धर्मशालाः तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है कि तिब्बत के आध्यात्मिक नेता ने हमेशा महिलाओं को एक उत्पाद की तरह पेश किए जाने का हमेशा विरोध किया है. इंटरव्यू में यूरोप में शरणार्थी संकट के सवाल पर दिए गए जवाब को लेकर उनके ऑफिस ने कहा कि हो सकता है उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया हो. तिब्बत के आध्यात्मिक नेता खुद निर्वासित हैं.
उन्होंने कहा था कि यरोप को एक निश्चित सीमा तक ही शरणार्थियों को लेना चाहिए और उनका लक्ष्य होना चाहिए कि वह उन्हें उनके देश भेजें. ऑफिस से जारी पत्र में लिखा गया है कि क्या पूरा यूरोप मुस्लिम देश बन जाएगा, असंभव. या फिर अफ्रीकी देश बन जाएगा. यह भी असंभव. उन्होंने कहा कि यूरोप को यूरोपीय लोगों के लिए ही रखें.
बयान में कहा गया कि अनौपचारिक रूप से दिए गए बयान में कभी-कभी ऐसा होता है. हो सकता है कि किसी एक सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में यह अच्छा हो, लेकिन जब यह किसी ओर अन्य में लाया जाता है तो अनुवाद में उसका हास्य खो जाता है.
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