कांगड़ा/ज्वालीः पौंग झील के किनारे लगातार मौत का ग्रास बन रहे प्रवासी पक्षियों की मौत से हर कोई असमंजस में है. असंख्य प्रवासी पक्षियों की अचानक हो रही मौत से अब लोगों को डर सताने लगा है कि प्रवासी पक्षियों की मौत पौंग झील किनारे बीजी गई फसल में दवाई डालने से हो रही है या फिर किसी फ्लू या अन्य बीमारी के कारण हो रही है.
पिछले कल असंख्य प्रवासी पक्षी मृत पाए गए थे और बुधवार को भी उक्त इलाकों में असंख्य प्रवासी पक्षी मृत पाए गए हैं और कई पौंग झील के किनारे और पानी में तड़प कर मरते दिखे.
वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ ने पहुंचकर स्थिति का लिया जायजा
पक्षियों की खबर ई टीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया, जिसके शीघ्र बाद वन्य प्राणी विभाग का आला कामान एक्शन में आ गया. बुधवार को वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ राहुल एम रोहाणी ने सिद्धाथा क्षेत्र में विभागीय टीम के साथ पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और मृत पक्षियों का पोस्टमार्टम करवाने ले जाया गया.
बुद्धिजीवियों ने फसल की बीजाई करने वालों के खिलाफ की जाए कार्रवाई
कहीं न कहीं पौंग बांध किनारे की गई खेती प्रवासी पक्षियों की मौत का कारण तो नहीं बन रही है. प्रवासी पक्षी पेट भरने के लिए जैसे ही बाहर खाली जमीन में निकलते हैं तो लोग फसलों को बचाने के लिए दवाई डाल देते हैं जिससे प्रवासी पक्षी मौत हो रही है. बुद्धिजीवियों ने जोरदार आवाज उठाई है कि फसल की बीजाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
पिछले कल 9 प्रजातियों के 425 प्रवासी पक्षियों की हुई थी मौत
डीएफओ हमीरपुर राहुल एम रोहाणी ने कहा कि पिछले कल 9 प्रजातियों के 425 प्रवासी पक्षियों की मौत हुई थी और आज भी पौंग झील के किनारे असंख्य पक्षी मर गए हैं और तड़प रहे हैं. उन्होंने कहा कि मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मृत पक्षियों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है और रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि अगर दवाई डालने से पक्षियों की मौत हुई होगी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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