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मत्स्य विभाग ने पौंग बांध में डाला मछली का बीज, 25 लाख में की गई थी खरीद

पौंग बांध में फतेहपुर विधानसभा के सिहाल पुल के पास मत्स्य विभाग की ओर से 25 लाख रुपये की लागत से खरीदा हुआ करीब 10 लाख 15 हजार मछली बीज डाला गया. झील में 70 एमएम यानी 7 सेंटीमीटर से लंबा मछली बीज डाला गया है, जिससे मछली की पैदावार अच्छी होती है.

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Published : Sep 8, 2020, 4:34 PM IST

धर्मशाला: मत्स्य पालन विभाग ने फतेहपुर विधानसभा के सिहाल पुल के पास पौंग झील में मछली का बीज डाला है. इस बीज की खरीद 25 लाख रुपये में की गई है. विभाग ने कई प्रजातियों के 10 लाख 15 हजार बीज झील में डाले हैं.

मत्स्य विभाग कांगड़ा के निदेशक सतपाल मेहता व उपनिदेशक महेश कुमार, सहायक निदेशक मत्स्य विभाग पौंग बांध जय सिंह की अगुवाई मे पौंग झील में मछली का बीज डाला गया है.

मत्स्य विभाग के निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि पौंग झील में राहु, कतला, मोरी प्रजातियों का बीज डाला गया है. उन्होंने कहा कि पौंग झील में 70 एमएम यानी 7 सेंटीमीटर से लंबा मछली बीज डाला गया है, जिससे अच्छी मछलियां पैदा होती हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

सतपाल मेहता ने कहा कि पौंग झील में समय-समय पर मछली को बीज डाला जाता है. मत्स्य विभाग की ओर से मछुआरों के हित में कई योजनाएं चलाई गई हैं, जिसके तहत मछुआरों को जाल, टेंट, तिरपाल इत्यादि मुहैया करवाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि मछुआरों का 5 लाख रुपये तक का बीमा भी किया जाता है.

पढ़ें: सूरतगढ़ में भूमि कटाव रोकने के लिए 10 लाख रुपये मंजूर

धर्मशाला: मत्स्य पालन विभाग ने फतेहपुर विधानसभा के सिहाल पुल के पास पौंग झील में मछली का बीज डाला है. इस बीज की खरीद 25 लाख रुपये में की गई है. विभाग ने कई प्रजातियों के 10 लाख 15 हजार बीज झील में डाले हैं.

मत्स्य विभाग कांगड़ा के निदेशक सतपाल मेहता व उपनिदेशक महेश कुमार, सहायक निदेशक मत्स्य विभाग पौंग बांध जय सिंह की अगुवाई मे पौंग झील में मछली का बीज डाला गया है.

मत्स्य विभाग के निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि पौंग झील में राहु, कतला, मोरी प्रजातियों का बीज डाला गया है. उन्होंने कहा कि पौंग झील में 70 एमएम यानी 7 सेंटीमीटर से लंबा मछली बीज डाला गया है, जिससे अच्छी मछलियां पैदा होती हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

सतपाल मेहता ने कहा कि पौंग झील में समय-समय पर मछली को बीज डाला जाता है. मत्स्य विभाग की ओर से मछुआरों के हित में कई योजनाएं चलाई गई हैं, जिसके तहत मछुआरों को जाल, टेंट, तिरपाल इत्यादि मुहैया करवाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि मछुआरों का 5 लाख रुपये तक का बीमा भी किया जाता है.

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