ज्वालामुखी/कांगड़ा: ज्वालामुखी उपमंडल के गुरकाल पंचायत में गरीब परिवार का नाम बीपीएल सूची से हटाने का मामला सामने आया है. इसके कारण परिवार के लोग दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं. इस परिवार ने पंचायत सचिव पर बिना कारण उनका नाम बीपीएल से काटने का आरोप लगाया है. परिवार ने सरकार से मांग की है कि उनका नाम फिर से बीपीएल सूची में डाला जाए, ताकि उनके घर का गुजर बसर अच्छे से हो सके.
बीपीएल परिवार की मुखिया कमला देवी ने कहा कि पंचायत सचिव ने बिना किसी कारण उनका नाम बीपीएल परिवार से काट दिया है. उन्होंने कहा कि उनके पति की पहले ही मौत हो चुकी है. दो बेटों में से बड़ा बेटा दिव्यांग है और बीमार रहता है. इसलिए वह कोई काम नहीं कर सकता. वहीं, छोटा बेटा प्राइवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ाकर 2000 रुपये कमाता है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद होने पर उनका छोटा बेटा भी बेरोजगार है. उन्होंने कहा कि बीपीएल में नाम होने पर पहले उनके परिवार को कुछ सुविधा मिल जाती थी, लेकिन अब बीपीएल से नाम हटाने पर उनके परिवार को दाने-दाने को मोहताज होना पड़ रहा है.
गुरकाल पंचायत के उप प्रधान चरणदास ने कहा कि इस परिवार का नाम बीपीएल सूची से काटे जाने के बारे में उन्हें पहले जानकारी नहीं थी, लेकिन अब वे बीपीएल से इस परिवार का नाम काटने के बारे में सचिव से जानने की बात कह रहे हैं.
वहीं, पंचायत सचिव कमल देव ने कहा कि कमला देवी के बेटे से कुछ कागजात पूरे करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने वो कागजात नहीं दिखाए. इसलिए उनका नाम ग्राम सभा में सबकी सहमति से काटा गया है. उन्होंने कहा कि जरूरी होने पर अगली ग्राम सभा में फिर से नाम चढ़ा दिया जाएगा.
वहीं, गुरकाल पंचायत का ये परिवार बीपीएल की सुविधाएं न मिलने से परेशान हैं. इन्हें अपने भविष्य को लेकर चिंता सता रही है. इसलिए कमला देवी का परिवार अब प्रशासन से मांग कर रहा है कि उनका नाम फिर से बीपीएल सूची में जोड़ा जाए, ताकि उन्हें घर का गुजर बसर करने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
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