धर्मशाला: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे समीप आ रहे हैं. सियासत का पारा वैसे वैसे गर्म होता नजर आ रहा है. धर्मशाला में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी कार्यालय का उद्धाटन करते समय शांता कुमार ने पंडित सुखराम के परिवार पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग सत्ता के लिए पार्टियां छोड़कर आते हैं वह लोग सिर्फ अपना सुख देखते हैं.
वहीं, शान्ता कुमार ने कहा कि मैं अनिल शर्मा को निष्कासित ही समझता हूं. जितना देरी से वह जाएंगे उतनी ही उनके परिवार को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि बड़े दुख के साथ कह रहा हूं कि उनका बेटा मंत्रिमंडल से जाएगा और पोता बुरी तरह से हारेगा. उन्होंने कहा कि बिकना बिकना है चाहे पैसे के लिए हो चाहे टिकट के लिए हो. मेरा वश चले तो चुनाव के समय किसी को अपनी अपनी पार्टी में न आने दूं.
वहीं, कांग्रेस के घोषणा पत्र पर उन्होंने कहा कि बातों का हलवा बनाना हो तो देशी घी डालने में कोई कंजूसी नहीं करनी चाहिए. कांग्रेस का घोषणा पत्र सच मे ही ढकोसला है. शांता कुमार ने लालकृष्ण आडवाणी के ब्लॉग पर कहा कि वह पार्टी के शीर्ष नेता है और नसीहत देना उनका कार्य है.