धर्मशाला: जिला कांगड़ा में अब चाहे साइबर क्राइम हो या फिर दुष्कर्म, हत्या, पोक्सो, धोखाधड़ी. हर प्रकार के अपराध के डिजिटल एविडेंस जांच के लिए रीजनल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (RFSL) नॉर्दन रेंज धर्मशाला रेफर किए जा रहे हैं. यही नहीं बल्कि अब तो चोरी के मामलों में भी डिजिटल एविडेंस कलेक्ट किए जा रहे हैं, जिससे कि लोकेशन व डाटा एनालिसिस के आधार पर चोरों का पता लगाया जा सके. साइबर क्राइम के मामलों में पुलिस द्वारा मौके से जमा किए गए डिजिटल एविडेंस को आरएफएसएल लैब को भेजा जाता है.
'चोरी के मामलों में भी जांचे जा रहे डिजिटल एविडेंस': दुष्कर्म, हत्या, पोक्सो, धोखाधड़ी के एविडेंस भी लैब को भेजे जा रहे हैं. लैब को अब चोरी के मामलों में भी डिजिटल एविडेंस प्राप्त हो रहे हैं. जांच एजेंसियां चोरी के मामलों में भी डिजिटल एविडेंस एकत्रित कर रही हैं, जिससे कि लोकेशन आकलन और डेटा आकलन के आधार पर चोरी की घटना को अंजाम देने वालों के बारे में हर तरह की डिजिटल जानकारी निकाली जा सके.
'फॉरेंसिक साइंस के जरीए अपराधियों पर नकेल कसेगी पुलिस': वर्तमान में हर प्रकार के अपराधों के मामलों में डिजिटल एविडेंस फॉरेंसिक लैब के पास पहुंच रहे हैं. गौरतलब है कि जिस तरह से अपराधी और शातिर ठगी और अपराध के नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं, उसी तरीके से फॉरेंसिक साइंस के माध्यम से अब पुलिस भी डिजिटल एविडेंस के आधार पर मामलों को सुलझा रही है.
'फॉरेंसिक लैब में पहुंच रहे हर अपराध के डिजिटल एविडेंस': आरएफएसएल नॉर्दन रेंज धर्मशाला की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मीनाक्षी महाजन ने बताया कि साइबर क्राइम के मामलों में पुलिस द्वारा गए डिजिटल एविडेंस को आरएफएसएल लैब में जांच के लिए भेजा जाता है. दुष्कर्म, हत्या, पोक्सो, धोखाधड़ी संबंधित एविडेंस तो लैब को पहले से ही मिल रहे हैं. अब चोरी के मामलों में डिजिटल एविडेंस भी लैब में आ रहे हैं. वर्तमान में हर तरह के आपराधिक मामलों में फॉरेंसिक लैब के पास डिजिटल एविडेंस पहुंच रहे हैं.
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