ज्वालामुखी: घटना प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी की है. जहां बुधवार सुबह नजदीकी गांव भड़ोली कुटियारा के युवक बिथुल ने अपने घर के समीप 20 या 25 दिन के एक छोटे से गाय के बछड़े को देखा. बछड़े की चारों टांगों को किसी कुत्ते ने बुरी तरह से काटकर जख्मी कर दिया था. देखकर अंदाजा लग रहा था कि इस बछड़े का समय पर इलाज नहीं हुआ तो इसकी जान चली जाएगी.
बिथुल उस बछड़े को गोद में उठाकर किसी तरह अपने घर ले आया. पिता मोती लाल, भाइयों अजय व नितिन के साथ मिलकर पूरा परिवार बछड़े के प्राथमिक उपचार में लग गया, लेकिन बछड़े की हालत इतनी खराब थी कि लग रहा था कि उसकी मौत हो जाएगी. इसके बाद इस परिवार ने रात को ही एक बैटनरी डॉक्टर को दिखाया. बछड़े की चारों टांगों में कीड़े पड़ चुके थे.
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डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन ही इस बछड़े को बचाने का एक मात्र विकल्प है. यहां बताते चले कि ऑपरेशन भी यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर पालमपुर में होना था. बछड़े की दयनीय हालत परिवार से देखी नहीं गई. कोई रास्ता न दिखा तो बिथुल ने कोरोना संकट के दौरान कांगड़ा जिले के लिए महानायक बनकर उभरे एसपी विमुक्त रंजन से उनके मोबाइल पर सम्पर्क साधा और पूरी बात बताई.
एसपी ने ज्वालामुखी के डीएसपी तिलक राज को पालमपुर वैटनरी अस्पताल जाने के लिए मदद को कहा. बिथुल का कहना है कि घर से ही वाहन करके उन्होंने बछड़े को वाहन के भीतर बिठाया और ऑपरेशन के लिए कांगड़ा पुलिस की मदद के साथ पालमपुर पहुंचा दिया.
पालमपुर में बछड़े का सफल ऑपरेशन हुआ, जिसके बाद वह बछड़े को अपने घर ले आये हैं. बिथुल का परिवार बताता है कि डॉक्टरों ने बछड़े की रिकवरी के लिए 3 या 4 महीने लग जाने की बात कही है. वो बछड़े को घर लेकर आ गए हैं और पूरा परिवार बछड़े की सेवा में जुट गया है.
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इसी शख्स ने लगभग 20 दिन पहले किसी तेज रफ्तार गाड़ी के पहिये से घायल हुए कुत्ते को लॉकडाउन के दौरान कांगड़ा पुलिस की ही मदद के साथ पालमपुर वैटनरी अस्पताल पहुंचाकर सफल ऑपरेशन करवाया था.
घायल कुत्ते की एक टांग फ्रैक्चर हो चुकी थी जिसका भी सफल ऑपरेशन करवाकर इन लोगों ने कुत्ते की जान बचाकर मानवता का धर्म निभाया था. इस परिवार की इस पहल से जहां कांगड़ा पुलिस इनकी पीठ थपथपा रही है वहीं, मानवता के नाते संकट की इस घड़ी में साथ निभाने के लिए ये परिवार कांगड़ा पुलिस को सलाम कर रहा है.
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