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केंद्र जाएं भाजपा नेता, वाटर सेस पर केंद्रीय उपक्रमों की याचिका वापस लेने को कहें: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu: हिमाचल विधानसभा का पांच दिवसीय शीत सत्र मंगलवार को सुबह 11:00 बजे शुरू हुआ. सदन की कार्यवाही से पहले भाजपा ने सदन के बाहर प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रतिक्रिया दी है. पढ़ें पूरी खबर...

Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 19, 2023, 6:14 PM IST

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

कांगड़ा: धर्मशाला विधानसभा शीतकालीन सत्र की शुरुआत भाजपा के विरोध प्रदर्शन के साथ हुई. सदन की कार्यवाही से पहले भाजपा ने सदन के बाहर प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि फिर सदन में भी पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप के बाण चलते रहे. वहीं, सदन के भीतर विनय कुमार को विधानसभा का उपाध्यक्ष चुना गया. इसके लिए मुख्यमंत्री ने विनय कुमार को बधाई दी. वहीं, भाजपा के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए भाजपा नेताओं को केंद्र जाकर सरकारी उपक्रम कंपनियों द्वारा वाटर सेस पर की गई याचिका को वापस लेने की नसीहत दी. इसके अलावा कर्ज को लेकर भी अपने गिरेबान में झांकने की बात कही.

भाजपा के विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की भाजपा के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है. ऐसे में खबरों में बने रहने के लिए यह प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता केंद्र जाएं और SJVNL, THDC जैसे उपक्रमों को वाटर सेस पर की गई याचिका को वापस लेने को कहें. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में टिहरी डैम पर THDC ने तो कोई याचिका दायर नहीं की. मुख्यमंत्री ने कहा इस पर विपक्ष के पास कोई जवाब नहीं है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने नेता विपक्ष जयराम ठाकुर को भी निशाने पर लिया.

कोविड काल के दौरान आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब भाजपा सरकार ने कोविड काल के दौरान आउटसोर्स पर लोगों को रखा था तब भाजपा सरकार ने इन लोगों के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई थी. अगर उसे समय भाजपा सरकार ने आउटसोर्स पर रखे जाने वाले इन कर्मचारियों के लिए रणनीति बनाई होती तो आज इन लोगों को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रखे गए आउटसोर्स कर्मचारियों को किस तरह से दोबारा काम पर रखा जाए इसको लेकर भी कांग्रेस सरकार मंथन कर रही है और जल्द ही कोविड काल के दौरान आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों को नीति बनाकर वापस कम पर रखा जाएगा.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में विनय कुमार डिप्टी स्पीकर बने, सर्वसम्मति से चयन, पूर्व वीरभद्र सरकार में रहे चुके हैं CPS, जानिए नवनियुक्त Deputy Speaker का राजनीतिक सफर

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

कांगड़ा: धर्मशाला विधानसभा शीतकालीन सत्र की शुरुआत भाजपा के विरोध प्रदर्शन के साथ हुई. सदन की कार्यवाही से पहले भाजपा ने सदन के बाहर प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि फिर सदन में भी पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप के बाण चलते रहे. वहीं, सदन के भीतर विनय कुमार को विधानसभा का उपाध्यक्ष चुना गया. इसके लिए मुख्यमंत्री ने विनय कुमार को बधाई दी. वहीं, भाजपा के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए भाजपा नेताओं को केंद्र जाकर सरकारी उपक्रम कंपनियों द्वारा वाटर सेस पर की गई याचिका को वापस लेने की नसीहत दी. इसके अलावा कर्ज को लेकर भी अपने गिरेबान में झांकने की बात कही.

भाजपा के विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की भाजपा के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है. ऐसे में खबरों में बने रहने के लिए यह प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता केंद्र जाएं और SJVNL, THDC जैसे उपक्रमों को वाटर सेस पर की गई याचिका को वापस लेने को कहें. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में टिहरी डैम पर THDC ने तो कोई याचिका दायर नहीं की. मुख्यमंत्री ने कहा इस पर विपक्ष के पास कोई जवाब नहीं है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने नेता विपक्ष जयराम ठाकुर को भी निशाने पर लिया.

कोविड काल के दौरान आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब भाजपा सरकार ने कोविड काल के दौरान आउटसोर्स पर लोगों को रखा था तब भाजपा सरकार ने इन लोगों के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई थी. अगर उसे समय भाजपा सरकार ने आउटसोर्स पर रखे जाने वाले इन कर्मचारियों के लिए रणनीति बनाई होती तो आज इन लोगों को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रखे गए आउटसोर्स कर्मचारियों को किस तरह से दोबारा काम पर रखा जाए इसको लेकर भी कांग्रेस सरकार मंथन कर रही है और जल्द ही कोविड काल के दौरान आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों को नीति बनाकर वापस कम पर रखा जाएगा.

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