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पालमपुर: जंगली घास और गोबर से बनेगा कागज, हिमालयन जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिकों ने की नई खोज

पालमपुर स्थित सीएसआईआर-आईएचबीटी (हिमालयन जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान) के वैज्ञानिकों ने लैंटाना, कांग्रेस घास और गोबर में पाए जाने वाले एक तत्व सेलूलोस को अलग करने की तकनीक इजाद कर ली है. गौर रहे कि कागज निर्माण में सेलूलोस एक अहम तत्व होता है. सीएसआईआर-आईएचबीटी के वैज्ञानिक काफी समय से इस प्रयास में लगे थे और अब उन्होंने गोबर से सेलूलोस को निकालने में सफलता हासिल कर ली है.

Paper will be made from wild grass and cow dung, जंगली घास और गोबर से बनेगा कागज
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Published : Feb 9, 2020, 6:50 PM IST

Updated : Feb 9, 2020, 7:05 PM IST

पालमपुर: गोमूत्र का अनेक तरह से उपयोग किए जाने और गाय के गोबर का मुख्यतः खाद के तौर पर प्रयोग किए जाने के साथ ही अब गाय के गोबर से कागज बनाया जाएगा. वहीं, खासकर किसानों के लिए परेशानी का सबब माने जाने वाले लैंटाना और कांग्रेस घास जैसे जंगली घास के भी बेहतर उपयोग की ओर कदम बढ़ाए गए हैं. पालमपुर स्थित सीएसआईआर-आईएचबीटी (हिमालयन जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान) के वैज्ञानिकों ने लैंटाना, कांग्रेस घास और गोबर में पाए जाने वाले एक तत्व सेलूलोस को अलग करने की तकनीक इजाद कर ली है.

गौर रहे कि कागज निर्माण में सेलूलोस एक अहम तत्व होता है. सीएसआईआर-आईएचबीटी के वैज्ञानिक काफी समय से इस प्रयास में लगे थे और अब उन्होंने गोबर से सेलूलोस को निकालने में सफलता हासिल कर ली है. जानकारी के अनुसार संस्थान के वैज्ञानिक गोबर व जंगली घास से ईथेनोल तैयार करने पर भी काम कर रहे हैं. गौर रहे कि कागज मूलतः कुछ किस्म के पेड़ों से मिलने वाले पदार्थां से तैयार जाता है. जिसमें सेलूलोस वुड फाइबर, लिगनिन व पानी आदि के साथ कुछ रसायनों का प्रयोग किया जाता है. अब जिस तरह सीएसआईआर-आईएचबीटी संस्थान के वैज्ञानिकों ने गोबर व जंगली घास से सेलूलोस को अलग करने की विधि ढूंढ निकाली है उससे आने वाले समय में इसका उपयोग कागज बनाने में भी किए जाने की संभावना प्रबल हो गई है.

वीडियो.

वैज्ञानिकों के अनुसार काफी ज्यादा क्षेत्र में फैली जंगली घास में सेलूलोस की मात्रा भी बहुत होती है. सेलूलोस का उपयोग कागज और ईथेनोल बनाने के साथ यदि सेलूलोस सही मात्रा और सही प्रकार में हो तो इससे कपड़ा भी बुना जा सकता है. पालमपुर स्थित सीएसआईआर-आईएचबीटी के वैज्ञानिकों ने गोबर के साथ लैंटाना और कांग्रेस घास जैसे हानिकारक खरपतवारों से सेलूलोस अलग करने में सफलता हासिल कर ली है. जिसके आने वाले समय में प्रोत्साहजनक परिणाम मिलने की संभावना है.

हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान गोबर, लैंटाना व कांग्रेस घास से सेलूलोस निकाल कर कागज व ईथेनोल बनाने की विधि अगले वर्श जारी करने की तैयारी में जुट गया है. सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि लैंटाना, कांग्रेस घास और गोबर से सेलूलोस निकालने की तकनीक सफलतापूर्वक इजाद की गई है. वैज्ञानिक इस सेलूलोस से कागज और ईथेनोल तैयार करने पर काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- नौणी पंचायत एक बार फिर बनी मिसाल, हर गांव तक पहुंचा एम्बुलेंस मार्ग

पालमपुर: गोमूत्र का अनेक तरह से उपयोग किए जाने और गाय के गोबर का मुख्यतः खाद के तौर पर प्रयोग किए जाने के साथ ही अब गाय के गोबर से कागज बनाया जाएगा. वहीं, खासकर किसानों के लिए परेशानी का सबब माने जाने वाले लैंटाना और कांग्रेस घास जैसे जंगली घास के भी बेहतर उपयोग की ओर कदम बढ़ाए गए हैं. पालमपुर स्थित सीएसआईआर-आईएचबीटी (हिमालयन जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान) के वैज्ञानिकों ने लैंटाना, कांग्रेस घास और गोबर में पाए जाने वाले एक तत्व सेलूलोस को अलग करने की तकनीक इजाद कर ली है.

गौर रहे कि कागज निर्माण में सेलूलोस एक अहम तत्व होता है. सीएसआईआर-आईएचबीटी के वैज्ञानिक काफी समय से इस प्रयास में लगे थे और अब उन्होंने गोबर से सेलूलोस को निकालने में सफलता हासिल कर ली है. जानकारी के अनुसार संस्थान के वैज्ञानिक गोबर व जंगली घास से ईथेनोल तैयार करने पर भी काम कर रहे हैं. गौर रहे कि कागज मूलतः कुछ किस्म के पेड़ों से मिलने वाले पदार्थां से तैयार जाता है. जिसमें सेलूलोस वुड फाइबर, लिगनिन व पानी आदि के साथ कुछ रसायनों का प्रयोग किया जाता है. अब जिस तरह सीएसआईआर-आईएचबीटी संस्थान के वैज्ञानिकों ने गोबर व जंगली घास से सेलूलोस को अलग करने की विधि ढूंढ निकाली है उससे आने वाले समय में इसका उपयोग कागज बनाने में भी किए जाने की संभावना प्रबल हो गई है.

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वैज्ञानिकों के अनुसार काफी ज्यादा क्षेत्र में फैली जंगली घास में सेलूलोस की मात्रा भी बहुत होती है. सेलूलोस का उपयोग कागज और ईथेनोल बनाने के साथ यदि सेलूलोस सही मात्रा और सही प्रकार में हो तो इससे कपड़ा भी बुना जा सकता है. पालमपुर स्थित सीएसआईआर-आईएचबीटी के वैज्ञानिकों ने गोबर के साथ लैंटाना और कांग्रेस घास जैसे हानिकारक खरपतवारों से सेलूलोस अलग करने में सफलता हासिल कर ली है. जिसके आने वाले समय में प्रोत्साहजनक परिणाम मिलने की संभावना है.

हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान गोबर, लैंटाना व कांग्रेस घास से सेलूलोस निकाल कर कागज व ईथेनोल बनाने की विधि अगले वर्श जारी करने की तैयारी में जुट गया है. सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि लैंटाना, कांग्रेस घास और गोबर से सेलूलोस निकालने की तकनीक सफलतापूर्वक इजाद की गई है. वैज्ञानिक इस सेलूलोस से कागज और ईथेनोल तैयार करने पर काम कर रहे हैं.

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Intro:गोमूत्र का अनेक तरह से उपयोग किए जाने तथा गाय के गोबर का मुख्यतः खाद के तौर पर प्रयोग किए जाने के साथ अब वह दिन दूर नहीं जब गाय के गोबर से कागज बनाया जाएगा। वहीं खासकर किसानों के लिए परेशनी का सबब माने जाने वाले लैंटाना और कांग्रेस घास जैसे जंगली घास के भी बेहतर उपयोग की ओर कदम बढ़ाए गए हैं। पालमपुर स्थित सी0एस0आई0आर0-आई0एच0बी0टी0(हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान) के वैज्ञानिकों ने लैंटाना, कांगेस घास और गोबर में पाए जाने वाले एक तत्व सेलूलोस को अलग करने की तकनीक ईजाद कर ली है। गौर रहे कि कागज निर्माण में सेलूलोस एक अहम तत्व होता है। सी0एस0आई0आर0-आई0एच0बी0टी0 के वैज्ञानिक काफी समय से इस प्रयास में लगे थे और अब उन्होंने गोबर से सेलूलोस को निकालने में सफलता हासिल कर ली है। जानकारी के अनुसार संस्थान के वैज्ञानिक गोबर व जंगली घास से ईथेनोल तैयार करने पर भी काम कर रहे हैं।Body:गौर रहे कि कागज मूलतः कुछ किस्म के पेड़ों से मिलने वाले पदार्थां से तैयार जाता है। जिसमें सेलूलोस वुड फाइबर, लिगनिन व पानी आदि के साथ कुछ रसायनों का प्रयोग किया जाता है। अब जिस तरह सीएसआईआर-आईएचबीटी संस्थान के वैज्ञानिकों ने गोबर व जंगली घास से सेलूलोस को अलग करने की विधि ढूंढ निकाली है उससे आने वाले समय में इसका उपयोग कागज बनाने में भी किए जाने की संभावना प्रबल हो गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार काफी अधिक क्षेत्र में फैली जंगली घास में सेलूलोस की मात्रा भी बहुत होती है। सेलूलोस का उपयोग कागज और ईथेनोल बनाने के साथ यदि सेलूलोस सही मात्रा और सही प्रकार में हो तो इससे कपड़ा भी बुना जा सकता है। पालमपुर स्थित सीएसआईआर-आईएचबीटी के वैज्ञानिकों ने गोबर के साथ लैंटाना और कांग्रेस घास जैसे हानिकारक खरपतवारों से सेलूलोस अलग करने में सफलता हासिल कर ली है जिसके आने वाले समय में प्रोत्साहजनक परिणाम मिलने की संभावना है। जानकारी के अनुसार संस्थान गोबर, लैंटाना व कांग्रेस घास से सेलूलोस निकाल कर कागज व ईथेनोल बनाने की विधि अगले वर्श जारी करने की तैयारी में जुट गया है।Conclusion:सी0एस0आई0आर0-आई0एच0बी0टी0 पालमपुर के निदेशक डा0 संजय कुमार ने कहा कि लैंटाना, कांग्रेस घास और गोबर से सेलूलोस निकालने की तकनीक सफलतापूर्वक ईजाद की गई है। वैज्ञानिक इस सेलूलोस से कागज और ईथेनोल तैयार करने पर काम कर रहे हैं ।
Last Updated : Feb 9, 2020, 7:05 PM IST
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