ज्वालामुखी: शादी के जश्न में मामा, बुआ, चाची-ताई ही न हों तो जश्न फीका नजर आता है, लेकिन कोरोना महामारी ने सोशल डिस्टेंसिंग को तो बढ़ावा दिया ही, साथ ही रिश्तों में भी दूरियां पैदा कर दी हैं. चाहकर भी लोग अपनों की शादी जैसे आयोजनों में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. यहां तक कि कई जगह शादियों में लड़के वालों की तरफ से मां बाप भी शरीक नहीं हो रहे हैं और कोरोना के चलते वीडियो कॉल पर ही उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं.
दूल्हे के माता पिता शादी में शरीक नहीं हुए
ऐसा ही एक मामला ज्वालामुखी की गुम्मर पंचायत में पेश आया है, जहां दुल्हन को लेने सिर्फ दूल्हे समेत उसकी एक बहन व दो भाई ही यहां पहुंचे थे, जबकि दूल्हे के माता पिता ने भी कोरोना महामारी के चलते शादी में न जाने का निर्णय लिया.
शादी में शामिल न होकर दिया संदेश
दूल्हे का कहना था कि पिता को उनके बेटे की शादी में शामिल न होने का मलाल तो है, लेकिन उनका ये भी कहना था कि यह जरूरी नहीं की भीड़ जुटाई जाए. दूल्हे ने कहा कि उनके पिता का कहना है कि इस वक्त देश संकट में है. ऐसे में हमारे साथ साथ दूसरों की जिंदगी की भी चिंता है.
दूल्हे ने कहा कि पहले तो पिता ने शादी के टालने का सोचा, लेकिन परिवार की सलाह के बाद उनके दो भाई व उसकी बहन को उनके साथ भेज दिया, जबकि बाकि सभी ने घर मे ही रहने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि फोन के माध्यम से ही उनके पिता व माता ने उन्हें आशीर्वाद दिया है.
इस परिवार की हर कोई तारीफ कर रहा है
इधर, चंबा के चुवाड़ी से गुम्मर पहुंचे इस परिवार की हर कोई तारीफ कर रहा है. यहां तक कि गुम्मर की प्रधान शिमला देवी ने भी दूल्हे व दुल्हन के परिवार की तरफ से शादी में दर्जन से भी कम लोग शरीक होने पर उन्हें पुष्प गुच्छ व सैनिटाइजर व मास्क देकर सम्मानित किया.
बता दें कि कोराना के खौफ ने लोगों को इस कदर मजबूर कर दिया है कि मेजबान और मेहमान दोनों ही संक्रमण के खौफ में हैं. वहीं सरकार ने लोगों से सीमित लोगों की संख्या में शादी करने की अपील की है, यहां तक कि इस दौरान शादीयां टालने की भी अपील सरकार द्वारा की गई है.
कोविड नियमों के तहत हुई शादी, प्रधान ने भी किया सम्मानित
बता दें कि यह शादी कोविड नियमों के तहत पूरी हुई. यहां दूल्हा सिर्फ 3 लोगों के साथ अपनी दुल्हन को लेने चंबा के चुवाड़ी से गुम्मर पहुंचा हुआ था. न बैंड बाजा, न बाराती न पंडित और न ही कोई कैमरामैन दूल्हे के साथ था.
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