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मंदिरों में सरकारी खजाने से ज्यादा संपत्ति, मुश्किल घड़ी में काम आना चाहिए परमेश्वर का धन- शांता कुमार

शांता कुमार ने कहा कि वेदों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर है. यदि वह परमेश्वर आज दुखी है तो उसी परमेश्वर का धन इस काम के लिए लगाना चाहिए.

shanta kumar on chitpurni temple donation
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार
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Published : Apr 21, 2020, 2:21 PM IST

पालमपुर/कांंगड़ा: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने चिन्तपूर्णी मन्दिर ट्रस्ट द्वारा राहत कोष में पांच करोड़ रुपये देने के निर्णय पर प्रसन्नता जाहिर की है. उन्होंने मन्दिर न्यास को इस कार्य के लिए बधाई दी और प्रदेश के बाकि मंदिरों से भी संकट के वक्त में मदद करने का आह्वान किया है.

शांता कुमार ने कहा कि भारत के सभी मन्दिरों मे और विशेष कर दक्षिण भारत के पुराने मन्दिरों में इतनी सम्पत्ति पड़ी हुई है कि कुछ मन्दिरों की सम्पत्ति आंकी भी नहीं गई है. सोने चांदी से भरे कमरो के ताले भी नहीं खोले गये हैं. उन्होने भारत सरकार से विशेष आग्रह किया है कि इन सब मन्दिरों को राहत कोष में दान देने के लिए प्रेरित करें. आखिर यह भगवान का पैसा है और भगवान केवल ईट पत्थरों के मन्दिरों में ही नहीं रहते.

शांता कुमार ने कहा कि वेदों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर है. यदि वह परमेश्वर आज दुखी हैं तो उसी परमेश्वर का धन इस काम के लिए लगाना चाहिए. एक अनुमान के अनुसार सरकार के खजाने से ज्यादा धन भारत के मन्दिरों में पड़ा है, आखिर यह पड़ा हुआ धन आज काम में नहीं आएगा तो कब काम आएगा.

शांता कुमार ने करोना योद्धाओं को 50 लाख रूपये का बीमा कवर देने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्णय की भी प्रशंसा की और उन्हें इस बात की बधाई दी. उन्होंने कांगड़ा जिला के उपायुक्त से निवेदन किया है कि उन्हें यह पढ़ कर दुख हुआ है कि प्रदेश में लॉकडाउन के नियमों का उलंघन करने में कांगड़ा जिला प्रथम है. उन्होंने कहा है कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें: SPECIAL: वर्दी और फर्ज को न लगे दाग, बीमार परिवार को छोड़कर ड्यूटी पर तैनात ASI रामलाल

पालमपुर/कांंगड़ा: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने चिन्तपूर्णी मन्दिर ट्रस्ट द्वारा राहत कोष में पांच करोड़ रुपये देने के निर्णय पर प्रसन्नता जाहिर की है. उन्होंने मन्दिर न्यास को इस कार्य के लिए बधाई दी और प्रदेश के बाकि मंदिरों से भी संकट के वक्त में मदद करने का आह्वान किया है.

शांता कुमार ने कहा कि भारत के सभी मन्दिरों मे और विशेष कर दक्षिण भारत के पुराने मन्दिरों में इतनी सम्पत्ति पड़ी हुई है कि कुछ मन्दिरों की सम्पत्ति आंकी भी नहीं गई है. सोने चांदी से भरे कमरो के ताले भी नहीं खोले गये हैं. उन्होने भारत सरकार से विशेष आग्रह किया है कि इन सब मन्दिरों को राहत कोष में दान देने के लिए प्रेरित करें. आखिर यह भगवान का पैसा है और भगवान केवल ईट पत्थरों के मन्दिरों में ही नहीं रहते.

शांता कुमार ने कहा कि वेदों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर है. यदि वह परमेश्वर आज दुखी हैं तो उसी परमेश्वर का धन इस काम के लिए लगाना चाहिए. एक अनुमान के अनुसार सरकार के खजाने से ज्यादा धन भारत के मन्दिरों में पड़ा है, आखिर यह पड़ा हुआ धन आज काम में नहीं आएगा तो कब काम आएगा.

शांता कुमार ने करोना योद्धाओं को 50 लाख रूपये का बीमा कवर देने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्णय की भी प्रशंसा की और उन्हें इस बात की बधाई दी. उन्होंने कांगड़ा जिला के उपायुक्त से निवेदन किया है कि उन्हें यह पढ़ कर दुख हुआ है कि प्रदेश में लॉकडाउन के नियमों का उलंघन करने में कांगड़ा जिला प्रथम है. उन्होंने कहा है कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जानी चाहिए.

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