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साहसिक पर्यटन हब बनेगा कांगड़ा जिला, पैराग्लाइडिंग गतिविधियों को मिलेगी नई उड़ान - मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

कांगड़ा के उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने आज धर्मशाला में जिला स्तरीय पैराग्लाइडिंग नियामक समिति की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले को साहसिक पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस मकसद से जिला प्रशासन कांगड़ा में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों को नई उड़ान देने में जुटा है. जिले की चारों पैराग्लाइडिंग साइट के विकास और वहां सुविधाओं के विस्तार की दिशा में तत्परता से काम किया जा रहा है.

paragliding committee meeting in Dharamshala
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Published : Mar 2, 2023, 8:18 PM IST

धर्मशाला: कांगड़ा जिले को साहसिक पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस मकसद से जिला प्रशासन कांगड़ा में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों को नई उड़ान देने में जुटा है. जिले की चारों पैराग्लाइडिंग साइट के विकास और वहां सुविधाओं के विस्तार की दिशा में तत्परता से काम किया जा रहा है. उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने यह बात वीरवार को धर्मशाला में आयोजित जिला स्तरीय पैराग्लाइडिंग नियामक समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.

उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का विजन है कि कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप विकसित किया जाए. उनके इस विजन को साकार करने में यहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने विशेषकर जिले को साहसिक पर्यटन का हब बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पैराग्लाइडिंग गतिविधियां साहसिक पर्यटन की महत्वपूर्ण घटक हैं. जिले में अभी चार पैराग्लाइडिंग साइट बीड़ बिलिंग, इंद्रुनाग, नरवाणा और मझीण हैं.

उन्होंने अधिकारियों को इन चारों पैराग्लाइडिंग साइट के विकास और वहां सुविधाएं बढ़ाने के लिए काम करने को कहा. उन्होंने इन जगहों पर टेक ऑफ तथा लैंडिंग साइट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर औपचारिकताएं पूरी कर मामले बनाने के निर्देश दिए. साथ ही इन जगहों पर आवश्यक सुधार कार्य करने को कहा.

बीड़ बिलिंग में महीने भर में शुरू हो जाएगा पैराग्लाइडिंग स्कूल: उपायुक्त ने कहा कि पैराग्लाइडिंग स्कूल बीड़ बिलिंग महीने भर में शुरू हो जाएगा. इससे पैराग्लाइडर पायलटों के प्रशिक्षण की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं, क्षेत्र में पर्यटन को नए पंख लंगेगे. उन्होंने कहा कि पैराग्लाइडिंग स्कूल के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया जाएगा.

बिलिंग टेक ऑफ साइट पर बनेगा कंट्रोल रूम, तैनात रहेगी एंबुलेंस: उपायुक्त ने पैराग्लाइडिंग संचालकों, पायलटों और पर्यटकों की सुविधा के लिए बिलिंग टेक ऑफ साइट पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकी सूचना तंत्र से सुसज्जित इस कंट्रोल रूम में एक परिचारक तथा दो आपदा मित्र तैनात रहेंगे. वे वहां पैराग्लाइडिंग के दौरान किसी भी दुर्घटना अथवा आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराने तथा सूचना प्रेषण में सहायक होंगे. इसके अलावा वहां स्वास्थ्य विभाग की एक एंबुलेंस भी तैनात रहेगी, जिसमें एक फार्मास्टि भी होगा.

बीड़ में 16 लाख से लगेगी प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन यूनिट: डॉ. निपुण जिंदल ने बीड़ बिलिंग क्षेत्र में विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के माध्यम से स्वच्छता सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि टेक ऑफ तथा लैंडिंग साइट पर साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें ताकि वहां आने वाले लोगों को कोई समस्या न हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे. उन्होंने कहा कि बीड़ में 16 लाख से प्लास्टिक ठोस कूड़ा प्रबंधन यूनिट लगाई जाएगी. इसके लिए धनराशि जारी की जा चुकी है. उन्होंने टेक ऑफ साइट पर शौचालय सुविधा के सुदृढ़ीकरण तथा वहां पानी व बिजली की नियमित सप्लाई आरंभ होने तक वैकल्पिक व्यवस्था बनाने को कहा.

3 दिन में बनाएं टेक ऑफ साइट के सुधार कार्य का प्राक्कलन: उपायुक्त ने साडा के अध्यक्ष एवं एसडीएम बैजनाथ को निर्देश दिए कि वे पैराग्लाइडिंग संचालकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बिलिंग टेक ऑफ साइट की सुधार संबंधी आवश्यकताओं का आकलन करें और सुधार कार्य के लिए बजट प्राक्कलन तैयार करें. उन्होंने कहा कि इसके लिए वहां बने कॉर्पस फंड से धन मुहैया कराया जाएगा.

नये ग्लाइडर के पंजीकरण को अब नहीं करना पड़ेगा इंतजार: उपायुक्त ने नये खरीदे ग्लाइडर के अविलंब अस्थाई पंजीकरण की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए. दरअसल अभी साल में दो बार 6-6 महीने के अंतराल पर पर्यटन विभाग, पर्वतारोहण संस्थान व अन्य विशेषज्ञों की तकनीकी कमेटी द्वारा ग्लाइडर तथा अन्य साजो सामान के निरीक्षण, पंजीकरण और प्रमाणीकरण की व्यवस्था है. निरीक्षण के उपरांत प्रत्येक ग्लाइडर को एक विशेष पहचान नंबर जारी किया जाता है, उसके उपरांत ही वे उड़ान भर सकते हैं.

बैठक में पैराग्लाइडिंग ऑपरेटरों ने बताया कि निर्धारित छमाही निरीक्षण के बीच की अवधि में यदि कोई नया ग्लाइडर खरीदे तो उसे पंजीकरण के लिए इंतजार करना पड़ता है. इस पर उपायुक्त ने कहा कि संचालकों की सुविधा के लिए प्रशासन अस्थाई पंजीकरण की व्यवस्था बनाने को पर्वतारोहण संस्थान मनाली के निदेशक को पत्र लिखेगा. उनसे संस्थान की मैक्लोडगंज स्थित इकाई के क्षेत्रीय निदेशक को समस्त औपचारिकताएं पूरा कर तकनीकी कमेटी के निरीक्षण तक अस्थाई पंजीकरण को प्राधिकृत करने का आग्रह किया जाएगा.

जिले में हैं 14 पंजीकृत पैराग्लाइडिंग संचालन इकाइयां: कांगड़ा जिले में 14 पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन अथवा संचालन इकाइयां, 346 पायलट और 387 पैराग्लाइडिंग इक्यूप्मेंट पंजीकृत हैं. पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन अथवा संचालन इकाईयों में 8 बीड़ बिलिंग में, 4 इंद्रुनाग में, तथा एक-एक नरवाणा और मझीण में कार्यशील हैं.

ये भी पढ़ें: जिस मन्नत नूर को मुसलमान समझ कर रहे थे विरोध, वो हिंदू है, कांग्रेस बोली: माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे अज्ञानी

धर्मशाला: कांगड़ा जिले को साहसिक पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस मकसद से जिला प्रशासन कांगड़ा में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों को नई उड़ान देने में जुटा है. जिले की चारों पैराग्लाइडिंग साइट के विकास और वहां सुविधाओं के विस्तार की दिशा में तत्परता से काम किया जा रहा है. उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने यह बात वीरवार को धर्मशाला में आयोजित जिला स्तरीय पैराग्लाइडिंग नियामक समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.

उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का विजन है कि कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप विकसित किया जाए. उनके इस विजन को साकार करने में यहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने विशेषकर जिले को साहसिक पर्यटन का हब बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पैराग्लाइडिंग गतिविधियां साहसिक पर्यटन की महत्वपूर्ण घटक हैं. जिले में अभी चार पैराग्लाइडिंग साइट बीड़ बिलिंग, इंद्रुनाग, नरवाणा और मझीण हैं.

उन्होंने अधिकारियों को इन चारों पैराग्लाइडिंग साइट के विकास और वहां सुविधाएं बढ़ाने के लिए काम करने को कहा. उन्होंने इन जगहों पर टेक ऑफ तथा लैंडिंग साइट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर औपचारिकताएं पूरी कर मामले बनाने के निर्देश दिए. साथ ही इन जगहों पर आवश्यक सुधार कार्य करने को कहा.

बीड़ बिलिंग में महीने भर में शुरू हो जाएगा पैराग्लाइडिंग स्कूल: उपायुक्त ने कहा कि पैराग्लाइडिंग स्कूल बीड़ बिलिंग महीने भर में शुरू हो जाएगा. इससे पैराग्लाइडर पायलटों के प्रशिक्षण की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं, क्षेत्र में पर्यटन को नए पंख लंगेगे. उन्होंने कहा कि पैराग्लाइडिंग स्कूल के उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया जाएगा.

बिलिंग टेक ऑफ साइट पर बनेगा कंट्रोल रूम, तैनात रहेगी एंबुलेंस: उपायुक्त ने पैराग्लाइडिंग संचालकों, पायलटों और पर्यटकों की सुविधा के लिए बिलिंग टेक ऑफ साइट पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकी सूचना तंत्र से सुसज्जित इस कंट्रोल रूम में एक परिचारक तथा दो आपदा मित्र तैनात रहेंगे. वे वहां पैराग्लाइडिंग के दौरान किसी भी दुर्घटना अथवा आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराने तथा सूचना प्रेषण में सहायक होंगे. इसके अलावा वहां स्वास्थ्य विभाग की एक एंबुलेंस भी तैनात रहेगी, जिसमें एक फार्मास्टि भी होगा.

बीड़ में 16 लाख से लगेगी प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन यूनिट: डॉ. निपुण जिंदल ने बीड़ बिलिंग क्षेत्र में विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के माध्यम से स्वच्छता सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि टेक ऑफ तथा लैंडिंग साइट पर साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें ताकि वहां आने वाले लोगों को कोई समस्या न हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे. उन्होंने कहा कि बीड़ में 16 लाख से प्लास्टिक ठोस कूड़ा प्रबंधन यूनिट लगाई जाएगी. इसके लिए धनराशि जारी की जा चुकी है. उन्होंने टेक ऑफ साइट पर शौचालय सुविधा के सुदृढ़ीकरण तथा वहां पानी व बिजली की नियमित सप्लाई आरंभ होने तक वैकल्पिक व्यवस्था बनाने को कहा.

3 दिन में बनाएं टेक ऑफ साइट के सुधार कार्य का प्राक्कलन: उपायुक्त ने साडा के अध्यक्ष एवं एसडीएम बैजनाथ को निर्देश दिए कि वे पैराग्लाइडिंग संचालकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बिलिंग टेक ऑफ साइट की सुधार संबंधी आवश्यकताओं का आकलन करें और सुधार कार्य के लिए बजट प्राक्कलन तैयार करें. उन्होंने कहा कि इसके लिए वहां बने कॉर्पस फंड से धन मुहैया कराया जाएगा.

नये ग्लाइडर के पंजीकरण को अब नहीं करना पड़ेगा इंतजार: उपायुक्त ने नये खरीदे ग्लाइडर के अविलंब अस्थाई पंजीकरण की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए. दरअसल अभी साल में दो बार 6-6 महीने के अंतराल पर पर्यटन विभाग, पर्वतारोहण संस्थान व अन्य विशेषज्ञों की तकनीकी कमेटी द्वारा ग्लाइडर तथा अन्य साजो सामान के निरीक्षण, पंजीकरण और प्रमाणीकरण की व्यवस्था है. निरीक्षण के उपरांत प्रत्येक ग्लाइडर को एक विशेष पहचान नंबर जारी किया जाता है, उसके उपरांत ही वे उड़ान भर सकते हैं.

बैठक में पैराग्लाइडिंग ऑपरेटरों ने बताया कि निर्धारित छमाही निरीक्षण के बीच की अवधि में यदि कोई नया ग्लाइडर खरीदे तो उसे पंजीकरण के लिए इंतजार करना पड़ता है. इस पर उपायुक्त ने कहा कि संचालकों की सुविधा के लिए प्रशासन अस्थाई पंजीकरण की व्यवस्था बनाने को पर्वतारोहण संस्थान मनाली के निदेशक को पत्र लिखेगा. उनसे संस्थान की मैक्लोडगंज स्थित इकाई के क्षेत्रीय निदेशक को समस्त औपचारिकताएं पूरा कर तकनीकी कमेटी के निरीक्षण तक अस्थाई पंजीकरण को प्राधिकृत करने का आग्रह किया जाएगा.

जिले में हैं 14 पंजीकृत पैराग्लाइडिंग संचालन इकाइयां: कांगड़ा जिले में 14 पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन अथवा संचालन इकाइयां, 346 पायलट और 387 पैराग्लाइडिंग इक्यूप्मेंट पंजीकृत हैं. पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन अथवा संचालन इकाईयों में 8 बीड़ बिलिंग में, 4 इंद्रुनाग में, तथा एक-एक नरवाणा और मझीण में कार्यशील हैं.

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