धर्मशाला- प्रदेश में स्कूली वर्दी की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने निराधार बताया है. वर्दी की गुणवत्ता को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस पर प्रदेश भर में अब तक मात्र एक शिकायत आई है, जिस पर प्रयोगिक और अधिकारिक रूप से कार्रवाई की जा रही है.
सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में दिए वक्तव्य में शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग को मुख्यमंत्री सेवा सकंल्प के माध्यम से प्रदेश भर से सिर्फ एक शिकायत आई है, सरकार किसी भी सूरत में वर्दी की गुणवत्ता से समझौता नहीं करेगी. इसके लिए सरकार ने 15 हजार वर्दियां रैंडम सैंपल की रिपोर्ट आने से पहले ही मास्टर सेंपल से रंग भिन्नता के वजह से वापस करवा दी हैं.
शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए पहली से जमा दो कक्षा के 8.30 लाख बच्चों को 2-2 जोड़े वर्दी बांटी गई है, जिसके लिए सरकार ने 57.89 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. वर्दी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खुली निविदाएं खाद्य व आपूर्ति निगम के माध्यम से आमंत्रित की एल-1 बिंडर कंपनी को इसका जिम्मा सौंपा. वर्दी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दो विभागीय अधिकारियों की ड्यूटी संबंधित कंपनी की कपड़ा मिल में लगाई गई थी, ताकि वह मिल से वर्दी डिस्पेच होने से पहला उनका मिलान मास्टर सेंपल की कर सकें.
इसके बाद स्कूलों में वर्दी वितरित करने से पहले 676 वर्दियां के रेंडम सैंपल लिए थे. सैंपल की जांच श्रीराम इस्टीटयूट ऑफ इंडस्ट्री रिसर्च की लैब में हुई. इसमें 675 सैंपल सही पाए गए हैं. मात्र एक सेंपल की रिपोर्ट अभी तक आनी है. अटल वर्दी योजना के तहत कक्षा पहली, तीसरी, छठी व नौवीं के 2 लाख 56 हजार 514 बैग वितरीत किए जा रहे हैं. जिसमें 128 बैगों के सैंपल लैब में भेजे थे जिसमें 32 की रिपोर्ट आ चुकी है और कुल बैगों में 25 फीसदी बैग वितरित भी किए जा चुके हैं.
कांग्रेस राज में हुई थी वर्दी आवंटन में गड़बड़ी
शिक्षा मंत्री ने वर्दी को लेकर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय वर्दी आवंटन में बहुत गड़बड़ी हुई है और सैंपल भी फेल हुए हैं. कांग्रेस कार्यकाल में वर्ष 2013-14 के दौरान 25 व 2014-15 के दौरान 125 सेंपल फेल हुए थे। पूर्व सरकार ने वर्दी आवंटन में नियमों का प्रावधान नहीं किया था और सैंपल रिपोर्ट आने से पूर्व ही वर्दियां बांटी दी जाती थी. इसके के चलते सैंपल फेल होने के बावजूद कांग्रेस लगभग छह करोड़ रुपये की रिकवरी तक नहीं कर पाई थी.