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निर्वासित तिब्बत सरकार के बजट सत्र का पांचवा दिन, मतदान को डिजिटल बनाने पर दिए गए सुझाव

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Published : Mar 19, 2021, 9:07 PM IST

निर्वासित तिब्बत सरकार के बजट सत्र के पांचवें दिन सांसद वेन की ओर से दो प्रस्ताव पेश किए गए. इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से चर्चा के लिए सदन द्वारा आगे बढ़ाया गया, संसद सदस्यों ने पारंपरिक तिब्बती पोशाक के ऐतिहासिक महत्व को बताते हुए विचार-विमर्श में भाग लिया और तिब्बत के अंदर जो तिब्बती संस्कृति के संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे है उनकी सुरक्षा की भी बात कही.

निर्वासित तिब्बत सरकार बजट सत्र
निर्वासित तिब्बत सरकार बजट सत्र

धर्मशाला: निर्वासित तिब्बत सरकार के बजट सत्र के पांचवें दिन सांसद वेन की ओर से पेश किए गए निजी सदस्य के बिल और संकल्प के साथ व्यवसाय की दिन की सूची में शामिल रहे निजी सदस्य के बिल और संकल्प पारंपरिक तिब्बती संस्कृति को विशेष तिब्बती संस्कृति के संरक्षण के लिए केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के गणमान्य व्यक्तियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के सदस्यों द्वारा विशेष महत्व दिया जाता है इसी तरह सीटीए कार्यालयों का दौरा करने वाली आम जनता को भी तिब्बती पोशाक पहनने का निर्देश दिया जाता है.

इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से चर्चा के लिए सदन द्वारा आगे बढ़ाया गया, संसद सदस्यों ने पारंपरिक तिब्बती पोशाक के ऐतिहासिक महत्व को बताते हुए विचार-विमर्श में भाग लिया और तिब्बत के अंदर जो तिब्बती संस्कृति के संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे है उनकी सुरक्षा की भी बात कही.

प्रस्ताव सदन में बहुमत से पारित

संसद वेन ने निजी सदस्य के विधेयक और कार्यस्थल पर बोलने जाने वाली तिब्बती भाषा को जोड़ने के साथ प्रस्ताव पारित किया. निजी सदस्यों के प्रस्ताव को सदन में बहुमत से पारित किया गया. लोक सेवा आयोग के बजट में वृद्धि के लिए प्रस्ताव सांसद ग्यात्संग न्गवांग थर्पा द्वारा प्रस्तुत किया गया जो सदन द्वारा अनुमोदित किया गया था. चुनाव आयोग के प्रस्तावित बजट पर बहस और सामाजिक और संसाधन विकास कोष (SARD) अगले बैठक के लिए खुला है क्योंकि इसमे कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

नेपाल में रहने वाले तिब्बतियों के लिए उठाई मांग

कई संसद सदस्यों ने नेपाल में रहने वाले तिब्बतियों के लिए अपनी चिंता व्यक्त की और नेपाल सरकार द्वारा तिब्बती शरणार्थियों के दस्तावेजों को बनाने के बात कही गई. निर्वासित तिब्बती समुदाय में मतदान को डिजिटल बनाने के लिए सुझाव भी दिए गए. खासकर नेपाल में रहने वाले तिब्बतियों के लिए सांसदों ने आवास सुविधा देने व उनकी समस्याओं को हल करने की भी सिफारिश की. कुछ सुझाव प्रदान किए गए थे और कुछ प्रश्न तिब्बती चुनाव आयोग, लोक सेवा आयोग और महिला सशक्तिकरण डेस्क के कामकाज के संबंध में किए गए थे.

पढ़ें: SMC शिक्षकों के नियमितीकरण को सरकार की 'न', विनय कुमार बोले- कांग्रेस सरकार आने पर हम बनाएंगे योजना

पढ़ें: पहेली बनी सांसद की मौत: गिरती सेहत की चिंता के बीच भी मन में थी जीने की इच्छा, तभी लगवाई कोरोना वैक्सीन

धर्मशाला: निर्वासित तिब्बत सरकार के बजट सत्र के पांचवें दिन सांसद वेन की ओर से पेश किए गए निजी सदस्य के बिल और संकल्प के साथ व्यवसाय की दिन की सूची में शामिल रहे निजी सदस्य के बिल और संकल्प पारंपरिक तिब्बती संस्कृति को विशेष तिब्बती संस्कृति के संरक्षण के लिए केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के गणमान्य व्यक्तियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के सदस्यों द्वारा विशेष महत्व दिया जाता है इसी तरह सीटीए कार्यालयों का दौरा करने वाली आम जनता को भी तिब्बती पोशाक पहनने का निर्देश दिया जाता है.

इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से चर्चा के लिए सदन द्वारा आगे बढ़ाया गया, संसद सदस्यों ने पारंपरिक तिब्बती पोशाक के ऐतिहासिक महत्व को बताते हुए विचार-विमर्श में भाग लिया और तिब्बत के अंदर जो तिब्बती संस्कृति के संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे है उनकी सुरक्षा की भी बात कही.

प्रस्ताव सदन में बहुमत से पारित

संसद वेन ने निजी सदस्य के विधेयक और कार्यस्थल पर बोलने जाने वाली तिब्बती भाषा को जोड़ने के साथ प्रस्ताव पारित किया. निजी सदस्यों के प्रस्ताव को सदन में बहुमत से पारित किया गया. लोक सेवा आयोग के बजट में वृद्धि के लिए प्रस्ताव सांसद ग्यात्संग न्गवांग थर्पा द्वारा प्रस्तुत किया गया जो सदन द्वारा अनुमोदित किया गया था. चुनाव आयोग के प्रस्तावित बजट पर बहस और सामाजिक और संसाधन विकास कोष (SARD) अगले बैठक के लिए खुला है क्योंकि इसमे कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

नेपाल में रहने वाले तिब्बतियों के लिए उठाई मांग

कई संसद सदस्यों ने नेपाल में रहने वाले तिब्बतियों के लिए अपनी चिंता व्यक्त की और नेपाल सरकार द्वारा तिब्बती शरणार्थियों के दस्तावेजों को बनाने के बात कही गई. निर्वासित तिब्बती समुदाय में मतदान को डिजिटल बनाने के लिए सुझाव भी दिए गए. खासकर नेपाल में रहने वाले तिब्बतियों के लिए सांसदों ने आवास सुविधा देने व उनकी समस्याओं को हल करने की भी सिफारिश की. कुछ सुझाव प्रदान किए गए थे और कुछ प्रश्न तिब्बती चुनाव आयोग, लोक सेवा आयोग और महिला सशक्तिकरण डेस्क के कामकाज के संबंध में किए गए थे.

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