ज्वालामुखी: विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ धार्मिक पर्यटन नगरी ज्वालामुखी लाखों श्रद्धालुओं से गुलजार रहने वाला स्थल वीरान पड़ा है. चारों तरफ कोरोना कर्फ्यू के चलते सन्नाटा पसरा हुआ है. मंदिर परिसर में सिर्फ पुजारी परंपरानुसार मां ज्वाला की प्रतिदिन होने वाली 5 आरतियां कर रहे हैं.
कोरोना काल में जहां मंदिर पर आश्रित पुजारी वर्ग के अलावा प्रसाद के दुकानदारों, फूल कारोबारियों और अन्य दुकानदारों को मंदिर बंद रहने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, दुकानों में पड़ा सामान भी खराब होने के कगार पर है. नगर परिषद ज्वालामुखी की कार पार्किंग जोकि सालाना एक करोड़ के करीब आय देती थी ये पार्किंग भी खाली पड़ी है. जिससे नगर परिषद को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है. धार्मिक पर्यटन स्थल में बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं के ना आने से हर वर्ग को भारी नुकसान हुआ है.
मंदिर पर आश्रित सैकड़ों पुजारी परिवारों पर मंदिर के बंद होने से आर्थिक नुकसान सहना पड़ा है. उनकी आर्थिकी पूर्ण रूप से डगमगा गई है. घर चलाना बच्चों की फीस देना और बीमारी का खर्च उठाना बिना आमदनी के बेहद मुश्किल हो गया है. समस्त मंदिर पर आश्रित परिवार घरों में मां से प्रार्थना कर रहे हैं कि कोरोना महामारी से जल्द मुक्ति मिले और उनके परिवारों का फिर से पालन पोषण हो सके.
कोविड नियमों के साथ खोले जाएं शक्तिपीठ
शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी में धार्मिक पर्यटन पर भी बुरा असर पड़ा है. यहां सैकड़ों होटल बंद पड़े हैं. पार्किंग स्थल खाली पड़े हैं. ऑटो ,टैक्सी के साथ प्रसाद की दुकाने बंद हैं. लोगों का कहना है कोविड नियमों के साथ शक्तिपीठों को खोला जाएगा.
यह भी पढ़ें :- BJP नेता का निधन, भाजपा ने प्रदेश में आज अपने सभी कार्यक्रमों को किया स्थगित