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हिमाचल प्रदेश में आई आपदा का कारण मानवजनित हैं:- गुमान सिंह - धर्मशाला न्यूज

हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह ने सोमवार को धर्मशाला में कहा कि हिमाचल प्रदेश में बरसात में आई आपदा को भारत सरकार राष्ट्रीय आपदा घोषित करें. वहीं, अभियान में शामिल पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में बरसात में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. पढ़ें पूरी खबर.. (Guman Singh On Himachal Pradesh Disaster) (Himachal Pradesh News)

Guman Singh On Himachal Pradesh Disaster
हिमाचल प्रदेश आपदा पर बोले हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 18, 2023, 5:41 PM IST

धर्मशाला: प्रदेश में बरसात के दौरान हुई त्रास्दी का हिमालय नीति अभियान और अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा अध्ययन किया गया है. वहीं, अध्ययन में सामने आए आपदा के कारणों की जानकारी देते हुए हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह ने कहा कि अध्ययन के अनुसार आपदा के कारण मानवजनित हैं, जिस कारण यह आपदा व्यापक तौर पर प्रदेश में फैली और भारी नुकसान हुआ. वहीं, अभियान में शामिल पदाधिकारियों का कहना है कि बरसात में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान प्रदेश में हुआ है.

दरअसल, अभियान में शामिल पदाधिकारियों का कहना है कि काफी जानें भी इस आपदा में गई हैं, ऐसे में जरूरी है कि भारत सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और एनडीआरएफ के फंड से प्रदेश को हुए नुकसान की भरपाई की जाए. पदाधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों के घर और खेती बरसात में उजड़ी है, इनके लिए प्रदेश सरकार को फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट में छूट के लिए आवेदन करना चाहिए.

पदाधिकारियों ने कहा कि बरसात में घर और कृषि भूमि खो चुके लोगों को वन विभाग की भूमि पर घर और कृषि के लिए भूमि अलॉट की जानी चाहिए. अभियान के पदाधिकारियों का कहना है कि आपदा के लिए फोरलेन भी एक कारण बना और हाइडल प्रोजेक्ट का प्रबंधन गलत तरीके से हुआ और डैम सेफ्टी नियमों को सही ढंग से फॉलो नहीं किया गया. यही नहीं सीडब्ल्यूसी के प्रोविजन नहीं माने गए, उनकी अवहेलना हुई, जिसकी वजह से भी बहुत नुकसान हुआ. दो माह के अध्ययन में वैज्ञानिकों और एक्टिविस्ट ने यह आकलन किया है.

ये भी पढ़ें: Himachal News: 1 अक्टूबर से आपदा जागरूकता अभियान, स्कूलों में होगी मॉकड्रिल, बेस्ट आपदा प्रबंधन योजना को मिलेगा आवार्ड

धर्मशाला: प्रदेश में बरसात के दौरान हुई त्रास्दी का हिमालय नीति अभियान और अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा अध्ययन किया गया है. वहीं, अध्ययन में सामने आए आपदा के कारणों की जानकारी देते हुए हिमालय नीति अभियान के संयोजक गुमान सिंह ने कहा कि अध्ययन के अनुसार आपदा के कारण मानवजनित हैं, जिस कारण यह आपदा व्यापक तौर पर प्रदेश में फैली और भारी नुकसान हुआ. वहीं, अभियान में शामिल पदाधिकारियों का कहना है कि बरसात में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान प्रदेश में हुआ है.

दरअसल, अभियान में शामिल पदाधिकारियों का कहना है कि काफी जानें भी इस आपदा में गई हैं, ऐसे में जरूरी है कि भारत सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और एनडीआरएफ के फंड से प्रदेश को हुए नुकसान की भरपाई की जाए. पदाधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों के घर और खेती बरसात में उजड़ी है, इनके लिए प्रदेश सरकार को फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट में छूट के लिए आवेदन करना चाहिए.

पदाधिकारियों ने कहा कि बरसात में घर और कृषि भूमि खो चुके लोगों को वन विभाग की भूमि पर घर और कृषि के लिए भूमि अलॉट की जानी चाहिए. अभियान के पदाधिकारियों का कहना है कि आपदा के लिए फोरलेन भी एक कारण बना और हाइडल प्रोजेक्ट का प्रबंधन गलत तरीके से हुआ और डैम सेफ्टी नियमों को सही ढंग से फॉलो नहीं किया गया. यही नहीं सीडब्ल्यूसी के प्रोविजन नहीं माने गए, उनकी अवहेलना हुई, जिसकी वजह से भी बहुत नुकसान हुआ. दो माह के अध्ययन में वैज्ञानिकों और एक्टिविस्ट ने यह आकलन किया है.

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