धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कारगर कदम उठाते हुए प्रदेश की सुक्खू सरकार ने धर्मशाला से शक्तिपीठों को जोड़ने वाली बस की शुरुआत करवाई है. दर्शन सेवा योजना के तहत शनिवार सुबह एचआरटीसी के प्रबन्धक निदेशक रोहन चंद ठाकुर और जिला कांगड़ा के डीसी निपुण जिंदल ने संयुक्त रूप से इस बस सेवा को धर्मशाला के बस स्टैंड से हरी झंडी दिखाई. पहले दिन 8 लोगों ने इस बस सेवा का लाभ उठाया.
इस रूट पर चलेगी बस: जानकारी के अनुसार यह बस एचआरटीसी की टेम्पो ट्रैवलर है. जिसे कांगड़ा के धर्मशाला से ऊना के चिंतपूर्णी और चिंतपूर्णी से फिर ज्वालाजी को जोड़ने के लिए चलाया गया है. जिसमें बाकायदा श्रद्धालुओं को देवी मां के दर्शन करवाने का भी प्रावधान है. एचआरटीसी के एमडी रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि इस बस सेवा को चलाने का एकमात्र उद्देश्य धार्मिक सर्किट को एक दूसरे के साथ जोड़कर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि हालांकि शुरुआती दौर में उतना रुझान भले ही देखने को न मिले, मगर भविष्य में इसका जरूर लाभ देखने को मिलेगा. अभी इसका जनता में उतना प्रचार प्रसार नहीं हो पाया है, लेकिन भविष्य में इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि आगे ऐसी और 100 बसें चलाने का प्रावधान है.
'योजना से श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ': एचआरटीसी के एमडी रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि बाहरी राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु देवी मां के दर्शन करने के लिए हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में पहुंचते हैं. ऐसे में कई बार श्रद्धालु टैक्सी करवा कर भी माता के दरबार में हाजरी लगाने के लिए आते हैं, लेकिन ऐसे में श्रद्धालुओं से टैक्सी ड्राइवरों द्वारा मनमाने दाम वसूले जाते हैं. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए ही एचआरटीसी ने इस बस सेवा को शुरू किया है, ताकि श्रद्धालुओं को माता के दरबार तक पहुंचने और वहां से वापिस आने में कोई परेशानी ना हो.
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