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ज्वालामुखी में मूसलाधार बारिश के बाद मौसम हुआ कूल-कूल, लोगों ने ली राहत की सांस

गनीमत ये भी रही कि इस मूसलाधार बारिश में किसी भी तरह का कोई नुकसान नही हुआ है. हालांकि तेज बारिश के चलते दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. दुकानों के बाहर रखे सामान को बारिश से बचाने के लिए दुकानदारों को तिरपालों और छातों का सहारा लेना पड़ा.

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Published : Aug 24, 2019, 11:22 PM IST

ज्वालामुखी में मूसलाधार बारिश के बाद मौसम हुआ कूल-कूल

ज्वालामुखी: ज्वालामुखी व इसके आसपास के क्षेत्रों में शनिवार शाम के समय हुई मूसलाधार बारिश से मौसम कूल-कूल हो गया है, जिसके चलते बीते चार दिनों से पड़ रही उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली है. वहीं बारिश के चलते ज्वालाजी में पड़ी गंदगी भी पूरी तरह से साफ हो गई है. तेज बारिश के चलते नालियां पूरी तरह से साफ हो गई है.

इसके साथ ही लोगों का कहना है कि मूसलाधार बारिश से तापमान में भारी गिरावट आई है और मौसम ठंडा हो गया है. वहीं ज्वालामुखी में बाहर से आए हुए श्रद्धालुओं ने भी बारिश का खूब आनंद लिया और मां ज्वालाजी के दर्शन कर माता का शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया. ज्वालामुखी में पिछले दिनों लगभग 36 डिग्री टेंपरेचर था जो आज बारिश के चलते 26 डिग्री तक जा पहुंचा.

मूसलाधार बारिश के बाद मौसम हुआ कूल-कूल

स्थानीय लोगों का कहना है कि गनीमत ये भी रही कि इस मूसलाधार बारिश में किसी भी तरह का कोई नुकसान नही हुआ है. हालांकि तेज बारिश के चलते दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. दुकानों के बाहर रखे सामान को बारिश से बचाने के लिए दुकानदारों को तिरपालों और छातों का सहारा लेना पड़ा.

ये भी पढ़ें- मोदी-जयराम सरकार के अच्छे कामों की तारीफ करेंगे विक्रमादित्य सिंह, स्वस्थ लोकतंत्र या कुछ और?

ज्वालामुखी: ज्वालामुखी व इसके आसपास के क्षेत्रों में शनिवार शाम के समय हुई मूसलाधार बारिश से मौसम कूल-कूल हो गया है, जिसके चलते बीते चार दिनों से पड़ रही उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली है. वहीं बारिश के चलते ज्वालाजी में पड़ी गंदगी भी पूरी तरह से साफ हो गई है. तेज बारिश के चलते नालियां पूरी तरह से साफ हो गई है.

इसके साथ ही लोगों का कहना है कि मूसलाधार बारिश से तापमान में भारी गिरावट आई है और मौसम ठंडा हो गया है. वहीं ज्वालामुखी में बाहर से आए हुए श्रद्धालुओं ने भी बारिश का खूब आनंद लिया और मां ज्वालाजी के दर्शन कर माता का शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया. ज्वालामुखी में पिछले दिनों लगभग 36 डिग्री टेंपरेचर था जो आज बारिश के चलते 26 डिग्री तक जा पहुंचा.

मूसलाधार बारिश के बाद मौसम हुआ कूल-कूल

स्थानीय लोगों का कहना है कि गनीमत ये भी रही कि इस मूसलाधार बारिश में किसी भी तरह का कोई नुकसान नही हुआ है. हालांकि तेज बारिश के चलते दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. दुकानों के बाहर रखे सामान को बारिश से बचाने के लिए दुकानदारों को तिरपालों और छातों का सहारा लेना पड़ा.

ये भी पढ़ें- मोदी-जयराम सरकार के अच्छे कामों की तारीफ करेंगे विक्रमादित्य सिंह, स्वस्थ लोकतंत्र या कुछ और?

Intro:उमस भरी गर्मी से ज्वालामुखी वासियों ने ली राहत की सांस, मूसलाधार बारिश से मौसम हुआ कूल कूल

बारिश से नालियों की भी हुई सफाई, गंदगी से मिली नजात
स्थानीय लोग बोले, नालियों की लगातार सफाई न होने के चलते इनपर मंडरा रहे थे मखी मछरBody:
ज्वालामुखी, 24 अगस्त (नितेश): ज्वालामुखी व इसके आसपास के क्षेत्रों में शनिवार शाम के समय हुई मूसलाधार बारिश से मौसम कूल कूल हो गया है, जिसके चलते बीते चार दिनों से पड़ रही उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली है। वहीं बारिश के चलते ज्वालाजी में पड़ी गंदगी भी पूरी तरह से साफ हो गई है। तेज बारिश के चलते नालियां पूरी तरह से साफ हो गई है। स्थानीय लोगों की बात करें तो उनका कहना है कि बीते कुछ दिनों से शहर की नालियों की ठीक से साफ सफाई न होने के चलते इसपर मखी मछर मंडरा रहे थे, लेकिन बारिश के चलते नालियां साफ हो गई है जिससे जनजलित रोगों को बढ़ावा देने बाले मखी मछरों से भी छुटकारा मिलेगा।
इसके साथ ही लोगों का कहना है कि मूसलाधार बारिश से तापमान में भारी गिरावट आई है और मौसम ठंडा ठंडा हो गया है। वही बारिश में ज्वालामुखी में बाहर से आए हुए श्रद्धालुओं ने बारिश का खूब आनंद लिया और मां ज्वालाजी के दर्शन कर माता का शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया। ज्वालामुखी में पिछले दिनों लगभग 36 डिग्री टेंपरेचर था जो आज बारिश के चलते 26 डिग्री तक जा पहुंचा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गनीमत ये भी रही कि इस मूसलाधार बारिश में किसी भी तरह का कोई नुकसान नही हुआ है। हालांकि तेजधार बारिश के चलते दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, कयुंकि यहां दुकानों के बाहर दुकानदारों द्वारा सामान लगाया गया था, जिसे बारिश के दौरान उस समान को खराब होने से बचाने के लिए उन्हें तिरपालों ओर छातों का सहारा लेना पड़ा।


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स्थानीय युवक
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