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मेहनत को मिला मुकाम, सेना में लेफ्टिनेंट बना कांगड़ा का रोहित

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Published : Jun 11, 2019, 8:55 AM IST

जिला कांगड़ा के विकास खंड रैत की अनसुई पंचायत के ओडणु गांव के रोहित ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है.

रोहित परिजनों के साथ

धर्मशाला: देश की सेवा के लिए हिमाचल के वीर हमेशा अग्रणी पंक्ति पर रहते हैं. प्रदेश ने कई वीर योद्धा देश को दिए हैं. इसी कड़ी में वीरभूमि हिमाचल का एक और लाल देश की सेवा करने के लिए सेना में भर्ती हुआ है.


जिला कांगड़ा के विकास खंड रैत की अनसुई पंचायत के ओडणु गांव के रोहित ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. रोहित एनडीए पूणे से तीन वर्ष की ट्रेनिंग और इंडियन मिल्ट्री अकादमी देहरादून से एक वर्ष की ट्रेनिंग पूरी करके अब भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट सेवाएं देगा.

rohit
परिजनों के साथ रोहित


रोहित की प्रारंभिक शिक्षा सेक्रेट हार्ट स्कूल डलहौजी से हुई. इसके उपरांत सेक्रेट हार्ट सिद्धपुर से जमा दो की शिक्षा लेने के उपरांत रोहित ने एनडीए ज्वाइन किया.
रोहित के पिता राजेश कुमार भारतीय सेना में सूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि माता प्रेमलता सोनू गृहिणी हैं. रोहित ने अपनी सफलता का श्रेय मां प्रेमलता को दिया है. जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद उनकी सफलता में अपना पूरा श्रेय दिया.

ये भी पढ़ेंः ऊना के आशीष बने लेफ्टिनेंट, मंत्री वीरेंद्र कंवर व परिजन सहित ग्रामीणों ने दी बधाई

धर्मशाला: देश की सेवा के लिए हिमाचल के वीर हमेशा अग्रणी पंक्ति पर रहते हैं. प्रदेश ने कई वीर योद्धा देश को दिए हैं. इसी कड़ी में वीरभूमि हिमाचल का एक और लाल देश की सेवा करने के लिए सेना में भर्ती हुआ है.


जिला कांगड़ा के विकास खंड रैत की अनसुई पंचायत के ओडणु गांव के रोहित ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. रोहित एनडीए पूणे से तीन वर्ष की ट्रेनिंग और इंडियन मिल्ट्री अकादमी देहरादून से एक वर्ष की ट्रेनिंग पूरी करके अब भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट सेवाएं देगा.

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परिजनों के साथ रोहित


रोहित की प्रारंभिक शिक्षा सेक्रेट हार्ट स्कूल डलहौजी से हुई. इसके उपरांत सेक्रेट हार्ट सिद्धपुर से जमा दो की शिक्षा लेने के उपरांत रोहित ने एनडीए ज्वाइन किया.
रोहित के पिता राजेश कुमार भारतीय सेना में सूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि माता प्रेमलता सोनू गृहिणी हैं. रोहित ने अपनी सफलता का श्रेय मां प्रेमलता को दिया है. जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद उनकी सफलता में अपना पूरा श्रेय दिया.

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Intro:धर्मशाला- प्रदेश  की भूमि देव भूमि ओर वीर भूमि के नाम से जानी जाती है। देश सेवा के लिए प्रदेश के युवाओं में एक अलग जुनून देखने को मिलता है हर साल देश की सेना में प्रदेश के युवाओं के चयन भारी तादाद में होता है। 


Body:वही विकास खंड रैत की अनसुई पंचायत के ओडणु गांव के रोहित ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। रोहित एनडीए पूना से तीन वर्ष की ट्रेनिंग और इंडियन मिल्ट्री अकादमी देहरादून से एक वर्ष की ट्रेनिंग पूरी करके अब भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट सेवाएं देगा। रोहित की प्रारंभिक शिक्षा सेक्रेट हार्ट स्कूल डलहौजी से हुई। इसके उपरांत सेक्रेट हार्ट सिद्धपुर से जमा दो की शिक्षा लेने के उपरांत रोहित ने एनडीए ज्वाइन किया। 


Conclusion:रोहित के पिता राजेश कुमार भारतीय सेना में सूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि माता  प्रेमलता सोनू गृहणी हैं। रोहित ने अपनी सफलता का श्रेय मां प्रेमलता को दिया है, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने बेटे को कमीशन दिलाने में सफलता हासिल की।

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