धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश की उत्तरी क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब धर्मशाला बहुत जल्द भारत सरकार की निर्भया योजना के तहत और भी हाईटेक होने जा रही है. इसके लिए बाकायदा भारत और राज्य सरकार की ओर से सात करोड़ 29 लाख रुपए भी मंजूर हुए हैं. जिसकी पहली किश्त साढ़े तीन करोड़ रुपये क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब धर्मशाला के पास भी पहुंच चुकी है और उसके तहत यहां हाईटेक मशीनों की इंस्टालेशन का काम भी शुरू हो चुका है.
गौरतलब है कि इन मशीनों की धर्मशाला की लैब में इंस्टॉलेशन के बाद बच्चों और महिलाओं के साथ घटित होने वाले आपराधिक मामलों की रिपोर्ट्स को दिनों की बजाय घण्टों में हासिल करने का लाभ मिलेगा.
साथ ही जिन मामलों को सुलझाने के लिए पुलिस विभाग को फॉरेंसिक लैब से रिपोर्ट्स के लिए महीनों का इंतजार करना पड़ता था. वहीं, इंतजार बेहद ही कम हो जाएगा और मामलों को तुरन्त सुलझाने में भी सफलता हासिल होगी. इतना ही नहीं कई बार जिन मामलों में साक्ष्य के तौर पर मोबाइल फोन रिकॉर्ड पुख्ता भूमिका निभाते हैं.
दूसरी लैब्स नहीं रहना होगा निर्भर
अगर उन मोबाइल फोन को अपराधियों द्वारा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है, तो भी इन मशीनों के जरिए उस मोबाइल का हर रिकॉर्ड हासिल किया जा सकता है, जोकि अपने आप में ही बड़ी उपलब्धि है. जिसके लिए न केवल हिमाचल प्रदेश की उत्तरी क्षेत्र की फॉरेंसिक लैब दूसरी लैब्स पर डिपेंड थी.
इतना ही नहीं हिमाचल की दूसरी लैब समेत कई राज्यों में भी इस तरह की मशीनों का नितांत अभाव था, बावजूद इसके अब ये समस्या भी जल्द हल होती हुई नजर आ रही है.
हिमाचल प्रदेश की उत्तरी क्षेत्र की फॉरेंसिक लैब की उपनिदेशक मीनाक्षी महाजन की मानें तो निर्भया योजना के तहत धर्मशाला की ही नहीं बल्कि प्रदेश का फॉरेंसिक साइंस विभाग भी बेहद सशक्त होगा.
इस योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर बच्चों और महिलाओं के साथ घटित होने वाले अपराधों से सम्बंधित साक्ष्यों और डीएनए रिपोर्ट्स को खंगालने समेत अपराधियों तक जल्द पहुंचने में मदद मिलेगी.
पढ़ें: सीएम ने पालमपुर को दी 45 करोड़ की सौगात, शहीद सौरव कालिया पार्क का होगा पुनर्निर्माण