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Jaswan Pragpur Seat: 10 साल बाद कांग्रेस करेगी कमाल या बीजेपी लगाएगी जीत की हैट्रिक?

कांगड़ा जिले के जसवां परागपुर सीट में एक तरफ मंत्री बिक्रम सिंह बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं तो उनके सामने कांग्रेस उम्मीदवार सुरिंदर सिंह मनकोटिया हैं. इस सीट पर ज्यादातर बीजेपी का ही कब्जा रहा है. साल 2017 में बिक्रम सिंह ने जीत हासिल की थी. जानें सीट का इतिहास..

jaswan paragpur seat profile
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Published : Nov 26, 2022, 2:18 PM IST

Updated : Nov 26, 2022, 3:13 PM IST

जसवां परागपुर/कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के सभी 68 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है. अब मतगणना की घड़ियां भी नजदीक आ रही है. 2017 में बिक्रम सिंह ने सुरिंदर सिंह मनकोटिया को 1862 वोटों के मार्जिन से हराया था. जीत और हार का अंतर ज्यादा नहीं था. ऐसे में नतीजे क्या होंगे इसको लेकर अभी से सभी पार्टी के नेताओं के दिलों की धड़कनें बढ़ीं हुईं हैं. ( Bikram Singh vs Surender Singh Makotia)

जसवां परागपुर में 73.67 प्रतिशत मतदान: जसवां परागपुर में इस बार 73.67 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है. वहीं 2017 में 68.41 फीसदी मतदान हुआ था. कांगड़ा जिले में ओवरऑल वोट परसेंटेज की बात करें तो यह 71.91 प्रतिशत रहा.

jaswan paragpur seat profile
जसवां परागपुर सीट का इतिहास

कुल 6 प्रत्याशियों की किस्मत का होगा फैसला: इस सीट से कुल 6 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा है जिनकी किस्मत का फैसला 8 दिसंबर को होगा. भाजपा से बिक्रम सिंह ठाकुर, कांग्रेस से सुरिंदर सिंह मनकोटिया, आप से साहिल चौहान, बीएसपी से प्रेम चंद चुनावी मैदान में हैं जबकि दो आजाद प्रत्याशी संजय पराशर और मुकेश कुमार की किस्मत भी ईवीएम में कैद हो चुकी है.

करोड़पति हैं बिक्रम सिंह: बिक्रम सिंह को राजनीति का लंबा अनुभव है. बिक्रम सिंह हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हैं. 2017 में बिक्रम सिंह ने जसवां परागपुर से जीत हासिल की. 2012 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के बिक्रम सिंह जीते थे. 58 साल के बिक्रम सिंह के पास 1.38 करोड़ से ज्यादा की चल और अचल संपत्ति है. बिक्रम सिंह ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला से साल 1986-87 में बीएससी किया तो वहीं 1988 में बीएड की डिग्री हासिल की.

2017 का चुनाव हार गए थे मनकोटिया: सुरिंदर सिंह मनकोटिया भी राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं. मनकोटिया हिमाचल प्रदेश के बड़े राजनीतिक चेहरों में से एक हैं. पिछले दो चुनाव में कांग्रेस इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी. सुरिंदर सिंह मनकोटिया इस सीट से साल 2017 का चुनाव हार गए. बिक्रम सिंह ने उन्हें हराया था. मनकोटिया के पास लगभग साढ़ें तीन करोड़ की संपत्ति है. सुरिंदर सिंह मनकोटिया ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला से अर्थशास्त्र में एमए किया है. (Jaswan Paragpur Assembly Constituency)

जसवां परागपुर में मतदाता: कुल मतदाताओं की बात करें तो इसकी संख्‍या 78627 है. इसमें पुरुष मतदाता 39660 हैं तो मह‍िला मतदाताओं की संख्‍या 38967 है. इसके अलावा 1229 सर्विस वोटर व अन्‍य भी हैं. इससे यहां पर कुल वोटरों की संख्‍या इस बार 79856 है.

जसवां परागपुर सीट का इतिहास: 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के बिक्रम सिंह को 23583 वोट और कांग्रेस के सुरिन्दर सिंह मानकोटिया को 21721 वोट मिले थे. बि‍क्रम स‍िंह ने 1862 के मतों के अंतराल से सुर‍िन्‍दर को हराकर दूसरी बार जीत दर्ज की थी. साल 2012 के चुनावों में भाजपा के बिक्रम सिंह और कांग्रेस के न‍िखिल राजौर के बीच सीधा मुकाबला था. इस चुनाव में भाजपा के बिक्रम सिंह को 22,000 वोट और कांग्रेस के निखिल राजौर को 15,907 वोट हासिल हुए थे. भाजपा के बिक्रम सिंह ने अपने न‍िकट प्रत‍िद्धंदी मनकोट‍िया को 6,093 वोटों के मार्ज‍िन से श‍िकस्‍त दी थी.

वहीं साल 2007 के चुनाव में निखिल राजौर (मनु शर्मा) ने कांग्रेस के ट‍िकट पर जीत दर्ज की थी. उन्‍होंने 17,692 वोट हास‍िल कर भाजपा के ब‍िक्रम स‍िंह को बहुत कम 118 वोटों के अंतराल से श‍िकस्‍त दी थी. ब‍िक्रम स‍िंह को इस चुनाव में 17,574 मत हास‍िल हुए थे. कांग्रेस पार्टी के विपलोव ठाकुर ने 1993 और 1998 के चुनाव लगातार जीते थे. 1993 में भाजपा के कश्मीर सिंह राणा तो 1998 में भाजपा के बिक्रम सिंह को मात देकर सीट पर कब्‍जा क‍िया था.

ये हैं इस सीट के मुद्दे: जसवां परागपुर में राजनीतिक पार्टियों की ओर से शिक्षा और बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया जाता है. साथ ही क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मुद्दा भी उठाया जाता है. इस बार मतदाताओं ने इन तमाम बातों को जहन में रखकर वोट कास्ट किया है.

पढ़ें- Nurpur Assembly Seat: नूरपुर में खिलेगा कमल या कांग्रेस की होगी जीत, क्या बीजेपी की साख बचा पाएंगे रणवीर

जसवां परागपुर/कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के सभी 68 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है. अब मतगणना की घड़ियां भी नजदीक आ रही है. 2017 में बिक्रम सिंह ने सुरिंदर सिंह मनकोटिया को 1862 वोटों के मार्जिन से हराया था. जीत और हार का अंतर ज्यादा नहीं था. ऐसे में नतीजे क्या होंगे इसको लेकर अभी से सभी पार्टी के नेताओं के दिलों की धड़कनें बढ़ीं हुईं हैं. ( Bikram Singh vs Surender Singh Makotia)

जसवां परागपुर में 73.67 प्रतिशत मतदान: जसवां परागपुर में इस बार 73.67 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है. वहीं 2017 में 68.41 फीसदी मतदान हुआ था. कांगड़ा जिले में ओवरऑल वोट परसेंटेज की बात करें तो यह 71.91 प्रतिशत रहा.

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जसवां परागपुर सीट का इतिहास

कुल 6 प्रत्याशियों की किस्मत का होगा फैसला: इस सीट से कुल 6 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा है जिनकी किस्मत का फैसला 8 दिसंबर को होगा. भाजपा से बिक्रम सिंह ठाकुर, कांग्रेस से सुरिंदर सिंह मनकोटिया, आप से साहिल चौहान, बीएसपी से प्रेम चंद चुनावी मैदान में हैं जबकि दो आजाद प्रत्याशी संजय पराशर और मुकेश कुमार की किस्मत भी ईवीएम में कैद हो चुकी है.

करोड़पति हैं बिक्रम सिंह: बिक्रम सिंह को राजनीति का लंबा अनुभव है. बिक्रम सिंह हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हैं. 2017 में बिक्रम सिंह ने जसवां परागपुर से जीत हासिल की. 2012 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के बिक्रम सिंह जीते थे. 58 साल के बिक्रम सिंह के पास 1.38 करोड़ से ज्यादा की चल और अचल संपत्ति है. बिक्रम सिंह ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला से साल 1986-87 में बीएससी किया तो वहीं 1988 में बीएड की डिग्री हासिल की.

2017 का चुनाव हार गए थे मनकोटिया: सुरिंदर सिंह मनकोटिया भी राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं. मनकोटिया हिमाचल प्रदेश के बड़े राजनीतिक चेहरों में से एक हैं. पिछले दो चुनाव में कांग्रेस इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी. सुरिंदर सिंह मनकोटिया इस सीट से साल 2017 का चुनाव हार गए. बिक्रम सिंह ने उन्हें हराया था. मनकोटिया के पास लगभग साढ़ें तीन करोड़ की संपत्ति है. सुरिंदर सिंह मनकोटिया ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला से अर्थशास्त्र में एमए किया है. (Jaswan Paragpur Assembly Constituency)

जसवां परागपुर में मतदाता: कुल मतदाताओं की बात करें तो इसकी संख्‍या 78627 है. इसमें पुरुष मतदाता 39660 हैं तो मह‍िला मतदाताओं की संख्‍या 38967 है. इसके अलावा 1229 सर्विस वोटर व अन्‍य भी हैं. इससे यहां पर कुल वोटरों की संख्‍या इस बार 79856 है.

जसवां परागपुर सीट का इतिहास: 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के बिक्रम सिंह को 23583 वोट और कांग्रेस के सुरिन्दर सिंह मानकोटिया को 21721 वोट मिले थे. बि‍क्रम स‍िंह ने 1862 के मतों के अंतराल से सुर‍िन्‍दर को हराकर दूसरी बार जीत दर्ज की थी. साल 2012 के चुनावों में भाजपा के बिक्रम सिंह और कांग्रेस के न‍िखिल राजौर के बीच सीधा मुकाबला था. इस चुनाव में भाजपा के बिक्रम सिंह को 22,000 वोट और कांग्रेस के निखिल राजौर को 15,907 वोट हासिल हुए थे. भाजपा के बिक्रम सिंह ने अपने न‍िकट प्रत‍िद्धंदी मनकोट‍िया को 6,093 वोटों के मार्ज‍िन से श‍िकस्‍त दी थी.

वहीं साल 2007 के चुनाव में निखिल राजौर (मनु शर्मा) ने कांग्रेस के ट‍िकट पर जीत दर्ज की थी. उन्‍होंने 17,692 वोट हास‍िल कर भाजपा के ब‍िक्रम स‍िंह को बहुत कम 118 वोटों के अंतराल से श‍िकस्‍त दी थी. ब‍िक्रम स‍िंह को इस चुनाव में 17,574 मत हास‍िल हुए थे. कांग्रेस पार्टी के विपलोव ठाकुर ने 1993 और 1998 के चुनाव लगातार जीते थे. 1993 में भाजपा के कश्मीर सिंह राणा तो 1998 में भाजपा के बिक्रम सिंह को मात देकर सीट पर कब्‍जा क‍िया था.

ये हैं इस सीट के मुद्दे: जसवां परागपुर में राजनीतिक पार्टियों की ओर से शिक्षा और बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया जाता है. साथ ही क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मुद्दा भी उठाया जाता है. इस बार मतदाताओं ने इन तमाम बातों को जहन में रखकर वोट कास्ट किया है.

पढ़ें- Nurpur Assembly Seat: नूरपुर में खिलेगा कमल या कांग्रेस की होगी जीत, क्या बीजेपी की साख बचा पाएंगे रणवीर

Last Updated : Nov 26, 2022, 3:13 PM IST
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