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स्ट्रीट फूड विक्रेताओं पर कहर बनकर टूटा कोरोना! अनलॉक के बाद भी नहीं हो रहा मुनाफा - छोटे कारोबारी

स्ट्रीट वेंडर्स का कारोबार कोरोना महामारी की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. अनलॉक के बाद इनका काम तो शुरू हो गया है, लेकिन ग्राहक बहुत कम आ रहे हैं. इसकी वजह से स्ट्रीट वेंडरर्स को बहुत नुकसान हो रहा है. वहीं, सरकार ने भी नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं.

street vendors
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Published : Sep 29, 2020, 10:50 PM IST

धर्मशाला: कोरोना के इस दौर में रेहड़ी फड़ी वालों का कारोबार भी ठप हो गया है. लॉकडाउन में पहले इनका कारोबार बंद हो गया और अब अनलॉक में भी ग्राहक कम है. अब छोटी से आमदनी में सिर्फ इनका गुजर बसर चल रहा है. धर्मशाला में अनलॉक के बाद जब रेहड़ी फेड़ी का कारोबार शुरू हुआ तो सबसे ज्यादा जरूरी तमाम नियमों का पालन करना था. दुकानदारों ने इसका पालन भी शुरू किया. सबसे ज्यादा जरूरी था, मास्क, ग्लब्ज और सेन्टाइजर का इस्तेमाल किया जाए. साथ ही सोशल डिस्टसिंग का ग्राहकों के साथ पालन किया जाए जिससे दुकानदार अपना भी रहे हैं.

अनलॉक के साथ-साथ बाजारों में रौनक लौट तो रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण का डर अब भी लोगों को रेहड़ी-खोमचो से दूर ही रखे हुए है. होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट सब खुल चुके हैं, लेकिन ज्यादातर लोग बाहर खाने से अब भी परहेज कर रहे हैं. गिने चुने लोगों के सहारे ही इनका गुजर बसर हो रहा है.

वीडियो.

धर्मशाला में कॉलेज रोड के पास छोले टिकी की रेहड़ी लगाने वाले ओमकार कहते हैं कि लॉकडाउन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और अब जब काम दोबारा शुरू हुआ है तो काफी कुछ बदलाव हुए हैं. अब दुकान पर आने वाले ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने की अपील की जाती है. इसके अलावा सेनेटाइजर रखा गया है, ताकि दुकान पर आने वाले हर ग्राहक इसका उपयोग कर सके. उन्होंने कहा कि अभी भी लोग दुकानों में कम आ रहे हैं और कारोबार में कोई ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है.

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स्ट्रीट फूड

वहीं, बर्गर की रेहड़ी लगाने वाले उपराम कहते हैं कि कोरोना के इस दौर में 4 से 5 महीने बिल्कुल घर में बैठे रहे हैं. अब सावधानी बरतना जरूरी है. इसके लिए मास्क और ग्लब्ज पहनना जरूरी है. दुकान में आने वाले हर व्यक्ति से दूरी बनाए रखना जरूरी है.

वहीं, धर्मशाला के कचहरी के पास मोमो चाउमिन की दुकान करने वाले राजू थापा कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह से 5 महीने दुकान को बन्द रखा था और अभी ही दुकान को खोलना शुरू किया है. अब सावधानी के साथ दुकान खोली जा रही है. उन्होंने कहा कि दुकान अभी खोलने शुरू की है और इसी वजह से ग्राहक कम हैं. कोरोना की वजह से वे यहां आने से डर रहे हैं.

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स्ट्रीट वेंडर

एक तरफ जिंदगी रफ्तार पकड़ रही है तो दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के मामले रोज बढ़ रहे हैं. सरकार ने हर कारोबार के लिए जरूरी गाइडलाइंस जारी की हुई हैं, लेकिन डॉक्टरों की सबसे ज्यादा हिदायत उन लोगों को है जो बाहर का खाना या स्ट्रीट फूड का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं.

इस बारे में कांगड़ा सीएमओ डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि सरकार के दिशा निर्देशों के तहत अब सब खुल रहा है. अगर कोई भी व्यक्ति बाहर किसी दुकान में जाता है तो उसे तय नियमों का पालन करना होगा. सोशल डिस्टसिंग के साथ मास्क का इस्तेमाल जरूरी है. इसके अलावा स्ट्रीट वेंडर्स को भी नियमों का पालन करना होगा. वे अपनी दुकान में ग्लब्ज सेनेटाइजर और मास्क का इस्तेमाल करें ताकी किसी तरह का कोई खतरा न हो.

स्थानीय निवासी गोविंद सिंह ने कहा कि दुकान पर कुछ खाने के लिए जब भी घर से बाहर जाते हैं तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करते हैं कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाए. साथ ही स्थानीय निवासी रोहित शर्मा का कहना है कि जब भी बाहर खाने पीने के लिए जाते हैं तो पूरी सावधानी बरती जाती है, ताकि किसी तरह का कोई खतरा न हो. दुकानदार भी अपनी तरफ से सावधानी बरत रहे हैं और हर कोई जिम्मेदारी से इस वायरस से लड़ रहा है.

ये भी पढे़ं - कोरोना काल में बस सेवा से जुड़े लोगों का गुजारा हुआ मुश्किल

धर्मशाला: कोरोना के इस दौर में रेहड़ी फड़ी वालों का कारोबार भी ठप हो गया है. लॉकडाउन में पहले इनका कारोबार बंद हो गया और अब अनलॉक में भी ग्राहक कम है. अब छोटी से आमदनी में सिर्फ इनका गुजर बसर चल रहा है. धर्मशाला में अनलॉक के बाद जब रेहड़ी फेड़ी का कारोबार शुरू हुआ तो सबसे ज्यादा जरूरी तमाम नियमों का पालन करना था. दुकानदारों ने इसका पालन भी शुरू किया. सबसे ज्यादा जरूरी था, मास्क, ग्लब्ज और सेन्टाइजर का इस्तेमाल किया जाए. साथ ही सोशल डिस्टसिंग का ग्राहकों के साथ पालन किया जाए जिससे दुकानदार अपना भी रहे हैं.

अनलॉक के साथ-साथ बाजारों में रौनक लौट तो रही है, लेकिन कोरोना संक्रमण का डर अब भी लोगों को रेहड़ी-खोमचो से दूर ही रखे हुए है. होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट सब खुल चुके हैं, लेकिन ज्यादातर लोग बाहर खाने से अब भी परहेज कर रहे हैं. गिने चुने लोगों के सहारे ही इनका गुजर बसर हो रहा है.

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धर्मशाला में कॉलेज रोड के पास छोले टिकी की रेहड़ी लगाने वाले ओमकार कहते हैं कि लॉकडाउन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा और अब जब काम दोबारा शुरू हुआ है तो काफी कुछ बदलाव हुए हैं. अब दुकान पर आने वाले ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने की अपील की जाती है. इसके अलावा सेनेटाइजर रखा गया है, ताकि दुकान पर आने वाले हर ग्राहक इसका उपयोग कर सके. उन्होंने कहा कि अभी भी लोग दुकानों में कम आ रहे हैं और कारोबार में कोई ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है.

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वहीं, बर्गर की रेहड़ी लगाने वाले उपराम कहते हैं कि कोरोना के इस दौर में 4 से 5 महीने बिल्कुल घर में बैठे रहे हैं. अब सावधानी बरतना जरूरी है. इसके लिए मास्क और ग्लब्ज पहनना जरूरी है. दुकान में आने वाले हर व्यक्ति से दूरी बनाए रखना जरूरी है.

वहीं, धर्मशाला के कचहरी के पास मोमो चाउमिन की दुकान करने वाले राजू थापा कहते हैं कि लॉकडाउन की वजह से 5 महीने दुकान को बन्द रखा था और अभी ही दुकान को खोलना शुरू किया है. अब सावधानी के साथ दुकान खोली जा रही है. उन्होंने कहा कि दुकान अभी खोलने शुरू की है और इसी वजह से ग्राहक कम हैं. कोरोना की वजह से वे यहां आने से डर रहे हैं.

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स्ट्रीट वेंडर

एक तरफ जिंदगी रफ्तार पकड़ रही है तो दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के मामले रोज बढ़ रहे हैं. सरकार ने हर कारोबार के लिए जरूरी गाइडलाइंस जारी की हुई हैं, लेकिन डॉक्टरों की सबसे ज्यादा हिदायत उन लोगों को है जो बाहर का खाना या स्ट्रीट फूड का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं.

इस बारे में कांगड़ा सीएमओ डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि सरकार के दिशा निर्देशों के तहत अब सब खुल रहा है. अगर कोई भी व्यक्ति बाहर किसी दुकान में जाता है तो उसे तय नियमों का पालन करना होगा. सोशल डिस्टसिंग के साथ मास्क का इस्तेमाल जरूरी है. इसके अलावा स्ट्रीट वेंडर्स को भी नियमों का पालन करना होगा. वे अपनी दुकान में ग्लब्ज सेनेटाइजर और मास्क का इस्तेमाल करें ताकी किसी तरह का कोई खतरा न हो.

स्थानीय निवासी गोविंद सिंह ने कहा कि दुकान पर कुछ खाने के लिए जब भी घर से बाहर जाते हैं तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करते हैं कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाए. साथ ही स्थानीय निवासी रोहित शर्मा का कहना है कि जब भी बाहर खाने पीने के लिए जाते हैं तो पूरी सावधानी बरती जाती है, ताकि किसी तरह का कोई खतरा न हो. दुकानदार भी अपनी तरफ से सावधानी बरत रहे हैं और हर कोई जिम्मेदारी से इस वायरस से लड़ रहा है.

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