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पौंग बांध के आस-पास बर्ड फ्लू खत्म, बीते 8 दिन से नहीं हुई पक्षियों की मौत: वन मंत्री

पौंग बांध के आस-पास पिछले आठ दिनों में किसी भी पक्षी की मौत काम मामला सामने नहीं आया है. वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि अब स्थिति सामान्य हो गई है. वन विभाग के वन्यजीव विंग द्वारा नगरोटा सूरियां में निगरानी के लिए स्थापित नियंत्रण कक्ष को अधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया है.

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Published : Feb 16, 2021, 9:34 PM IST

शिमला: पौंग बांध के आस-पास पिछले आठ दिनों में किसी भी पक्षी की मौत काम मामला सामने नहीं आया है. वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि ये प्रदेश के वन विभाग के वन्य जीव विंग द्वारा 51 दिनों तक लगातार नियंत्रण के उपायों का परिणाम है.

पौंग बांध के पास मिले थे मृत पक्षी

जनवरी माह में कांगड़ा में पौंग डैम के इलाके में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले सामने आए थे. पौंग बांध के पास लगभग रोज मृत पक्षी पाए जा रहे थे. विभाग के मुताबिक पौंग बांध वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र में अब क 5006 प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की मौत हुई है.इस दौरान प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी पक्षियों, स्थानीय पक्षियों की मौत के मामले सामने आते रहे. सोलन जिले में मृत मुर्गे मिले थे.

रिपोर्ट में हुई थी बर्ड फ्लू की पुष्टि

पौंग बांध में मृत प्रवासी पक्षियों की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई. पालमपुर से लेकर जालंधर और भोपाल लैब तक की रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी.

वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि अब स्थिति सामान्य हो गई है. वन विभाग के वन्यजीव विंग द्वारा नगरोटा सूरियां में निगरानी के लिए स्थापित नियंत्रण कक्ष को अधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि एवियन एन्फ्लुएंजा के दृष्टिगत विभिन्न नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यों को भी बन्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बीमारी के पुनरुत्थान को रोकने के लिए भारत सरकार के ‘एवियन एन्फ्लुएंजा के निवारण, नियंत्रण एवं रोकथाम की कार्य योजना’ को प्रवासी पक्षियों के शेष मौसम के दौरान वन्यजीव अभयारण्य में लागू किया जाएगा.

सरकार ने उठाए थे एहतियातन कदम

बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद हिमाचल सरकार ने कई बड़े कदम उठाए थे. पौंग डैम के करीब 1 किलोमीटर के हिस्से को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था इस इलाके में हर गतिविधि पर रोक लगा दी गई थी. इसके अलावा 9 किलोमीटर के इलाके को भी निगरानी में रखा गया था. जानवरों को भी उस इलाके में ले जाने की मनाही थी. पौंग डैम से लगते 4 विधानसभा क्षेत्रों में भी हाइ अलर्ट घोषित किया गया था. इन चारों इलाकों में चिकन, अंडे की बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया था. प्रदेश भर में पक्षियों के मरने औऱ बर्ड फ्लू के मामलों को देखते हुए सरकार ने एहतियातन दूसरे प्रदेश से आने वाले पॉल्ट्री उत्पादों के आयात पर भी रोक लगा दी थी.

अब डरने की बात नहीं- वन मंत्री

वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि पौंग बांध के आस-पास पिछले 8 दिनों में किसी भी पक्षी की मौत का मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्यजीव विंग द्वारा 51 दिनों तक लगातार नियंत्रण उपायों के परिणाम से पौंग डैम जलाशय वन्यजीव अभयारण्य में एवियन एन्फ्लुएंजा का प्रभाव अब खत्म हो गया है.

ये भी पढ़ेंः- मंडी SP ने हैड कांस्टेबल हेम राज को किया सम्मानित, पर्यटकों की मदद करने पर मिला प्रशंसा पत्र

शिमला: पौंग बांध के आस-पास पिछले आठ दिनों में किसी भी पक्षी की मौत काम मामला सामने नहीं आया है. वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि ये प्रदेश के वन विभाग के वन्य जीव विंग द्वारा 51 दिनों तक लगातार नियंत्रण के उपायों का परिणाम है.

पौंग बांध के पास मिले थे मृत पक्षी

जनवरी माह में कांगड़ा में पौंग डैम के इलाके में प्रवासी पक्षियों की मौत के मामले सामने आए थे. पौंग बांध के पास लगभग रोज मृत पक्षी पाए जा रहे थे. विभाग के मुताबिक पौंग बांध वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र में अब क 5006 प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की मौत हुई है.इस दौरान प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी पक्षियों, स्थानीय पक्षियों की मौत के मामले सामने आते रहे. सोलन जिले में मृत मुर्गे मिले थे.

रिपोर्ट में हुई थी बर्ड फ्लू की पुष्टि

पौंग बांध में मृत प्रवासी पक्षियों की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई. पालमपुर से लेकर जालंधर और भोपाल लैब तक की रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी.

वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि अब स्थिति सामान्य हो गई है. वन विभाग के वन्यजीव विंग द्वारा नगरोटा सूरियां में निगरानी के लिए स्थापित नियंत्रण कक्ष को अधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि एवियन एन्फ्लुएंजा के दृष्टिगत विभिन्न नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यों को भी बन्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बीमारी के पुनरुत्थान को रोकने के लिए भारत सरकार के ‘एवियन एन्फ्लुएंजा के निवारण, नियंत्रण एवं रोकथाम की कार्य योजना’ को प्रवासी पक्षियों के शेष मौसम के दौरान वन्यजीव अभयारण्य में लागू किया जाएगा.

सरकार ने उठाए थे एहतियातन कदम

बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद हिमाचल सरकार ने कई बड़े कदम उठाए थे. पौंग डैम के करीब 1 किलोमीटर के हिस्से को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था इस इलाके में हर गतिविधि पर रोक लगा दी गई थी. इसके अलावा 9 किलोमीटर के इलाके को भी निगरानी में रखा गया था. जानवरों को भी उस इलाके में ले जाने की मनाही थी. पौंग डैम से लगते 4 विधानसभा क्षेत्रों में भी हाइ अलर्ट घोषित किया गया था. इन चारों इलाकों में चिकन, अंडे की बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया था. प्रदेश भर में पक्षियों के मरने औऱ बर्ड फ्लू के मामलों को देखते हुए सरकार ने एहतियातन दूसरे प्रदेश से आने वाले पॉल्ट्री उत्पादों के आयात पर भी रोक लगा दी थी.

अब डरने की बात नहीं- वन मंत्री

वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि पौंग बांध के आस-पास पिछले 8 दिनों में किसी भी पक्षी की मौत का मामला सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्यजीव विंग द्वारा 51 दिनों तक लगातार नियंत्रण उपायों के परिणाम से पौंग डैम जलाशय वन्यजीव अभयारण्य में एवियन एन्फ्लुएंजा का प्रभाव अब खत्म हो गया है.

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