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स्वर्णिम विजय मशाल: 1971 के शहीदों को श्रदांजलि, पालमपुर सैन्य स्टेशन पर मशाल का हुआ भव्य स्वागत - कांगड़ा का पालमपुर सैन्य स्टेशन

स्‍वर्णिम विजय मशाल आज हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पालमपुर सैन्य स्टेशन पहुंची. जहां कमांडिंग ऑफिसर ब्रिगेडियर एसे सिंह ने मशाल का स्वागत किया. वीर जवानों के सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में सैन्य स्टेशन में एक पुष्पांजलि समारोह भी आयोजित किया गया था. जिसमें कारगिल युद्ध के वीरों को श्रद्धांजलि दी गई.

Grand welcome of swarnim vijay mashaal at Palampur Military Station
फोटो.
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Published : Sep 7, 2021, 12:48 PM IST

पालमपुर/कांगड़ा: साल 1971 के भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष विजय मशाल मंगलवार की सुबह पालमपुर सैन्य स्टेशन पहुंची. 16 दिसंबर, 2020 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, नई दिल्ली में विजय मशाल जलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50वें वर्ष के उत्सव को हरी झंडी दिखाई थी. तब से विजय मशाल देश भर में भ्रमण कर रही है.

विजय मशाल को पालमपुर सैन्य स्टेशन में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उप जनरल ऑफिसर कमांडिंग, ब्रिगेडियर एके सिंह ने प्राप्त किया और इसके बाद एनसीसी कैडेटों और एक समूह द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. सैन्य स्टेशन में भारत-पाक युद्ध के दौरान युद्ध नायकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में एक पुष्पांजलि समारोह भी आयोजित किया गया था. डिप्टी जनरल कमांडिंग ऑफिसर ब्रिगेडियर एके सिंह ने माल्यार्पण करके बहादुरों को श्रद्धांजलि दी.

वीडियो.

इस अवसर पर ब्रिगेडियर सिंह ने शहीद हुए युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और मातृभूमि के लिए उनकी नि:स्वार्थ सेवा को याद किया. उन्होंने सभी रैंकों को उनके नक्शे कदम पर चलने और एक मजबूत, विकसित और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के लिए पूरे दिल से समर्पित करने का आह्वान किया.

स्वर्णिम विजय वर्ष विजय मशाल समारोह का एक अन्य आकर्षण 1971 युद्ध के दिग्गजों के सम्मान में एक कार्यक्रम भी आयोजित था. कारगिल युद्ध के नायकों कैप्टन विक्रम बत्रा, मेजर सुधीर वालिया और कैप्टन सौरभ कालिया के परिवार को समारोह में सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ें: जिस लंगर में वीरभद्र सिंह, आचार्य देवव्रत ने बांटा भोजन, भूख के खिलाफ उस अभियान में आड़े आ गए ये नियम

पालमपुर/कांगड़ा: साल 1971 के भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष विजय मशाल मंगलवार की सुबह पालमपुर सैन्य स्टेशन पहुंची. 16 दिसंबर, 2020 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, नई दिल्ली में विजय मशाल जलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50वें वर्ष के उत्सव को हरी झंडी दिखाई थी. तब से विजय मशाल देश भर में भ्रमण कर रही है.

विजय मशाल को पालमपुर सैन्य स्टेशन में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उप जनरल ऑफिसर कमांडिंग, ब्रिगेडियर एके सिंह ने प्राप्त किया और इसके बाद एनसीसी कैडेटों और एक समूह द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. सैन्य स्टेशन में भारत-पाक युद्ध के दौरान युद्ध नायकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में एक पुष्पांजलि समारोह भी आयोजित किया गया था. डिप्टी जनरल कमांडिंग ऑफिसर ब्रिगेडियर एके सिंह ने माल्यार्पण करके बहादुरों को श्रद्धांजलि दी.

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इस अवसर पर ब्रिगेडियर सिंह ने शहीद हुए युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और मातृभूमि के लिए उनकी नि:स्वार्थ सेवा को याद किया. उन्होंने सभी रैंकों को उनके नक्शे कदम पर चलने और एक मजबूत, विकसित और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के लिए पूरे दिल से समर्पित करने का आह्वान किया.

स्वर्णिम विजय वर्ष विजय मशाल समारोह का एक अन्य आकर्षण 1971 युद्ध के दिग्गजों के सम्मान में एक कार्यक्रम भी आयोजित था. कारगिल युद्ध के नायकों कैप्टन विक्रम बत्रा, मेजर सुधीर वालिया और कैप्टन सौरभ कालिया के परिवार को समारोह में सम्मानित किया गया.

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