धर्मशाला: पहाड़ियां खिसकने के कारण कांगड़ा जिला में ज्यादा नुकसान हुआ है. जिले के जवाली और नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश और पहाड़ी दरकने से करीब 30 घरों को नुकसान पहुंचा है. घरों में आई दरारें और बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने से लोग बेघर हो गए है. डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने उपमंडल नूरपुर में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा इस मानसून सीजन में जिले में पहाड़ियां दरकने के अधिकतर मामले सामने आए हैं. जिससे कई मकान जमींदोज और कई पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसके अतिरिक्त उनकी उपजाऊ भूमि भी बह गई है.
जवाली और नूरपुर में पहाड़ी दरकने से नुकसान: उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने जवाली और नूरपुर विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों का दौरा कियाय जहां उन्होंने बरसात से हुए नुकसान का जायजा लिया. उन्होंने जवाली और नूरपुर के नियांगल, कोटला, अनूही, जौंटा, सुजांता, भेड खड्ड, लदोड़ी और मिंजग्रां में जाकर स्थिति का आंकलन किया और प्रभावितों को आ रही दिक्कतों का संज्ञान लिया. इस दौरान पुलिस अधीक्षक नूरपुर अशोक रतन भी उनके साथ उपस्थित रहे.
डीसी ने अधिकारियों से नुकसान का ब्यौरा लिया: इस दौरान डीसी ने अधिकारियों से भारी बारिश के कारण क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुई क्षति का ब्यौरा लिया. उन्होंने राजस्व, बिजली बोर्ड, लोक निर्माण तथा जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को आपदा से हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा क्षेत्र में आई त्रासदी से निपटने के लिए सभी विभागों को युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं.
लैंडस्लाइड क्षेत्र का जियोलॉजिकल सर्वे: डीसी ने बताया कि पहाड़ियां दरकने के मामलों को देखते हुए प्रशासन द्वारा जियोलॉजिकल सर्वे करवाया जा रहा है. जिसके लिए जिला में 7 टीमें पूरी गहनता से सर्वेक्षण कर रही हैं. सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद भविष्य में इस समस्या से निपटने के लिए ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. सभी उपमंडल अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि जिन लोगों की भूमि आपदा के दौरान बह गई है, उसका पूरा ब्यौरा तैयार करने के साथ उनके लिए भूमि चयन की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए. ताकि प्रभावित परिवारों का स्थाई पुनर्वास सुनिश्चित हो सके.
सीएम के निर्देशानुसार की जा रही प्रभावितों की मदद: कांगड़ा डीसी ने कहा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार वे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का आकलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सार्वजनिक व्यवस्थाओं का पुनः संचालन और प्रभावित लोगों की सहायता एवं पुनर्वास सरकार की प्राथमिकता है. इसी के चलते जिला प्रशासन वास्तविक स्थिति का जायजा लेने के लिए स्वयं मौके पर जाकर प्रभावितों के दुख तकलीफ जान रहा है.
राहत शिविर में जांची व्यवस्थाएं: उपायुक्त ने नियांगल में प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना. उन्होंने बताया नियांगल में बहुत से परिवार घरों के क्षतिग्रस्त होने के कारण राहत शिविरों में रह रहे हैं. उन्होंने यहां राजकीय प्राथमिक पाठशाला में प्रभावितों के लिए लगाए गए राहत शिविर में जाकर व्यवस्थाओं भी जायजा लिया. इस दौरान डीसी ने राहत शिविर में लोगों को जिला रेडक्रॉस सोसायटी और धौलाधार क्लीनर्स संस्था के माध्यम से कपड़े, कंबल, हाइजीन किट और अन्य राहत सामग्री बांटी.
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