ 50 लाख रुपये विशेष रूप से इस योजना के लिए स्वीकृत किए थे.
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