कांगड़ा: प्रदेश के कांगड़ा हवाई अड्डे क्षेत्र के आसपास लगातार पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. जिसके कारण कांगड़ा हवाई अड्डे पर आने और जाने वाले विमानों को लैंडिंग और टेक ऑफ करने में खतरा पैदा हो रहा है कहीं यह समस्या भयंकर रूप ना ले, इस पर मंथन के लिए कांगड़ा हवाई अड्डा परिसर में एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता एसडीएम कांगड़ा नवीन तंवर ने की, जिसमें कांगड़ा हवाई अड्डे के निदेशक व अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया.
'विमानों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं पक्षी': दरअसल, कांगड़ा हवाई अड्डा के निर्देशक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि क्षेत्र के आसपास लगातार पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. क्योंकि यहां मीट औक मुर्गे की दुकानों द्वारा आसपास कचरा फेंके जाने से पक्षी इसकी और आकर्षित होते हैं जो कि विमानों के लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. इससे पहले भी चार-पांच बार पक्षी विमान से टकरा चुके हैं. अगर इस वर्ष की बात की जाए तो इस साल भी दो बार पक्षी विमान से टकरा चुके हैं. इसमें एक हादसा तो इतना गंभीर था कि विमान को तीन दिनों तक कांगड़ा हवाई अड्डे पर ही मरम्मत के लिए रुकना पड़ा था, लेकिन इन सब हादसों में गनीमत यह रही कि कोई भी बड़ा हादसा नहीं हुआ.
स्थानीय प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग: कांगड़ा हवाई अड्डा के निदेशक धीरेंद्र सिंह ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि हवाई अड्डे के 10 किलोमीटर के दायरे में मीट व मुर्गे का काम करने वाले लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए जो खुले में मांस आदि का कचरा बाहर फेंकते हैं. इसके साथ हवाई अड्डा क्षेत्र के आसपास लगने वाले टावरों को लगाने की अनुमति हवाई अड्डा प्रशासन से ली जाए. धीरेंद्र सिंह ने कहां की हवाई अड्डे के पास खुले में लोग कचरा ना फेंके इसके लिए भी हवाई अड्डा प्रशासन की ओर से बकायदा बोर्ड लगाए जाएंगे.
ये भी पढ़ें: कांगड़ा हवाई अड्डे से हिसार के लिए शुरू हुई हवाई सेवा, किसी यात्री ने नहीं किया सफर