धर्मशाला: भारत को जी-20 की मेजबानी मिली है. जी-20 की एक बैठक 19-20 अप्रैल को धर्मशाला में भी होनी है, जो कि पीएम मोदी का हिमाचल को आशीर्वाद है. बैठक में हिस्सा लेने आने वाले विदेशी प्रतिनिधि प्रदेश के विकास, संस्कृति, सभ्यता और लोकनृत्य व लोकगीतों से रुबरु होंगे. यही नहीं विदेशी प्रतिनिधि हिमाचली व्यंजनों का भी स्वाद चखेंगे, जिसमें बाजरा व्यंजन भी शुमार रहेंगे. प्रतिनिधियों के एयरपोर्ट से धर्मशाला आगमन तक स्वागत किया जाएगा, इस दौरान प्रदेश के विकास, संस्कृति व सभ्यता की झलक प्रस्तुत की जाएगी.
यह बात जी-20 की धर्मशाला में होने वाली बैठक के लिए भाजपा द्वारा बनाई गई कमेटी के प्रमुख एवं सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार ने रविवार को प्रेसवार्ता में कही. इस दौरान उनके साथ राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी और प्रदेश भाजपा महामंत्री त्रिलोक कपूर भी मौजूद रहे. विपिन सिंह परमार ने कहा कि बैठक में आईएमएस, डब्ल्यूएचओ, यूएन के प्रतिनिधियों सहित 70 प्रतिनिधि भाग लेंगे. परमार ने कहा कि जी-20 में विश्व के 20 विकसित राष्ट्र शामिल हैं, जो भारत में हो रहे जी-20 सम्मेलन में भाग लेंगे, इसके अलावा 9 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को बतौर अतिथि भी आमंत्रित किया गया है.
भारत ने पिछले 9 सालों में जो विकास की लंबी छलांग लगाई है, उसे विदेशी प्रतिनिधि नजदीक से देखेंगे. परमार ने कहा कि आज पूरी दुनिया, भारत की ओर देख रही है. कोविड काल में भारत ने 100 देशों को कोविड से बचाव की वेक्सीन दी है. जी-20 की थीम वसुधैव कुटुम्बकम के साथ कमल का फूल लगाने पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर परमार ने कहा कि कमल का फूल देवी-देवताओं की पूजा में प्रयुक्त होता है. जी-20 बैठक में न किसी पार्टी का झंडा होगा, न ही डंडा होगा और न ही कोई नारेबाजी होगी.
एक सवाल के जवाब में परमार ने कहा कि पाकिस्तान में अनाज के लिए लाइनें लग रही हैं, वहीं श्रीलंका में कंगाली के हालात हैं. पीएम नरेंद्र मोदी श्रीलंका के साथ खड़े हैं. वहीं, पाकिस्तान के जो लोग कभी मोदी का नाम लेने से कतराते थे, वही आज मोदी से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
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