ETV Bharat / state

हिमाचल में फायर सीजन से निपटने को विभाग तैयार, धर्मशाला में अति संवेदनशील फॉरेस्ट बीट्स की चिन्हित - Fire in Forests

वन मंडल धर्मशाला ने 48 ऐसी अतिसंवेदनशील फॉरेस्ट बीट्स चिन्हित की हैं जिसमें लगभग पिछले 5 सालों से हर बार आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं. वन विभाग ने फायर सीजन के लिए अपनी कमर कस ली है. (Forest Department identified 48 forest beats as very sensitive)

Forest Department identified 48 forest beats as very sensitive
वन विभाग ने चिन्हित की अति संवेदनशील 48 फॉरेस्ट बीटस
author img

By

Published : Mar 29, 2023, 10:55 AM IST

फायर सीजन के लिए विभाग ने कसी कमर

धर्मशाला: गर्मियों का मौसम शुरु होने वाला है. हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी और जंगलों से भरे इलाके में आग लगने की घटनाएं भी गर्मियों के मौसम से सामने आना शुरु हो जाएंगी. हर साल जंगलों में लगने वाली आग में न सिर्फ वन संपदा को नुकसान पहुंचता है बल्कि कई जानवर और पशु-पक्षी इसमें जिंदा जल कर मर जाते हैं. कई दुलर्भ प्रजातियां भी जंगलों में लगने वाली इस आग की भेंट चढ़ जाती हैं. पहाड़ी और जंगली इलाकों में पाई जाने वाली दुर्लभ औषधियां भी आग में जल कर राख हो जाती हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में वन विभाग ने जंगल में लगने वाली आग से बचाव के लिए कमर कस ली है.

48 अति संवेदनशील फॉरेस्ट बीट्स चिन्हित: बता दें की वन मंडल धर्मशाला ने 48 ऐसी फॉरेस्ट बीट्स चिन्हित की हैं, जिन्हें की विभाग ने अति संवेदनशील श्रेणी में रखा है. वन विभाग ने 48 ऐसी फॉरेस्ट बीट्स को ढूंढ निकाला है, जिनमें लगभग पिछले 5 साल से हर बार आग लगती है. यह रिकॉर्ड विभाग ने 3 साल के वनों में आग लगने के रिकॉर्ड के आधार पर निकाला है और उसी के आधार पर अति संवेदनशील बीट्स चिन्हित की जाती हैं.

पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल राहत में वन विभाग: गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी माह से ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी थीं और मार्च माह आते-आते आगजनी के 10 मामले सामने आ गए थे. जबकि इस बार विभाग अभी तक राहत में है, हालांकि मार्च माह खत्म होने को है लेकिन गनीमत रही की जंगलों में इस साल आगजनी की घटना नहीं हुई है. फायर सीजन के लिए विभाग ने रेंज लेवल पर कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं.

वन अधिकार समितियों और विलेज फॉरेस्ट मैनेजमेंट सोसायटियों का भी सहयोग आग बुझाने में लिया जाता है. फायर वालंटियर नियुक्त करने की तैयारी विभाग द्वारा की जा चुकी है. वहीं, आम जनता से भी सहयोग मांगा जा रहा है. वन मंडल धर्मशाला के डीएफओ दिनेश शर्मा का कहना है कि जंगल हम सभी के हैं, ऐसे में जंगलों में आग न लगाएं. सुलग रही बीड़ी को जंगल में न फेंके और न ही जंगलों को आग के हवाले करें. फायर सीजन से निपटने के लिए विभाग तैयार है, लेकिन इसमें जनसहयोग भी अपेक्षित है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर शहर में हाई वोल्टेज से लाखों के बिजली उपकरण बर्बाद, पूल्ड कॉलोनी और अणु कलां में दर्जनों घरों में नुकसान

फायर सीजन के लिए विभाग ने कसी कमर

धर्मशाला: गर्मियों का मौसम शुरु होने वाला है. हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी और जंगलों से भरे इलाके में आग लगने की घटनाएं भी गर्मियों के मौसम से सामने आना शुरु हो जाएंगी. हर साल जंगलों में लगने वाली आग में न सिर्फ वन संपदा को नुकसान पहुंचता है बल्कि कई जानवर और पशु-पक्षी इसमें जिंदा जल कर मर जाते हैं. कई दुलर्भ प्रजातियां भी जंगलों में लगने वाली इस आग की भेंट चढ़ जाती हैं. पहाड़ी और जंगली इलाकों में पाई जाने वाली दुर्लभ औषधियां भी आग में जल कर राख हो जाती हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश में वन विभाग ने जंगल में लगने वाली आग से बचाव के लिए कमर कस ली है.

48 अति संवेदनशील फॉरेस्ट बीट्स चिन्हित: बता दें की वन मंडल धर्मशाला ने 48 ऐसी फॉरेस्ट बीट्स चिन्हित की हैं, जिन्हें की विभाग ने अति संवेदनशील श्रेणी में रखा है. वन विभाग ने 48 ऐसी फॉरेस्ट बीट्स को ढूंढ निकाला है, जिनमें लगभग पिछले 5 साल से हर बार आग लगती है. यह रिकॉर्ड विभाग ने 3 साल के वनों में आग लगने के रिकॉर्ड के आधार पर निकाला है और उसी के आधार पर अति संवेदनशील बीट्स चिन्हित की जाती हैं.

पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल राहत में वन विभाग: गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी माह से ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी थीं और मार्च माह आते-आते आगजनी के 10 मामले सामने आ गए थे. जबकि इस बार विभाग अभी तक राहत में है, हालांकि मार्च माह खत्म होने को है लेकिन गनीमत रही की जंगलों में इस साल आगजनी की घटना नहीं हुई है. फायर सीजन के लिए विभाग ने रेंज लेवल पर कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं.

वन अधिकार समितियों और विलेज फॉरेस्ट मैनेजमेंट सोसायटियों का भी सहयोग आग बुझाने में लिया जाता है. फायर वालंटियर नियुक्त करने की तैयारी विभाग द्वारा की जा चुकी है. वहीं, आम जनता से भी सहयोग मांगा जा रहा है. वन मंडल धर्मशाला के डीएफओ दिनेश शर्मा का कहना है कि जंगल हम सभी के हैं, ऐसे में जंगलों में आग न लगाएं. सुलग रही बीड़ी को जंगल में न फेंके और न ही जंगलों को आग के हवाले करें. फायर सीजन से निपटने के लिए विभाग तैयार है, लेकिन इसमें जनसहयोग भी अपेक्षित है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर शहर में हाई वोल्टेज से लाखों के बिजली उपकरण बर्बाद, पूल्ड कॉलोनी और अणु कलां में दर्जनों घरों में नुकसान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.