ज्वालामुखी: नवरात्रों में प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालाजी मंदिर में दिव्यांग व स्थानीय लोगों को मां ज्वाला के दर्शनों के लिए विशेष सुविधा मंदिर प्रशासन की ओर से की गई है. मंदिर प्रशासन की ओर से यहां दिव्यांग के लिए खासे इंतजाम किए गए हैं. ज्वालाजी के स्थानीय लोगों के लिए मंदिर का लोकल गेट सुबह 6 से 10 बजे तक मां के दर्शनों के लिए खुला रहेगा.
शुक्रवार को एसडीएम ज्वालाजी ने विभिन विभागों के साथ मिलकर ज्वालाजी मंदिर का दौरा किया. इस बारे जानकारी देते हुए एसडीएम ज्वालाजी अंकुश शर्मा ने बताया कि नवरात्रों में श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई समस्या न हो इसके लिए विशेष ध्यान रखा गया है. इसके तहत ज्वालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए 2 टाइम लंगर की व्यवस्था, जो श्रद्धालु लंगर लगवाएगा उसके लिए अलग से जगह चिन्हित, कन्या पूजन व मुंडन के लिए जगह चिन्हित करने के साथ ही मन्दिर में सफाई व्यवस्था को दरुस्त करने के लिए 60 अतिरिक्त कर्मचारी लगाए गए हैं.
इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा 75 सुरक्षा कर्मी देखेंगे. एसडीएम अंकुश शर्मा ने बताया कि नवरात्रों में सुबह 5 बजे मन्दिर के कपाट दर्शनों के लिए खोले जाएंगे और इस बीच श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा रही तो उसे देखते हुए मन्दिर 24 घण्टे भी खुला रहेगा. यही नहीं जिन लोगों के घरों, होटलों व धर्मशालाओं में पानी के टैंकर मंगवाए जाते हैं उनके लिए भी एक समय निर्धारित किया गया है. इसके तहत रात 10 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक ही यहां से लोग टैंकर पानी के मंगवा सकते हैं.
इस बार खामियां पाए जाने पर कमेटी का प्रधान होगा जिम्मेदार
नवरात्रों को लेकर एसडीएम ज्वालाजी ने श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए एक 13 सदस्यीय टीम की कमेटी बनाई है, साथ ही स्प्ष्ट किया है कि नवरात्रों में जो भी खामियां पाई गई उसके लिए कमेटी का प्रधान जिम्मेदार होगा, ऐसे में वह पूरी निष्ठा के साथ अपने कार्य को करें. इसके तहत सेक्टर मजिस्ट्रेट का जिम्मा तहसीलदार ज्वालामुखी, नायब तहसीलदार खुंडिया, नायब तहसीलदार मझींन व लगड़ू के पास है.
इसी तरह सुरक्षा व्यवस्था में उपमंडल पुलिस अधिकारी ज्वालाजी, थाना प्रभारी, सिक्योरिटी सुपरवाइजर व न्यास सदस्य सलेष शर्मा शामिल हैं. यातायात, पार्किंग, सफाई व पानी की व्यवस्था का जिम्मा सबंधित अधिकारियों को दिया गया है. खाद्य पदार्थों की आपूर्ति एवं मूल्य निर्धारण, भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध, बिजली व्यवस्था, श्रद्धालु, यात्री सहायता कक्ष, शहर में व मंदिर में लंगर व्यवस्था का जिम्मा सबंधित अधिकारियों को दिया गया. एसडीएम ने बताया कि कुछ एक व्यवस्थाओं का देखने का जिम्मा भी मन्दिर के ट्रस्टियों को भी दिया गया है.
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