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धर्मशाला-सुंदरनगर 'नगर वन' के रूप में होंगे विकसित, केंद्र से मिलेगी 2 करोड़ की ग्रांट

वन मंत्री राकेश पठानिया ने धर्मशाला में सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावेडकर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक की. राकेश पठानिया ने कहा कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूल नर्सरी कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है.

Forest minister rakesh pathania
Forest minister rakesh pathania
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Published : Aug 17, 2020, 9:41 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला और सुंदरनगर को नगर वन योजना में शामिल किया जाएगा. इसके तहत केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से दो करोड़ की ग्रांट भी मिलेगी. नगर वन योजना के तहत चयनित नगर निकायों में इको पार्क, नव ग्रह वाटिकाएं और वन विकसित किए जाएंगे.

यह जानकारी वन मंत्री राकेश पठानिया ने धर्मशाला में सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावेड़कर की अध्यक्षता में दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित वन मंत्रियों की बैठक में दी. इस वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में तीस राज्यों के वन मंत्रियों ने अपने-अपने राज्य की वनीकरण गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

वीडियो

राकेश पठानिया ने कहा कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूल नर्सरी कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है. इसमें स्कूल में ही बच्चे पौधों की नर्सरी तैयार करेंगे. इसके बाद नर्सरी में तैयार पौध को बच्चे अपने अपने घरों के आसपास रोपित करेंगे और इन पौधों का संरक्षण भी करेंगे.

राकेश पठानिया ने बताया कि राज्य में विद्यार्थी वन मित्र योजना भी शुरू की गई है. जिसके तहत राज्य के 374 स्कूलों के बच्चों ने 2900 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया है और इन पौधों की देखभाल भी की जा रही है.

राकेश पठानिया ने कहा कि राज्य के हर गांव में चरणबद्ध तरीके से नवग्रह वाटिकाएं भी विकसित की जा रही हैं और अब तक तीन हजार हेक्टयेर भूमि पर एक करोड़ पौधे रोपित किए जा चुके हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आम जन-सहभागिता सुनिश्चित की जा सके.

राज्य में अब तक फॉरेस्ट कवर 27.2 प्रतिशत है, जिसे बढ़ाकर तीस प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस के लिए वन विभाग विभिन्न स्तरों पर पौधारोपण और वनों के सरंक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियां चला रहा है.

वन मंत्री ने कहा कि लेडर तकनीक से मिट्टी की नमी की जांच के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. जिसे स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजा गया है. इसके साथ ही हिमाचल की सतलुज, ब्यास और यमुना नदी के किनारे वनीकरण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार किया गया है.

पढ़ें: कॉलेज, यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं पर HC ने जारी किए स्टे ऑर्डर, कल होगी SC में सुनवाई

पढ़ें: HC के आदेशों के बाद भी जारी रहेंगी UG की परीक्षाएं, स्पेशल लीव पिटीशन फाइल करेगी सरकार

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला और सुंदरनगर को नगर वन योजना में शामिल किया जाएगा. इसके तहत केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से दो करोड़ की ग्रांट भी मिलेगी. नगर वन योजना के तहत चयनित नगर निकायों में इको पार्क, नव ग्रह वाटिकाएं और वन विकसित किए जाएंगे.

यह जानकारी वन मंत्री राकेश पठानिया ने धर्मशाला में सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावेड़कर की अध्यक्षता में दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित वन मंत्रियों की बैठक में दी. इस वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में तीस राज्यों के वन मंत्रियों ने अपने-अपने राज्य की वनीकरण गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

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राकेश पठानिया ने कहा कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूल नर्सरी कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है. इसमें स्कूल में ही बच्चे पौधों की नर्सरी तैयार करेंगे. इसके बाद नर्सरी में तैयार पौध को बच्चे अपने अपने घरों के आसपास रोपित करेंगे और इन पौधों का संरक्षण भी करेंगे.

राकेश पठानिया ने बताया कि राज्य में विद्यार्थी वन मित्र योजना भी शुरू की गई है. जिसके तहत राज्य के 374 स्कूलों के बच्चों ने 2900 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया है और इन पौधों की देखभाल भी की जा रही है.

राकेश पठानिया ने कहा कि राज्य के हर गांव में चरणबद्ध तरीके से नवग्रह वाटिकाएं भी विकसित की जा रही हैं और अब तक तीन हजार हेक्टयेर भूमि पर एक करोड़ पौधे रोपित किए जा चुके हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आम जन-सहभागिता सुनिश्चित की जा सके.

राज्य में अब तक फॉरेस्ट कवर 27.2 प्रतिशत है, जिसे बढ़ाकर तीस प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस के लिए वन विभाग विभिन्न स्तरों पर पौधारोपण और वनों के सरंक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियां चला रहा है.

वन मंत्री ने कहा कि लेडर तकनीक से मिट्टी की नमी की जांच के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. जिसे स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजा गया है. इसके साथ ही हिमाचल की सतलुज, ब्यास और यमुना नदी के किनारे वनीकरण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार किया गया है.

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